logo-image

ऐसा होगा हमारा भव्य राम मंदिर, 2025 तक बनकर हो जाएगा तैयार

सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर के पक्ष में फैसला देने और मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन के आदेश पर 5 फरवरी को केंद्र सरकार ने ट्रस्ट का ऐलान किया था.

Updated on: 19 Feb 2020, 01:06 PM

नई दिल्ली:

राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) के ऐलान के 14 दिन बाद आज पहली बैठक होने जा रही है. शाम 5 बजे राम मंदिर ट्रस्ट आज बैठक करेगा. इस बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण शुरू करने के मुहूर्त समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी. सूत्रों के मुताबिक इस मीटिंग में यह भी तय किया जाएगा कि राम मंदिर कब और कैसे बनेगा. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर के पक्ष में फैसला देने और मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन के आदेश पर 5 फरवरी को केंद्र सरकार ने ट्रस्ट का ऐलान किया था. पीएम नरेंद्र मोदी ने इस ट्रस्ट की घोषणा संसद में पिछले दिनों ही की थी.

वैसे तो ट्रस्ट को यह आजादी है कि वह मंदिर निर्माण का नया नक्शा खुद ही तैयार करा सकता है लेकिन माना यही जा रहा है कि मंदिर आंदोलन की अगुआ विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने चंद्रकांत सोमपुरा से जो राम मंदिर मॉडल तैयार कराया था उसी के तहत राम मंदिर का निर्माण होगा. यह मॉडल भगवान विष्णु के पसंदीदा अष्टकोणीय आकार में होगा. नागर शैली में पूर्णतया पत्थरों से बनने वाले दो मंजिला मंदिर में पांच प्रखंड होंगे.

यह भी पढे़ं: संसद में आएं प्रियंका गांधी, कहां से ये मुझे नहीं पता- अधीर रंजन चौधरी का बयान

वीएचपी ने कई साल मंदिर निर्माण के लिए अलग-अलग नक्शों पर विचार किया और फिर एक नक्शा फाइनल किया है. इस नक्शे को राम मंदिर का मूल स्वरूप माना जा रहा है. इस प्रस्तावित नक्शे के मुताबिक मंदिर 128 फीट ऊंचा, 140 फीट चौड़ा और 270 फीट लंबा होगा. इस दो मंजिला मंदिर में 212 स्तंभ होंगे. इसकी छत में एक शिखर होगा जिसे भव्यता को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक मंदिर निर्माण का कार्य आसान नहीं है और इसे पूरा करने में कम से कम चार साल लगेंगे. सड़कें ठीक नहीं हैं इसलिए पत्थरों की आपूर्ति की रफ्तार सुस्त है. इसके अलावा, हस्तशिल्प नक्काशी में समय लगता है. हालांकि, भूतल के लिए जितनी नक्काशी की आवश्यकता है वह पूरी हो चुकी है. यह भी कहा जा रहा है कि 2024-25 तक अयोध्या में करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र भव्य राममंदिर मूर्त रूप ले लेगा. नागर शैली में पूर्णतया पत्थरों से बनने वाले दो मंजिला मंदिर में पांच प्रखंड होंगे.

मंदिर में पांच प्रवेशद्वार (सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंग मंडप, पूजा-कक्ष और गर्भगृह) होंगे. रामलला की मूर्ति निचले स्तर पर ही विराजमान होगी. खास बात यह है कि मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की आवश्यकता होगी.

यह भी पढे़ं: डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से पहले किसी बड़े हमले की फिराक में आतंकी संगठन

मंदिर निर्माण के लिए द्वार और स्तंभों की नक्काशी कई साल से चल रही है. हालांकि, गर्भगृह का निर्माण अभी होना है जहां मूर्ति की पूजा की जाएगी. बताया जाता है कि स्तंभ तैयार हैं लेकिन गर्भगृह की तैयारी अभी नहीं हुई है. अभी तक 106 स्तंभ बनकर तैयार हो चुके हैं और 106 स्तंभों की नक्काशी अभी होनी है. पत्थरों का काम 1990 में ही शुरू हो चुका था और इसलिए इसमें बहुत सारा काम पहले ही हो चुका है.