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Ram Jethmalani passes away : 17 साल की उम्र में वकालत की डिग्री, सबसे महंगे वकीलों में से एक

मशहूर वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का 96 साल की उम्र में निधन हो गया है. राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद जेठमलानी पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे.

Updated on: 08 Sep 2019, 09:57 AM

नई दिल्‍ली:

मशहूर वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का 96 साल की उम्र में निधन हो गया है. राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद जेठमलानी पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे. जेठमलानी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री भी रहे हैं. साल 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष भी चुना गया था. राम जेठमलानी ने कई मशहूर केस भी लड़े थे. इसमें इंदिरा गांधी केस के हत्यारों का केस, डॉन हाजी मस्तान और हर्षद मेहता जैसे केस शामिल हैं. एक वकील होने के नाते जेठमलानी ने देश के कई बहुचर्चित केस भी लड़े हैं. इनमें कई केस काफी विवादित भी रहे हैं.

राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 को सिंध प्रांत के शिकारपुर में हुआ था. इनका पूरा नाम राम बूलचंद जेठमलानी था. पढ़ने में बेहद मेधावी रहे जेठमलानी ने दूसरी, तीसरी और चौथी कक्षा की पढ़ाई एक साल में ही पूरी कर ली थी और मात्र 13 साल की उम्र में मैट्रिक पास कर गये थे. जेठमलानी के पिता बोलचंद गुरमुख दास जेठमलानी और दादा भी वकील थे. शायद इसलिए राम जेठमालनी का भी झुकाव वकालत के पेशे की ओर हुआ. पाकिस्तान बनने के बाद वहां हालात लगातार खराब हो रहे थे. राम जेठमलानी अपने एक दोस्त की सलाह पर मुंबई आ गए थे. यहां उन्होंने रिफ्यूजी कैंप में काफी दिनों तक रहे. ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने कई बड़े केस लड़े थे. महज 17 साल की उम्र में वकालत की डिग्री लेने वाले राम जेठमलानी पहले ही केस में चर्चित हो गए थे. उनका पहला सबसे चर्चित केस 1959 में आया, जब वे केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र राज्य केस में वकील थे. राम जेठमलानी बेहद जिद्दी स्वभाव के माने जाते हैं. वे जब तक किसी मुकदमे को जीत नहीं लेते वे उसमें जी-जान से लगे रहते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राम जेठमलानी आजाद भारत के सबसे महंगे वकीलों में से एक हैं, ये किसी केस की पैरवी के लिए एक तारीख पर जाने के बदले करोड़ रुपए तक की फीस लेते हैं.
1960 के दशक में इस डॉन के स्मगलिंग से जुड़े कई मुकदमों की राम जेठमलानी ने पैरवी की थी. विभाजन के बाद 1948 में वह भारत आ गए. जेठमलानी बतौर वकील 78 साल तक वकालत की. बताया जाता है इमरजेंसी कै दौरान गिरफ्तारी वांरट निकलने पर करीब 300 वकीलों ने राम जेठमलानी का केस लड़ा था. जेठमलानी इन मशहूर केस के कारण वो सुर्खियों में बने रहे.
सीपीआई के विधायक कृष्णा देसाई की हत्या के मामले में शिव सेना की तरफ से पैरवी की. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह के वकील के तौर पर पेश हुए थे. यही नहीं टी डी डोगरा द्वारा दिए गए मेडिकल प्रमाणों को भी चैलेंज किया था. जेसिका लाल मर्डर केस में मनु शर्मा की तरफ से पेश हुए थे. माफिया डॉन हाजी मस्तान पर तस्करी से जुड़े एक मामले में पैरवी की थी. उपहार सिनेमा अग्निकांड में आरोपी मालिकों अंसल बंधुओं की तरफ से पेश हुए. 2G घोटाले में डीएमके नेता कणिमोझी की तरफ से पेश हुए थे. सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह की तरफ से अदालत में हाजिर हुए थे. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के लिए अवैध खनन मामले में पेश हुए थे. शेयर बाजार के दलाल हर्षद मेहता और केतन पारेख के बचाव में अदालत में पेश हुए थे. 2G घोटाले में यूनीटेक लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय चंद्रा की सुप्रीम कोर्ट से जमानत कराई. रामवतार जग्गी की हत्या के मामले में अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के बचाव में उतरे थे. जून 2011 में रामलीला मैदान में धरना दे रहे बाबा रामदेव पर सेना के प्रयोग के लिए बाबा के बचाव में कोर्ट में पेश हुए.
2011 में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के राजीव गांधी की हत्या के दोषी वी श्रीहरन (मुरुगन) के बचाव में अदालत में पेश हुए. चारा घोटाले से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के लिए 2013 में पैरवी की थी. वाईएस जगनमोहन रेड्डी के लिए मनी लांड्रिंग के मामले में पैरवी की. 2013 में नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोपी आसाराम बापू की तरफ से पेश हुए थे. तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के लिए भी अदालत में पेश हुए थे. निवेशकों के पैसे लौटाने से जुड़े मामले में सहारा प्रमुख सुब्रतो रॉय सहारा के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. हवाला डायरी कांड में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की तरफ से पेश हुए थे. नेवी वॉर रुम लीक मामले में पूर्व नेवी ऑफिसर कुलभूषण पराशर की जमानत कराई. छठी और सातवीं लोकसभा में उन्होंने भाजपा के टिकट पर मुबंई से चुनाव जीता था. अपने अंदाज़ और अपने तेवर में कभी भाजपा में रहे जेठमलानी अटल बिहारी कैबिनेट में मंत्री बने थे. बाद में पार्टी से 6 साल के लिए प्रतिबंधित होने के बाद साल 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के ही खिलाफ लखनऊ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था.

मुफ्त में लड़े कई मामले
आज़ाद भारत के इतिहास में कई मोड़ों पर रामजेठमलानी काला कोट पहने खड़े दिखते हैं. एक समय पर देश के सबसे ज़्यादा टैक्स देने वाले लोगों में शामिल रहे जेठमलानी ने कई चर्चित मामलों में मुफ्त में मुकदमा लड़ा.

साल 2017 में लिया था संन्यास
जेठमलानी ने सात दशक लंबे वकालत के करियर से संन्यास लेने की घोषणा साल 2017 में की थी. 94 साल की उम्र में जेठमलानी ने सात दशक लंबे वकालत के करियर से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा था कि वह भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे.

25 लाख से अधिक फीस लेते थे जेठमलानी
कई वकीलों के मुताबिक, किसी केस में सिर्फ जेठमलानी का नाम जोड़ने या उस केस को पढ़ने की फीस वह 25 लाख रुपए तक लेते हैं अरविंद केजरीवाल के लिए देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी को फीस देने को लेकर विवाद हो गया था. बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि अरुण जेटली द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि केस में वे कानूनी खर्चे सरकारी खजाने से चुकाने की कोशिश कर रहे हैं. इस विवाद पर जेठमलानी ने कहा था कि अगर दिल्ली सरकार या केजरीवाल फीस नहीं देते हैं तो वे उन्हें गरीब क्लाइंट समझ लेंगे.