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राम मंदिर को दे दी जाए विवादित जमीन, सुप्रीम कोर्ट में शिया वक्फ बोर्ड का प्रस्ताव

राम मंदिर पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी हो चुकी है. अगले महीने इस पर फैसला आएगा. इस बीच शिया वक्फ बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में लिखित जवाब दाखिल किया गया है.

Updated on: 19 Oct 2019, 04:45 PM

नई दिल्ली:

राम मंदिर पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी हो चुकी है. अगले महीने इस पर फैसला आएगा. इस बीच शिया वक्फ बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में लिखित जवाब दाखिल किया गया है. लिखित जवाब में शिया वफ्फ बोर्ड ने कहा है कि विवादित जमीन पर राम मंदिर का निर्माण किया जाए. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जो ज़मीन मुस्लिम पक्षकारों दी है, वो वहां श्रीराम का मंदिर बनाने के लिए हिंदू पक्षकारों को दे दी जाए.

इससे पहले अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में अखिल भारतीय हिन्‍दू महासभा (Akhil Bhartiya Hindu Mahasabha) और मुस्लिम पक्षकारों (Muslim Parties) ने सीलबंद कवर में मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ (वैकल्पिक राहत को लेकर- MOlding of Relief) अपना लिखित जवाब सीलबंद कवर में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल कर दिया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखते हुए सभी पक्षकारों को तीन दिन के अंदर मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लेकर लिखित जवाब दाखिल करने को कहा था. अयोध्या मामले में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने भी मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लेकर जवाब दाखिल कर दिया है.

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अखिल भारतीय हिंदू महासभा के जवाब में कहा गया है, 'सुप्रीम कोर्ट एक ट्रस्ट (Trust) बनाने का आदेश दे सकता है, जो राम मन्दिर (Ram Mandir) के निर्माण के बाद वहां प्रबंधन/प्रशासन को संभाले. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट प्रशासक (Admin) की नियुक्ति का आदेश दे सकता है.