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साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजे जाएंगे शशि थरूर

बेस्टसेलर किताबें 'व्हाइ आई एम अ हिंदू', 'द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर' और 'इनग्लोरियस एम्पायर' भी लिखी हैं.

Updated on: 19 Dec 2019, 04:00 AM

नई दिल्‍ली:

प्रख्यात लेखक, राजनेता और राजनयिक शशि थरूर को अंग्रेजी विषय में 2019 के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा जाएगा. थरूर को कुल 23 लेखकों के साथ उनकी अंग्रेजी में प्रकाशित किताब 'एन एरा ऑफ डार्कनेस : द ब्रिटिश एम्पायर इन इंडिया इन द क्रिएटिव नॉन-फिक्शन' के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा. साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने एक प्रेस विज्ञप्ति में यह घोषणा की. उन्हें 25 फरवरी 2020 को आयोजित होने वाले अकादमी के समारोह के दौरान उत्कीर्ण तांबे की पट्टिका, एक शॉल और एक लाख रुपये नकद दिए जाएंगे.

आपको बता दें कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर की यह किताब वर्ष 2016 में रिलीज हुई थी. थरूर को उनकी लिखी किताबों के लिए काफी प्रशंसा मिली है. उन्होंने बेस्टसेलर किताबें 'व्हाइ आई एम अ हिंदू', 'द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर' और 'इनग्लोरियस एम्पायर' भी लिखी हैं. थरूर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के लोकसभा सांसद हैं. वह अगले महीने कालीकट में होने वाले केरल साहित्य महोत्सव के संरक्षक भी हैं.

जानिए क्या है शशि थरूर की ये किताब
केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने साल 2016 में ‘एन ऐरा ऑफ डार्कनेस’ नामकी एक किताब लिखी थी. ये किताब ब्रिटेन में Inglorious Empire: What the British Did to India के नाम से छपी थी, शुरुआती 6 महीनों के भीतर ही इस किताब की भारी डिमांड हुई महज 6 महीने के भीतर ही इस किताब की 50 हजार से भी ज्यादा प्रतियां बिक गईं. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस किताब में ब्रिटिश राज के बारे में लिखा है. इस किताब में थरूर ने ब्रिटिश राज पर खूब तंज कसे हैं इसके अलावा इतिहास का जिक्र भी शशि थरूर ने अपनी इस किताब में किया है. थरूर ने इस किताब में 1857 की क्रांति 1919 का जलियांवाला बाग के अलावा ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत आना और फिर अंग्रेजी हुकूमत का भारत पर राज करके वापस जाना इस किताब में इसका पूरा वर्णन किया गया है.