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जब उसूलों पर चलने वाले नेता सोमनाथ चटर्जी को CPM ने दिखाया था पार्टी से बाहर का रास्ता

पार्टी से निकाले जाने के बाद छुब्ध सोमनाथ चटर्जी ने कहा था कि भविष्य के स्पीकर अपने दल से इस्तीफा देकर इस पद पर आसीन हों।

Updated on: 13 Aug 2018, 10:35 AM

नई दिल्ली:

इतिहास में ऐसे मौके काफी कम आते हैं जब कोई राजनेता अपनी राजनीति और पार्टी से ऊपर उठ कर काम करे कुछ ऐसे ही थे पूर्व लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी। राजनीति के इस दिग्गज को पार्टी ने सिर्फ इसलिए बाहर का रास्ता दिखा दिया था क्योंकि इन्होंने पार्टी से ऊपर उठकर अपने कर्तव्य का पालन किया था। यह मौका आया था साल 2008 में जब संसद में भारत-अमेरिका परमाणु समझौता विधेयक के विरोध में सीपीएम ने तत्कालीन मनमोहन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। तब सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष थे। पार्टी ने उन्हें स्पीकर पद छोड़ देने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने थे।

पार्टी का आदेश न मानने के कारण सीपीएम से उन्हें निकाल दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने सबसे दुखद दिन बताया था। सोमनाथ ने अपने निष्कासन के बाद कहा था कि यह उनके लिए 'सबसे दुखी दिन' था।

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पार्टी के इस कदम से नाराज सोमनाथ चटर्जी ने कहा था कि भविष्य के स्पीकर अपने दल से इस्तीफा देकर इस पद पर आसीन हों। साल 2009 में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया था।

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अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में सोमनाथ चटर्जी ने लोकसभा के शून्य काल का लाइव प्रसारण शुरु करवाया था। साल 2006 से लोकसभा टीवी का प्रसारण 24 घंटे के लिए किया जाने लगा था।