logo-image

लोकसभा में मानव तस्करी-रोधी विधेयक पेश, शशि थरूर ने कहा- बिल में कई 'त्रुटियां'

कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा कि मानव तस्करी खासकर महिलाओं और बच्चों की तस्करी को रोकने वाले बिल में 'त्रुटियां' हैं।

Updated on: 27 Jul 2018, 07:29 AM

नई दिल्ली:

कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा कि मानव तस्करी खासकर महिलाओं और  बच्चों की तस्करी को रोकने वाले बिल में 'त्रुटियां' हैं और इसलिए इसे चर्चा के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए।

लोकसभा में मानव तस्करी (बचाव, सुरक्षा एवं पुनर्वास) विधेयक, 2018 पर बहस में भाग लेते हुए थरूर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के दो विशेषज्ञों ने सार्वजनिक रूप से चेतावनी दी है कि यह विधेयक 'काफी खराब' है।

थरूर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के दोनों विशेषज्ञों ने कहा था कि लोगों की तस्करी मानवधिकार का उल्लंघन है, लेकिन विधेयक आपराधिक पहलुओं पर अधिक जोर देता है, जबकि यह पीड़ितों के अधिकार, जरूरतों, प्रभावी सुरक्षा और समुचित पुनर्वास पर उचित महत्व नहीं देता है।

कांग्रेस नेता ने कहा, 'मैं भी सहमत हूं कि महिलाएं और बच्चे असुरक्षित हैं, क्योंकि हमारे कानून उन्हें विफल बनाते हैं। हम एक और ऐसा कानून नहीं बनाते हैं जो उन्हें विफल करें।'

थरूर ने कहा कि वह विधेयक का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन इसकी त्रुटियों को दूर किया जाना चाहिए।

और पढ़ें: कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर, अनंतनाग में आतंकी हमला, 3 जवान जख्मी

उन्होंने कहा, 'मैं आग्रह करता हूं कि मंत्री (संबंधित) इस विधेयक को स्थायी समिति को भेजे। यह आश्चर्यजनक है कि यह नहीं किया गया है..हम तस्करी के खिलाफ एक मॉडल कानून बना सकते हैं, जिसकी ओर पूरी दुनिया, पूरी दक्षिण एशिया देखे और कहे कि भारत ने एक उदाहरण पेश किया है।'

थरूर की मांग का विपक्षी पार्टी के कुछ सदस्यों ने समर्थन किया।

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने लोकसभा में मानव तस्करी-रोधी विधेयक पेश किया, जिसमें दोषियों को सजा देने और मानव तस्करी की शिकार महिलाओं और बच्चों के लिए सहायक कानूनी, आर्थिक और समाजिक माहौल बनाने का प्रावधान है।

और पढ़ें: अफ्रीका में पीएम मोदी के गाय उपहार देने पर ममता की चुटकी, कहा मैं भी शादियों में दूंगी गाय गिफ्ट