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प्रियंका गांधी के बाद अब रॉबर्ट वाड्रा ने भी दिए राजनीति में आने के संकेत, FB पर लिखी ये बड़ी बात

यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी के दामाद ने अपने आप को पीड़ित बताते हुए सभी मामलों के आरोपों को झूठा बताया. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि कैसे उन्हें घंटों तक ईडी कार्यालय में परेशान किया गया है.

Updated on: 24 Feb 2019, 10:43 AM

नई दिल्ली:

प्रियंका गांधी के बाद अब रॉबर्ट वाड्रा भी जल्‍द ही राजनीति में उतर सकते हैं. रविवार को एक फेसबुक पोस्‍ट के जरिए उन्‍होंने इस बारे में बड़ा संकेत दिया है. उन्‍होंने लिखा है कि इतने सालों के अनुभव और सीख को जाया नहीं किया जा सकता है और उन्हें बेहतर इस्तेमाल में लगाना चाहिए. एक बार यह सभी आरोप खत्म हो जाएं तो मुझे लगता है कि मैं लोगों की सेवा में एक बड़ी भूमिका निभा सकूंगा.'

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मनी लॉड्रिंग और जमीन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच का सामना कर रहे रॅाबर्ट वाड्रा ने रविवार को फेसबुक पर अपना दर्द बयां किया है. यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी के दामाद ने अपने आप को पीड़ित बताते हुए सभी मामलों के आरोपों को झूठा बताया. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि कैसे उन्हें घंटों तक ईडी कार्यालय में परेशान किया गया है. इसके साथ ही पोस्ट के आखिर में उन्होंने लिखा 'इन सभी सालों में मैंने जो सीखा और अनुभव किया है उसे बर्बाद नहीं किया जा सकता है. एक बार इन सभी आरोपों के खत्म होने के बाद लोगों की सेवा के लिए मुझे एक बड़ी भूमिका निभानी चाहिए.

यह वाड्रा ने अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया है-

कांग्रेस महासचिव के पति रॅाबर्ट वाड्रा ने लिखा है, 'देश के असल मुद्दों से भटकाने के लिए एक दशक से अधिक समय से अलग-अलग सरकारें मेरे नाम का इस्तेमाल कर रही हैं. देश के लोगों ने धीरे-धीरे महसूस किया कि इन आरोपों में कोई भी सच्चाई नहीं है. लोगों ने हमेशा मेरे प्रति सम्मान दिखाया है और मेरे बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं.'

उन्होंने कहा, 'मैंने जिन बच्चों की मदद की उनसे सीखकर मैंने अपने आप को मजबूत बनाएं रखा. नेत्रहीन स्कूल से लेकर मदर टेरेसा के मिशनों तक और विभिन्न धर्मों के पूजा स्थलों, अस्पतालों, मंदिरों के बाहर भूखे प्यासों को खाना खिलाना और अनाथालयों में जाकर मैंने सेवा दी है. आपदा प्रबंधन के समय केरल, नेपाल और अन्य जगहों पर मदद भेजना भी एक संतोषजनक अनुभव था.

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वाड्रा ने लिखा, 'दिल्ली और राजस्थान में प्रवर्तन निदेशालय के सामने गया और कई दिनों तक मुझसे आठ घंटों तक पूछताछ हुई. जबकि मैंने हर नियमों का पालन किया है. निश्चित तौर पर मैं  कानून से ऊपर नहीं हूं. मैं ऐसा शख्स हूं जिसने हर घटती हुई घटना से कुछ सीखा है. जो साल और महीने मैंने देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचार करते हुए बिताए हैं खासतौर से उत्तर प्रदेश में. उन्होंने मुझे यह अहसास दिलाया है कि लोगों के लिए और ज्यादा करना चाहिए और जितना मुझसे संभव हो उनकी जिंदगी में छोटे बदलाव लाऊं, जो मुझे जानते हैं उनका सच्चा प्यार, स्नेह और इज्जत जो मैंने कमाई है उसका आभारी हूं. इतने सालों के अनुभव और सीख को जाया नहीं किया जा सकता है और उन्हें बेहतर इस्तेमाल में लगाना चाहिए. एक बार यह सभी आरोप और आरोप खत्म हो जाएंगे. मुझे लगता है कि मैं लोगों की सेवा में एक बड़ी भूमिका निभा सकूंगा'

बता दें कि रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रहा केस लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर पर स्थित एक संपत्ति की खरीद में मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) के आरोपों से जुड़ा है. यह प्रॉपर्टी 19 लाख पाउंड में खरीदी गई थी और इसका मालिकाना रॉबर्ट वाड्रा के पास है.

जांच एजेंसी ने अदालत को बताया था कि भगोड़े हथियार व्यापारी संजय भंडारी के खिलाफ आयकर विभाग काला धन अधिनियम एवं कर कानून के तहत जांच कर रहा है. इसी दौरान मनोज अरोड़ा की भूमिका सामने आई, जिसके आधार पर मनी लॉन्ड्र‍िंग का केस दर्ज किया गया.

आरोप ये है कि लंदन स्थित इस संपत्ति को 19 लाख पाउंड में संजय भंडारी ने खरीदा था और 2010 में इसे इतनी ही राशि में बेचा गया, जबकि उसकी मरम्मत, साज-सज्जा पर करीब 65,900 पाउंड खर्च किया गया था, बावजूद इसके खरीद दाम में ही प्रॉपर्टी रॉबर्ट वाड्रा को बेची गई.