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ओडिशा के तट से आज टकराएगा भयंकर तूफान 'फानी', कई उड़ानों सहित 223 ट्रेनें रद्द

हवा की इस रफ्तार से उसके खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है. पिछले 43 सालों में भारत के पड़ोसी समुद्री क्षेत्र में उठा इतनी तीव्रता वाला यह पहला तूफान है.

Updated on: 03 May 2019, 08:33 AM

नई दिल्ली:

बंगाल की खाड़ी में उठा भयंकर चक्रवाती तूफान फानी शुक्रवार की सुबह ओडिशा के पुरी, चंदबली और गोपालपुर के तट से टकराएगा. गुरुवार की शाम को यह पुरी से दक्षिण-पश्चिम में 320 किलोमीटर दूरी पर था. तूफान के ओडिशा समुद्री तट से टकराते समय हवा की रफ्तार 170 से 180 किमी व अधिकतम 200 किमी प्रति घंटा रह सकती है. हवा की इस रफ्तार से उसके खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है. पिछले 43 सालों में भारत के पड़ोसी समुद्री क्षेत्र में उठा इतनी तीव्रता वाला यह पहला तूफान है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की उच्च स्तरीय बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फानी तूफान से निपटने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा की. ओडिशा के 15 जिलों में 10 हजार से ज्यादा गांवों और 52 कस्बों पर तूफान अपना कहर ढा सकता है. इस तूफान से ओडिशा में 12 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे, इसलिए उन्हें दूसरे सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. तीनों सेनाओं व अन्य एजेंसियों को पहले ही अलर्ट किया जा चुका है. वायु सेना ने गुवाहाटी, कोलकाता और अंडल के सिविल हवाई अड्डे से लड़ाकू विमान के संचालन का अभ्यास किया है, ताकि आपात स्थिति में राहत और बचाव कार्य यहां से शुरू किया जा सके.

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इन राज्यों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर
मौसम विभाग ने बताया कि ओडिशा के पुरी के पास शुक्रवार की सुबह यह खतरनाक तूफान टकराएगा. यह तेजी से पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में आगे की ओर बढ़ रहा है. फानी तूफान का सबसे ज्यादा प्रभाव ओडिशा के अलावा आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों व पश्चिम बंगाल पर पड़ेगा. इनसे जुड़े अन्य राज्यों में तेज हवाएं व भारी बारिश हो सकती है. ओडिशा के करीब आठ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है. राज्य में लगभग 12 लाख लोग इस तूफान से प्रभावित होंगे.

1999 में आया था सुपर साइक्लोन, मारे गए थे 10 हजार लोग
साल 1999 में आए सुपर साइक्लोन के बाद से सबसे भीषण तूफानों में से पहले नंबर पर है फानी. संयुक्त तूफान चेतावनी केंद्र (ZWUTC) के मुताबिक तब इस तूफान ने ओडिशा में भयंकर तबाही मचाई थी और लगभग 10 हजार लोग मारे गए थे.

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NDRF के 4000 जवान तैनात
तीनों राज्यों में फानी तूफान की आहट के चलते वहां के हालात से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) की 81 टीमों को तैनात कर दिया गया है. इनमें 4000 से भी ज्यादा जवान हैं, जो राहत और बचाव के कार्यों को अंजाम देंगे. एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने बताया कि करीब 50 टीमें ओडिशा, आंध्र व बंगाल के तटीय इलाकों में पहले से तैनात कर दी गई हैं. 31 अन्य टीमों को तैयार रखा गया है. चूंकि तूफान पुरी के तट से टकराएगा, इसलिए वहां सर्वाधिक 28 टीमें तैनात की गई हैं. आंध्र में 12 और बंगाल में छह टीमें तैनात की गई हैं.

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इंडिगो ने फानी तूफान के चलते उड़ानें रद कीं
रियायती दरों पर हवाई सफर करवाने वाली विमानन कंपनी इंडिगो ने 2 मई को विशाखापत्तनम की उड़ानें निरस्त कर दीं. कंपनी ने यात्रियों से उसकी वेबसाइट पर नजर रखने की सलाह दी है. विस्तारा एयरलाइन ने तूफान के कारण भुवनेश्वर व कोलकाता की चेंज व कैंसलेशन फीस 2 से 5 मई तक माफ कर दी है. तीन से चार मई के बीच भुवनेश्वर और कोलकाता एयरपोर्ट से भी सभी उड़ानें रद कर दी गई है. इस दौरान कोई विमान यहां लैंड भी नहीं करेगा.

रेलवे ने तूफान के चलते 223 ट्रेनें रद की
रेलवे ने बताया कि कोलकाता-चेन्नई रूट पर ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती क्षेत्रों से गुजरने वाली ट्रेनों समेत कुल 223 ट्रेनों को रद कर दिया गया है. इनमें नई दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी, पुरी-नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस भी शामिल है. शुक्रवार को भी ये ट्रेनें नहीं चलेंगी, जबकि प्रभावित क्षेत्रों में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए तीन विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी. रेलवे ने कहा है कि वह निरस्त या डायवर्ट ट्रेनों के किराए का पूरा रिफंड करेगा, बशर्ते यात्रा दिनांक के तीन दिन में टिकट निरस्त करने के लिए पेश किए जाएंगे.