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सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी और RSS पर किया वार, गांधीजी का नाम लेकर कही ये बात

गांधी जयंती (Mahatma Gandhi Birth Anniversary) पर आज बुधवार को कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का नाम लिए बगैर उन पर हमला बोला. चिन्‍मयानंद केस (Chinmayanand Case) का नाम लिए बगैर सोनिया गांधी ने कहा कि जिन बहनों पर अत्‍याचार हुआ, वो अभी जेल में हैं.

Updated on: 02 Oct 2019, 02:59 PM

highlights

  • असत्‍य आधारित राजनीति करने वाले गांधीजी का मूल्‍य कैसे समझेंगे : सोनिया गांधी
  • साम-दाम-दंड-भेद के बाद भी देश टिका है, क्‍योंकि यहां गांधीजी के विचारों की आधारशिला है
  • खुद को सर्वेसर्वा बनाने वाले गांधीजी का नि:स्‍वार्थ कैसे समझेंगे

नई दिल्‍ली:

गांधी जयंती पर आज बुधवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर उन पर हमला बोला. चिन्‍मयानंद केस का नाम लिए बगैर सोनिया गांधी ने कहा कि जिन बहनों पर अत्‍याचार हुआ, वो अभी जेल में हैं. वहीं RSS का नाम लेकर उन्‍होंने कहा, गांधीजी का नाम लेना आसान है, लेकिन उनके आदर्शों पर चलना मुश्किल है. सोनिया गांधी ने कहा, पिछले कुछ दिनों से कुछ लोग साम-दाम-दण्ड-भेद का कारोबार चला रहे हैं. कुछ लोग चाहते हैं कि आरएसएस (RSS) देश का प्रतीक बन जाए लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है. वो कैसे समझेंगे कि गांधीजी बलिदान क्या है? चाहे इंदिरा गांधी हों या शास्त्रीजी हों, राजीवजी हों, नरसिम्हा जी सभी ने देश का निर्माण किया है. सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि  आज किसान परेशान हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है. जिन बहनों पर अत्याचार हुआ, वो जेल में है. आज देश को बचाने के लिए कार्यकर्ताओं को गली-गली जाना होगा.

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सोनिया गांधी बोलीं, साम-दाम-दंड-भेद की नीति के बाद भी भारत नहीं भटका है क्योंकि हमारे मुल्क में गांधी के विचारों की आधारशिला है. आजकल कुछ लोगों ने गांधी के विचारों उल्टा करने की कोशिश की है, कुछ लोग चाहते हैं कि गांधी नहीं RSS देश का प्रतीक बन जाए. लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सकता.

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सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि असत्य आधारित राजनीति करने वाले कैसे समझेंगे कि गांधी सत्य के पुजारी थे. जिन्हें सत्ता के लिए कुछ भी करना मंजूर है, वो कैसे समझेंगे कि गांधीजी अहिंसा के पुजारी थे. जिन्हें मौका मिलते ही अपने आपको सर्वेसर्वा बनाने की आदत हो, वो गांधी के नि:स्वार्थ का मूल्य कैसे समझेंगे.