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कश्मीर पर BBC की रिपोर्टिंग को लेकर भड़के शेखर कपूर, पूछा ये सवाल

बीबीसी ने जम्मू-कश्मीर पर कई रिपोर्ट्स की हैं. लेकिन हाल ही में एक मास प्रोटेस्ट का वीडियो बनाकर लोगों के निशाने पर आ गई है

Updated on: 12 Aug 2019, 08:08 AM

नई दिल्ली:

फिलहाल दुनियाभर की नजरें जम्मू-कश्मीर पर टिकी हुईं है. राज्य से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद एक तरफ जहां मोदी सरकार के इस फैसले की जमकर तारीफ हो रही है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं. वहीं इसके बाद पाकिस्तान की बौखलाहट भी साफ तौर पर नजर आने लगी है. कुल मिलाकर राजनीति से जुड़े लोगों से लेकर विदेशी मीडिया तक हर कोई कश्मीर मुद्दे पर नजर जमाए हुए है.

इस बीच शेखर गुप्ता ने बीबीसी की रिपोर्टिंग पर सवाल उठाए हैं. दरअसल बीबीसी ने जम्मू-कश्मीर पर कई रिपोर्ट्स की हैं. लेकिन हाल ही में एक मास प्रोटेस्ट का वीडियो बनाकर लोगों के निशाने पर आ गई है. इसी वीडियो पर शेखर गुप्ता ने भी सवाल उठाए हैं.  उन्होंने ट्वीट करते हुए बीबीसी से पूछा, जितनी बार भी आप कश्मीर को इंडियन आकुपाइड कश्मीर कहते हैं, मैं काफी आश्चर्यचकित होता हूं कि आप नॉर्थन आयरलैंड को ब्रिटिश ऑकुपाइड आयरलैंड कहने से क्यों इनकार करते हैं.

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क्या था बीबीसी के इस वीडियो में?

बीबीसी ने शनिवार को एक वीडियो रिपोर्ट दिखाई थी. इसमें दिखाया गया था कि अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद श्रीनगर में शुक्रवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ. इस प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को बल प्रयोग करना पड़ा. हालांकि सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर काफी सवाल उठे. काफी लोगों इस वीडियो में दी गई जानकारी पर संदेह कर रहे हैं. वहीं सरकार का कहना है कि कश्मीर में इक्का-दुक्का प्रदर्शन के अलावा कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं हुआ.

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मनगढ़ंत और रिपोर्टिंग करने वालों को मिलेगा नोटिस

अब जो भी कोई मीडिया संस्थान जम्मू-कश्मीर पर आधारहीन रिपोर्टिंग करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि अगर कोई भी मीडिया संस्थान संवेदनशील घाटी को लेकर 'मनगढ़ंत और भड़काऊ' कहानियां पेश करते हैं जिससे क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बिगड़ती है तो उन्हें कानूनी नोटिस दिए जा सकते है.

क्यों उठाया गया ये कदम?

दरअसल सरकार की तरफ से ये कदम उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद उठाया गया है जिनमें दावा किया गया था कि शुक्रवार को घाटी में जबरदस्त प्रदर्शन किया गया और बाद में हिंसा भी हुई. इसके अलावा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में विदेशी खबरों के हवाले से बताया गया था कि पुलिस ने लोगों पर काबू पाने के लिए पेलेट गन का सहारा लिया था, जिससे श्रीनगर के कई स्थानीय निवासी घायल हो गए. हालांकि, जम्मू और कश्मीर पुलिस ने सुरक्षा बलों द्वारा ऐसे किसी भी हमले या गोलीबारी से इनकार किया. इससे पहले पाकिस्तानी अखबार डॉन ने तो यहां तक दावा कर दिया था कि जम्मू-कश्मीर में 10 हजार से ज्यादा लोगों ने इकट्ठे होकर धारा 370 हटाए जाने का विरोध किया.