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जम्मू-कश्मीर पर झूठ बोलकर फंसी शेहला रशीद, सुप्रीम कोर्ट के वकील द्वारा दायर केस स्पेशल सेल को ट्रांसफर

जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद भी इनमें से एक हैं. उन्होंने रविवार को कश्मीर के हालात पर भारतीय सेना को कठघरे में खड़े करने वाले 10 ट्वीट किए

highlights

  • एक के बाद एक 10 ट्वीट कर जेएनयू की पूर्व छात्र नेता ने फैलाई अफवाहें.
  • भारतीय सेना पर लगाया स्थानीय लोगों को टॉर्चर का आरोप.
  • सेना ने शेहला के आरोपों को बेबुनियाद करार दे खारिज किया.

नई दिल्‍ली:

जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद भी इनमें से एक हैं. उन्होंने रविवार को कश्मीर के हालात पर भारतीय सेना को कठघरे में खड़े करने वाले 10 ट्वीट किए. इसमें उन्होंने दावा किया कि घाटी में मौजूदा हालात बहुत खराब है, लेकिन उनके दावों की हवा सेना ने कुछ घंटों में निकाल दी. भारतीय सेना ने उनके दावों को न सिर्फ खारिज किया बल्कि बेबुनियाद तक करार दे दिया. इस बीच सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने उन पर झूठ फैलाने के आरोप में मुकदमा चलाने की याचिका दायर की है. अब इस केस को स्पेशल सेल को ट्रांसफर कर दिया गया है.

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शेहला ने भारतीय सेना को किया बदनाम

बता दें शेहला रशीद ने रविवार को एक के बाद एक 10 ट्वीट किए. उन्होंने ट्वीट कर कहा जम्मू-कश्मीर के लोगों का कहना है कि पुलिस के पास कानून-व्यवस्था का कोई अधिकार नहीं रह गया है. सब कुछ अर्धसैनिक बलों के हाथों में है. एक एसचओ का ट्रांसफर सिर्फ इसलिए कर दिया गया क्योंकि सीआरपीएफ के एक जवान ने उसकी शिकायत की थी. इतना ही नहीं शेहला ने अपने ट्वीट पर आरोप लगाया कि सुरक्षाबल रात में घर में घुसते हैं और लड़कों को उठाकर ले जाते हैं. और तो और जेएनयू की छात्रा का कहना है शोपिया के आर्मी कैंप में चार लोगों को ले जाकर पूछताछ के नाम पर टॉर्चर किया गया. शेहला के इस सभी दावों को भारतीय सेना ने खंडन किया है. सेना ने कहा है कि ऐसी असत्यापित और फर्जी खबरें असामाजिक तत्वों और संगठनों द्वारा लोगों को भड़काने के लिए फैलाई जा रही है.

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जम्मू को लेकर भी फैलाई जा रही अफवाहें
महज शेहला रशीद की घटना से समझा जा सकता है कि किस तरह अफवाहें फैला कर जम्मू-कश्मीर में माहौल को सामान्य़ बनाने के रास्ते में अड़चनें डाली जा रही हैं. इस बीच जम्मू में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने धारा 144 को फिर से लागू करने की अफवाहों का खंडन किया है. अधिकारी ने साथ ही जम्मू में स्कूलों के बंद होने से इनकार किया और कहा कि जिले में हालात पूरी तरह सामान्य हैं. जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'धारा 144 को फिर से लागू करने व स्कूलों के बंद करने की अफवाह पूरी तरह निराधार है. जम्मू जिले के किसी भी हिस्से से किसी तरह की अवांछित घटना की सूचना नहीं है.'