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मोहन भागवत ने हिंदुत्व की गढ़ी बेहद ही सुंदर परिभाषा, कहा- भाषा, जाति से भले अलग लेकिन....

देश भर में पिछले कई दिनों से सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मोदी सरकार पर विपक्षी पार्टियां भी इसे लेकर लगातार हमला कर रही है. देश में मचे बवाल शांत हो इसे लेकर बीजेपी सरकार और आरएसएस लगातार कोशिश कर रही है.

Updated on: 19 Jan 2020, 12:46 PM

नई दिल्ली:

देश भर में पिछले कई दिनों से सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मोदी सरकार पर विपक्षी पार्टियां भी इसे लेकर लगातार हमला कर रही है. देश में मचे बवाल शांत हो इसे लेकर बीजेपी सरकार और आरएसएस लगातार कोशिश कर रही है. आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि हम अपने पहचान से एक हैं. हम अपने संस्कृति से एक हैं. भले ही हम अलग-अलग नाम और जाति से जाने जाते हैं.

यूपी में एक सभा को संबोधित करते हुए मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा, 'हम अपने पंत से , नामों से, भाषा से , जाति उपजाति से , प्रांतो से एकदम अलग होंगे भी तो भी हम अपने पहचान से एक है , हम अपने संस्कृति से एक है, हम अपनी आंकाशा में एक है और हम अपने भूतकाल में भी एक है'.'

इसके साथ ही भागवत ने कहा, 'संविधान कहता है कि हमें भावनात्मक एकीकरण लाने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन भावना क्या है? वो भावना है- यह देश हमारा है, हम अपने महान पूर्वजों के वंशज हैं और हमें अपनी विविधता के बावजूद एक साथ रहना होगा। इसे ही हम हिंदुत्व कहते हैं.'

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सीएए को लेकर भागवत ने कहा कि यह देश के हित में है, मगर कुछ लोग इसे लेकर विरोध कर रहे हैं.

बता दें कि आरएसएस ने मोदी सरकार की सीएए के कदम की प्रशंसा की है. अब संघ मोदी सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं. संघ का अगला एजेंडा जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर देशभर में आंदोलन करना है. मोहन भागवत ने कहा कि हम हमेशा से दो बच्चों के समर्थन में रहे हैं. हालांकि, इस संबंध में अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है.

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भागवत ने कहा कि सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे जनसंख्या पर लगाम लग सके.