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जम्मू-कश्मीर में खाद्य पदार्थ की कोई कमी नहीं, सरकार ने लगा दिया भंडार

राज्य प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि क्षेत्र में सार्वजनिक व्यवस्था हर कीमत पर बनी रहे

Updated on: 06 Aug 2019, 06:28 AM

highlights

  • जम्मू-कश्मीर में खाने की कोई कमी नहीं
  • सरकार ने लगा दिया भंडार
  • शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील

ऩई दिल्ली:

श्रीनगर में योजना आयोग के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने कहा कि केंद्र सरकार ने कश्मीर के लोगों से निवेदन किया है कि क्षेत्र में शांति बनाए रखें. केंद्र सरकार का अनुरोध पूर्ण शांति बनाए रखना है. यह समय ओवर रिएक्ट करने की नहीं है. यह समय क्षेत्र में पूर्ण शांति बनाए रखना है. राज्य प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि क्षेत्र में सार्वजनिक व्यवस्था हर कीमत पर बनी रहे.

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प्रधान सचिव ने कहा कि पूरे राज्य में पर्याप्त भोजन भंडार कर लिया गया है. खाद्य पदार्थ को वितरित भी की जा रही है. उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में चावल, गेहूं, मटन, अंडे और ईंधन की 3 महीने से अधिक की आपूर्ति होती है. राज्य में खाद्य पदार्थ की आपूर्ति में कोई कमी नहीं होगी. सरकार कश्मीर के लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. सभी लोगों को पूर्ण रूप से सुविधा मुहैया कराई जाएगी.

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वहीं इससे पहले बड़गाम में रेलवे सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने पत्र लिखकर कर्मचारियों से 'लंबे समय तक' कश्मीर घाटी में 'कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका' के कारण राशन जमा करने समेत अन्य कदम उठाने का आह्वान किया था. इस पत्र के बाद विभाग में खलबली मच गयी और रेलवे ने स्पष्ट किया कि इस पत्र का कोई आधार नहीं है और इसे जारी करने का संबंधित अधिकारी के पास कोई अधिकार भी नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ऐसे पत्र के मंसूबे पर सवाल खड़ा किया था.

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आरपीएफ बड़गाम के सहायक सुरक्षा आयुक्त सुदेश नुग्याल के इस पत्र को व्यापक रूप से सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा था. नुग्याल ने कर्मचारियों से कम से कम चार महीने के लिए राशन इकट्ठा कर लेने और अपने परिवार को घाटी के बाहर पहुंचा आने समेत एहतियाती कदम उठाने का आह्वान किया था, लेकिन रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि यह पत्र वरिष्ठ संभागीय सुरक्षा आयुक्त से बस एक पद नीचे के अधिकारी द्वारा बिना किसी अधिकार के पत्र भेजा गया जबकि वह 26 जुलाई से एक साल के अध्ययन अवकाश पर गये थे.