logo-image

आयकर ट्रिब्यूनल ने गांधी परिवार को दिया झटका, यंग इंडिया को चैरिटेबल ट्रस्ट बनाने की अर्जी खारिज

ट्रिब्यूनल द्वारा इस अर्जी को खारिज किए जाने के बाद अब राहुल गांधी के खिलाफ सौ करोड़ के आयकर का केस दोबारा खोले जाने की संभावना है.

Updated on: 15 Nov 2019, 09:27 PM

नई दिल्‍ली:

आयकर ट्रिब्यूनल (Income Tax Tribunal) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Congress Ex President Rahul Gandhi) को बड़ा झटका दिया है. ट्रिब्यूनल ने राहुल गांधी की यंग इंडिया कंपनी (Young India Company) को चैरिटेबल ट्रस्ट (Charitable Trust) बनाने की अर्जी को खारिज कर दिया है. ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा है कि यह व्यापारिक संगठन है. ट्रिब्यूनल द्वारा इस अर्जी को खारिज किए जाने के बाद अब राहुल गांधी के खिलाफ सौ करोड़ के आयकर का केस दोबारा खोले जाने की संभावना है. ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा है कि अब तक इस ट्रस्ट की ओर से ऐसा कोई काम नहीं किया गया जो इस चैरिटेबल की श्रेणी में आता हो क्योंकि एजेएल को अधिग्रहित करने का मकसद पूरा नहीं किया गया. आपको बता दें कि एजेएल वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के नियंत्रण में रहता है, जिसमें गांधी परिवार भी शामिल है. यह समूह नेशनल हेराल्ड नाम का अखबार चलाता है. 

इस साल अगस्त महीने में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एजेएल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा (Moti Lal Vora) और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Ex CM of Haryana Bhupindra Singh Huda) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले की जांच में आरोपपत्र दायर किया था. पीएमएलए के तहत जांच में पता चला कि हरियाणा के पंचकूला में एक प्लॉट को एजेएल को साल 1982 में आवंटित किया गया लेकिन इसे एस्टेट अधिकारी एचयूडीए ने 30 अक्टूबर 1992 को वापस ले लिया, क्योंकि एजेएल ने आवंटनपत्र की शर्तों का पालन नहीं किया. ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर 2016 में पीएमएलए शिकायत दर्ज की थी.

यह भी पढ़ें-केंद्र सरकार बैंक गारंटी रकम बढ़ाने पर कर रही विचार, अभी तक है एक लाख की गारंटी

इसके पहले साल 2018 में यंग इंडिया में खरीदे गए शेयर्स से मिली कथित इनकम के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी को साल 2011-12 के उनके टैक्स असेसमेंट के संबंध में नोटिस दिया गया था. यंग इंडिया ने नेशनल हेराल्ड को चलाने वाली कंपनी असोसिएटेड जर्नल्स का अधिग्रहण किया था. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से दिए गए नोटिस को रद्द करने की सोनिया और राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दावा किया था कि राहुल गांधी ने यह तथ्य छिपाया था कि वह 2010 से यंग इंडिया में एक डायरेक्टर थे. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने राहुल को 154 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस दिया था और यंग इंडिया से 249.15 करोड़ रुपये चुकाने के लिए कहा था.

यह भी पढ़ें-पाकिस्तान के 'बचकाने दुष्प्रचार’ को लेकर भारत ने खोली पाक की पोल