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खूनी खेल को बंद करे संघ परिवार, जेएनयू में नाजी स्‍टाइल में छात्रों-शिक्षकों पर हमला किया गया: पी विजयन

जेएनयू में रविवार शाम को भड़की हिंसा को लेकर जहां सरकार और विपक्षी दल आमने सामने हैं, वहीं केरल के मुख्‍यमंत्री पी विजयन ने कहा है कि संघ परिवार को यह खूनी खेल बंद करना चाहिए.

Updated on: 06 Jan 2020, 10:12 AM

नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली (Delhi) के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU-जेएनयू) में रविवार शाम को भड़की हिंसा को लेकर जहां सरकार और विपक्षी दल आमने सामने हैं, वहीं केरल (Kerala) के मुख्‍यमंत्री पी विजयन (P Vijyan) ने कहा है कि संघ परिवार को यह खूनी खेल (Bloody Game) बंद करना चाहिए. पी विजयन ने कहा- छात्रों पर हमला असहिष्णुता का परिणाम है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) के परिसर में छात्रों और शिक्षकों पर नाजी शैली (Nazi Style) में हमला किया गया. यह हमला उनलोगों ने किया, जो देश में अशांति और हिंसा पैदा करना चाहते हैं. संघ परिवार (Sangh Pariwar) को कैंपस में खूनखराबे के इस खतरनाक खेल को बंद करना चाहिए. अच्छा होगा यदि वे समझें कि छात्रों की आवाज ही भूमि की आवाज है.

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गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने जेएनयू हिंसा (JNU Violence) को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) से बात की है. उन्‍होंने हालात का जायजा लेने के लिए दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से बात की है. दिल्‍ली पुलिस ने ज्‍वाइंट सीपी शालिनी सिंह से मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है.

जेएनयू हिंसा को लेकर राहुल गांधी ने कहा है, हमारा देश फांसीवादी ताकतों के नियंत्रण में है. जेएनयू में जो आज हुआ यह उसी का अक्स है. नकाबपोशों की ओर से जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर क्रूर हमला किया गया, जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए. हमारा देश फांसीवादी ताकतों के नियंत्रण में है. हमारे बहादुर छात्रों की आवाज से डरते हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा, जेएनयू हिंसा को जानकर मैं बहुत हैरान हूं. जेएनयू में छात्रों को बेहरमी से पीटा गया. पुलिस को कैंपस में हिंसा रोककर तुरंत शांति बहाल करनी चाहिए. अगर यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्र सुरक्षित नहीं है तो देश कैसे आगे बढ़ेगा. अरविंद केजरीवाल ने जेएनयू हिंसा को लेकर उपराज्यपाल से भी बात की.

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बसपा सुप्रीमो ने जेएनयू हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की है. मायावती ने कहा, 'JNU में छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय व शर्मनाक. केन्द्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिए. इस घटना की न्यायिक जांच हो जाए ता बेहतर होगा.

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, जब जेएनयू परिसर में नकाबपोश गुंडे जेएनयू परिसर में घुस रहे थे तब पुलिस क्या कर रही थी. पुलिस प्रोटेक्शन के साथ कैंपस में गुंडे घुसे हैं. मैंने इस मामले में टीचर और स्टूडेंट्स से बात की है. इस हमले के बाद से कैंपस में दशहत का माहौल है. हॉस्टल के भीतर किसी छात्र का हाथ टूट गया है तो किसी के सिर में चोट लगी है. देश के प्रीमियर कैंपस में पहले वैचारिक लड़ाइयां होती थी, लेकिन अब यह हमलों में तब्दील हो गई है. उन्‍होंने कहा, देश में ऐसे ही चलता रहा तो कैसे कोई संस्थान बचेगा. जब पुलिस को कैंपस में होना चाहिए तब वो एक किमी बाहर रास्ता बंद किए हुए खड़ी है और कैंपस में नकाबपोश गुंडे घूम रहे हैं वहीं जब इन्हें कैंपस में बच्चों की मदद करनी चाहिए थे तब ये बाहर थे.

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उधर, प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, "एम्स ट्रॉमा सेंटर में घायल छात्रों ने मुझे बताया कि गुंडों ने परिसर में प्रवेश किया और उन पर लाठी और अन्य हथियारों से हमला किया. कई लोगों के सिर पर अंग और चोट के निशान थे. एक छात्र ने कहा कि पुलिस ने उसके सिर पर कई बार लात मारी.