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राम विलास वेदांती की मांग- अयोध्या मामले से नाम वापस लें CJI रंजन गोगोई, राम मंदिर निर्माण के लिए मुसलमान आएं आगे

राम विलास वेदांती का ये भी कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के लोगों को सुप्रीम कोर्ट से अपना मुकदमा वापस ले लेना चाहिए. पाकिस्तान आतंकवादी सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को मुकदमा डालने के लिए पैसा देता है

Updated on: 12 Jul 2019, 03:45 PM

नई दिल्ली:

राम मंदिर के पैरोकार राम विलास वेदांती ने राम मंदिर को लकेर बयान दिया है. उनका कहना है कि मंदिर निर्माण के लिए काफी दिनों से प्रयास हो रहा. उन्होंने कहा, 1528 में बाबर ने मंदिर तुड़वाकर एक गुंबद तैयार करवाया. लेकिन उसी स्थान पर कई मूर्तियां मिली हैं जिससे सिद्ध हुआ वहां राम मंदिर है. राम विलास वेदांती ने कहा, हमने सुननी बोर्ड से पूछा था कि क्या प्रमाण है कि वहां मस्जिद बना हुआ था जबकि निर्मोही अखाड़ा का कब्जा वहां पर 200 से साल है. अदालत ने वाल्मीकि रामायण का प्रमाण मानने की बात कही थी, जहां रामलला विराजमान है वहां मंदिर के नीचे अष्टदल शिव मंदिर बना है इसका प्रमाण खुद नासा ने दिया है.

उन्होंने कहा, जहां पर विवाद चल रहा है वहां सब मंदिर के चिन्ह मिलें है मस्जिद के नहीं. जहां पर रामलला विराजमान है वहीं मंदिर की भूमि है.  जजों ने तीन भागों में पूरे मामले को विभाजित किया था,  राजा दशरथ और राम के नाम पर खसरा खतौनी है.

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उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक याचिका दाखिल की है . इसमें वसीम रिजवी ने कहा है कि बाबर लूटेरा था. अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए और लखनऊ में एक मस्जिद का निर्माण होना चाहिए लेकिन बाबर के नाम से नहीं. वसीम रिजवी की याचिका मैं कहा गया है कि मीर बकी शिया मुसलमान थे. हम मंदिर बनाने का समर्थन करते हैं, बाबर सबसे पहले हरियाणा के बाबरपुर में आया था. अगर मुसलमानों को मस्जिद बनाना है तो हरियाणा में बनाएं.अयोध्या में बाबर के नाम का कोई घाट नहीं कोई मोहल्ला नहीं है.अयोध्या में जो कुछ है सब राम के नाम पर है. पूरे अयोध्या में बाबर के नाम का ना तो कोई मोहल्ला है ना गली है ना वार्ड.

वेदांति के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने तीन महापुरुषों को समझौता के लिए नियुक्त किया था.  वसीम रिजवी ने कहा है कि बाबर लुटेरा था. अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए और लखनऊ में एक मस्जिद का निर्माण होना चाहिए लेकिन बाबर के नाम से नहीं. बाबर सबसे पहले हरियाणा के बाबरपुर में आया था. अगर मुसलमानों को मस्जिद बनाना है तो हरियाणा में बनाएं.

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उन्होंने कहा कि, मैं सुन्नी वक्फ बोर्ड के लोगों और देश के मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान और मलेशिया में परिवर्तन हो सकता है तो भारत में भी परिवर्तन होना चाहिए.
हम सभी लोग सांप्रदायिक सौहार्द चाहते हैं और प्रधानमंत्री ने भी सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास का नारा दिया है.

'चीफ जस्चिस गोगोई वापस ने इस मुकदम से अपना नाम'

उन्होंने कहा, सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड से कहना चाहता हूं कि जहां पर रामलला विराजमान वहां मंदिर का निर्माण होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के जज गोगोई जी को अपना नाम इस मुकदमे से वापस ले लेना चाहिए. भारत में सद्भावना शांति बनी रहे इसके लिए मुसलमानों को आगे आकर कहना चाहिए कि हिंदू अपना मंदिर अयोध्या में निर्माण कराएं. 

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बड़े अफसोस की बात है कि जिस देश में 90% हिंदू है वहां के लोग मंदिर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे हैं.देश के मुसलमानों को कहना चाहिए कि जो भी मंदिर तोड़ा गया है उसे दोबारा बनना चाहिए. देश का कोई भी हिंदू यह नहीं कहता कि मक्का और मदीना में मंदिर है. देश के मुसलमानों को भी यहां मंदिर बनवाने के लिए आगे आना चाहिए.

राम विलास वेदांती ने कहा, सुप्रीम कोर्ट को भारत में सौहार्द बनाने के लिए कुछ ना कुछ निर्णय लेना होगा. काशी का विश्वनाथ मंदिर, राम मंदिर और मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर हम चाहते हैं. 30,000 मंदिर मुगल काल में तोड़े गए हम सभी मंदिरों को बनवाने की बात नहीं करते. सुन्नी वक्फ बोर्ड के लोगों को सुप्रीम कोर्ट से अपना मुकदमा वापस ले लेना चाहिए. पाकिस्तान आतंकवादी सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को मुकदमा डालने के लिए पैसा देता है. पाकिस्तान कभी नहीं चाहता कि देश में सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे