logo-image

CAA Protest : सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शाहीन बाग में नागरिकता कानून के खिलाफ धरना-प्रदर्शन मामला

वकील अमित साहनी (Lawyer Amit Sahni) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

Updated on: 20 Jan 2020, 05:58 PM

नई दिल्ली:

नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ शाहीन बाग के कालिंदी कुंज रोड पर हो रहा धरना-प्रदर्शन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. वकील अमित साहनी (Lawyer Amit Sahni) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में उन्होंने कहा है कि, रोड जाम से लोगो की खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट (High Court) ने स्थिति की मॉनिटरिंग को लेकर कोई खास दिशा निर्देश देने के बजाए ऑथॉरिटी को उचित कदम उठाने को कहकर मामले का निपटारा कर दिया.

आपको बता दें कि याचिकाकर्ता अमित साहनी ने इस बात की मांग की है कि नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन की वजह से शाहीन बाग में बन रही स्थिति को और खराब होने से रोकने और इस धरना प्रदर्शन को हिंसक होने से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट अपने रिटायर्ड जज या दिल्ली हाई कोर्ट के सेवारत जज से इस धरना प्रदर्शन की मॉनिटरिंग करवाए ताकि भविष्य में होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा या फिर बवाल से लोगों को बचाया जा सके.

दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज की थी याचिका
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को शाहीन बाग से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने की याचिका खारिज कर दी. इसके अलावा याचिका में डीएनडी फ्लाईवे सहित इलाके से जुड़े क्षेत्र में यातायात को सुचारु करने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स और रुकावट को दूर करने की भी मांग की गई थी. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (आईजीएनओयू) के छात्र तुषार सचदेव द्वारा दायर याचिका को मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने खारिज कर दिया. याचिका में कहा गया था, "लाखों लोगों को परेशानी हो रही है और यह लोगों के लिए आपातकाल जैसी स्थिति है. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों के दोनों तरफ बैरिकेड्स और भारी पत्थर लगा दिए हैं और पैदल चलने वालों को भी आने जाने नहीं दिया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने डिवाइडर्स और सरकारी खजाने सहित अन्य सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है."

यह भी पढ़ें-सिर्फ फ्री हेल्थ चेकअप की वजह से नहीं खरीदें हेल्थ इंश्योरेंस, ध्यान रखें ये बातें

बीजेपी एमपी रविकिशन ने लगाया था ये आरोप
दिल्ली के शाहीनबाग और लखनऊ के घंटाघर में महिलाओं के द्वारा हो रहे प्रदर्शन पर गोरखपुर के बीजेपी सांसद और फिल्म अभिनेता रवि किशन ने न्यूज़ स्टेट से बात करते हुए कहा कि जो भी महिलाएं वहां पर धरना दे रही हैं, वह सभी 500-500 रुपये में किराए पर लाई जा रही हैं. कांग्रेस बच्चों और महिलाओं को आगे करके बीजेपी का विरोध कर रही है. उनको पता नहीं है कि सीएए और एनआरसी क्या है? ऐसी महिलाओं को बरगला कर कांग्रेस पार्टी अपना मतलब साध रही है.

यह भी पढ़ें-राज्यों को केंद्र से असहमत होने का अधिकार, सीएए के लिए बाध्य नहीं कर सकते : कांग्रेस

प्रदर्शनकारियों ने ऐसे दिया था जवाब
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले एक महीने से अधिक समय से यहां शाहीन बाग में चल प्रदर्शन के बीच 'नो कैश नो पेटीएम' के पोस्टर लगे दिखाई दिए हैं. ये पोस्टर उस आरोप के जवाब में लगाए गए हैं, जिनमें कहा गया है कि यहां आने के लिए हर महिला को 500 रुपये दिए जा रहे हैं. इस आरोप से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में कहा गया है कि प्रत्येक महिला को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए 500 रुपये दिए जा रहे हैं. इसी वीडियो के जवाब में अब शाहीन बाग में जगह-जगह 'नो कैश नो पेटीएम' के पोस्टर लगाए गए हैं. प्रदर्शनकारियों के अनुसार, प्रदर्शन स्थल पर ये पोस्टर यह बताने के लिए लगाए गए हैं कि न यहां कोई पैसे ले रहा है और न कोई पैसे दे रहा है.