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तीसरी से पांचवी लाइन में क्‍यों की गई मेरे बैठने की व्‍यवस्‍था, संजय राउत ने वेंकैया नायडू को लिखा पत्र

बीजेपी से नाता तोड़ने के साथ ही संसद में शिवसेना सांसदों के बैठने की व्‍यवस्‍था भी बदल गई है. शिवसेना नेता संजय राउत अब तीसरी के बदले पांचवीं लाइन में बैठेंगे. इसका विरोध करते संजय राउत ने कहा, यह शिवसेना की आवाज को दबाने की कोशिश है.

Updated on: 20 Nov 2019, 03:43 PM

नई दिल्‍ली:

शिवसेना से राज्‍यसभा के सांसद संजय राउत ने राज्‍यसभा के चेयरमैन एम. वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर नई सीटिंग एरेजमेंट बहाल होने को लेकर विरोध जताया है. नायडू को लिखे पत्र में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि अभी एनडीए से औपचारिक रूप से नाता भी नहीं टूटा है, लेकिन बैठने की व्‍यवस्‍था बदल गई है. यह शिवसेना की आवाज दबाने और शिवसैनिकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है. एनडीए से नाता तोड़ने के बाद शीतकालीन सत्र में शिवसेना की बैठने की व्‍यवस्‍था भी बदल गई है. संजय राउत को तीसरी लाइन के बदले अब पांचवी लाइन में बैठना होगा. राउत ने कहा, सीट बदलने की व्‍यवस्‍था को लेकर मैं आश्‍चर्यचकित हूं.

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संजय राउत ने कहा, मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि अभी तक एनडीए से औपचारिक रूप से एनडीए से नाता भी नहीं टूटा है और राज्‍यसभा में बैठने की व्‍यवस्‍था तक बदल गई. यह शिवसेना को नीचा दिखाने की कोशिश है. बैठने की नई व्‍यवस्‍था से राज्‍यसभा की गरिमा प्रभावित होगी. पत्र में संजय राउत ने लिखा है कि मैं आपसे (राज्‍यसभा चेयरमैन एम वेंकैया नायडू) मांग करता हूं कि मेरे बैठने की व्‍यवस्‍था 1/2/3 लाइन में करें, ताकि सदन की गरिमा प्रभावित न हो.

महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव परिणामों के आने के बाद शिवसेना ने बीजेपी से ढाई-ढाई साल के सीएम की मांग की थी, जिसे बीजेपी ने ठुकरा दिया था. शिवसेना आदित्‍य ठाकरे को ढाई साल के लिए मुख्‍यमंत्री बनाने की मांग कर रही थी और इसके लिए बाला साहब ठाकरे के सपनों का हवाला दिया था.

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बीजेपी से बात नहीं बनी तो शिवसेना एनडीए से अलग हो गई. साथ ही मोदी सरकार में शिवसेना के एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत ने इस्‍तीफा दे दिया. शिवसेना ने यह भी कहा था कि इस्‍तीफा को ही एनडीए से नाता तोड़ना समझा जाए. उसके बाद शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस की ओर देखने लगी. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं से बात भी की. कांग्रेस ने अपने तीन वरिष्‍ठ नेताओं को बातचीत के लिए महाराष्‍ट्र भेजा. हालांकि अब तक तीनों दलों में बात नहीं बन पाई है.