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विदेश मंत्री एस जयशंकर को गुजरात से राज्‍यसभा में भेज सकती है बीजेपी

अभी गुजरात विधानसभा में बीजेपी के 105 (बागी कांग्रेस विधायकों सहित) विधायक हैं और राज्‍यसभा में एक उम्‍मीदवार को जिताने के लिए कम से कम 62 वोटों की आवश्यकता होती है.

Updated on: 04 Jun 2019, 12:25 PM

highlights

  • रविशंकर प्रसाद की जगह रामविलास पासवान आ सकते हैं उच्‍च सदन में
  • अभी रामविलास पासवान किसी भी सदन के नहीं हैं सदस्‍य
  • पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी को चौंकाते हुए एस जयशंकर को बनाया था विदेश मंत्री 

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री के रूप में शामिल एस जयशंकर गुजरात से राज्यसभा में भेजे जा सकते हैं. बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने गांधीनगर और स्‍मृति ईरानी ने उत्‍तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद राज्‍यसभा की सदस्‍यता से त्‍यागपत्र दे दिया था. दोनों नेता गुजरात के कोटे से राज्‍यसभा के सदस्‍य थे. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, इनमें से एक सीट पर एस जयशंकर को चुनकर राज्‍यसभा भेजा जा सकता है.

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उधर, पटना साहिब से लोकसभा सदस्‍य के रूप में चुने गए रविशंकर प्रसाद भी राज्‍यसभा के सदस्‍य हैं और उनकी भी सीट खाली होने वाली है. माना जा रहा है कि रविशंकर प्रसाद की जगह बीजेपी सहयोगी दल लोक जनशक्‍ति पार्टी के अध्‍यक्ष रामविलास पासवान को राज्‍यसभा में भेज सकती है. रामविलास पासवान ने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था और इस समय वे संसद के किसी भी सदन के सदस्‍य नहीं हैं. नियमों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री को शपथ लेने के छह माह के भीतर सांसद बनना होता है। वह या तो निचले सदन के संसद सदस्य चुने जाने के लिए चुनाव लड़ सकते हैं या उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है.

अभी गुजरात विधानसभा में बीजेपी के 105 (बागी कांग्रेस विधायकों सहित) विधायक हैं और राज्‍यसभा में एक उम्‍मीदवार को जिताने के लिए कम से कम 62 वोटों की आवश्यकता होती है.

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एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह एस जयशंकर को विदेश मंत्री बनाया था. उन्होंने जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव के रूप में कार्य किया और पिछली सरकार में विदेश मंत्री के रूप में उन्हें और स्वराज दोनों को भारत की विदेश नीति में जीवंतता लाने का श्रेय दिया गया.