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राजस्थान में गायब हुए 78 पाकिस्तानी नागरिक, खुफिया एजेंसी भी ढूंढने में नाकाम

धार्मिक स्थलों की यात्रा, अपने रिश्तेदारों से मिलने या विभिन्न कारणों से पाकिस्तानी नागरिक भारत में राजस्थान या अन्य राज्यों में आते रहते हैं

Updated on: 12 Sep 2019, 03:11 PM

नई दिल्ली:

देश में एनआरसी की चर्चा के बीच राजस्थान में भी अवैध रूप से रह रहे पाक-बांग्लादेशी नागरिक सिर दर्द साबित हो सकते हैं. राजस्थान आकर 78 पाकिस्तानी नागरिक भूमिगत हो गए. इन पाक नागरिकों को न तो खुफिया एजेंसियां तलाश पा रही है और न ही प्रशासन के पास कोई उपाय है. इनमें महज 16 पाक नागरिकों की तलाश के लिए सर्च नोटिस जारी कर इतिश्री कर ली गई है. ऐसे में गायब हुए ये पाक नागरिक प्रदेश के लिए चिंता का विषय हैं. वहीं दूसरी ओर सजा पूरी करने के बाद पाक प्रत्यावर्तन के इंतजार में करीब दस पाक नागरिक अलवर के डिटेंशन सेंटर में बंद है.

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धार्मिक स्थलों की यात्रा, अपने रिश्तेदारों से मिलने या विभिन्न कारणों से पाकिस्तानी नागरिक भारत में राजस्थान या अन्य राज्यों में आते रहते हैं. राजस्थान आने के बाद पाक नागरिकों को संबंधित एफआरओ या पुलिस अधीक्षक के यहां पंजीकरण करवाना होता है. पंजीकरण के दौरान उनके राजस्थान में रहने की अवधि भी दर्ज होती है. पाक नागरिकों के संबंध में पिछली विधानसभा के आखिरी सत्र में विधायक कैलाश भंसाली ने राजस्थान में रह रहे अवैध बांग्लादेशी और भूमिगत हुए पाक नागरिकों के लिए सवाल लगाया. गृह विभाग ने इंटेलिजेंस पुलिस से इसके आंकड़े मांगे तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. पिछले वर्षों में आए पाकिस्तानी नागरिकों में 78 पाक नागरिक भूमिगत हो गए. इंटेलिजेंस पुलिस ने भूमिगत हुए पाक नागरिकों को ढूंढने के लिए काफी मशक्कत की लेकिन नाकामी हाथ लगी. भूमिगत हुए 16 पाक नागिरकों के लिए सर्च नोटिस जारी किया गया.

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इधर राज्य की जेलों में 22 पाक कैदी बंद है, जो राजस्थान में अवैध घुसपैठ करते हुए पकड़े गए थे. इनके अलावा कई कैदी ऐसे हैं जिन्होंने कोर्ट से प्राप्त सजा भुगत ली और अब अपने वतन पाक जाने का इंतजार कर रहे हैं. राज्य के अलवर स्थित डिटेंशन सेंटर में अभी 22 विदेशी नागरिक बंद हैं जिनमें 8 पाक कैदी और 10 दूसरे देशों के नागरिक हैं. इनकी सजा पूरी हो चुकी है, लेकिन दूतावास से नागरिकता की हरी झंडी नहीं मिल पाने के कारण इनका वतन वापसी का इंतजार बढ़ता जा रहा है. इनमें कई पाक नागरिक तो ऐसे हैं जिनकी पांच साल पहले सजा पूरी हो चुकी है, लेकिन वतन वापसी नहीं हो पा रही है. इन कैदियों के प्रत्यावर्तन के लिए राज्य का गृह विभाग तीन साल में आधा दर्जन पत्र लिख चुका है. इसके अलावा अब तक राजस्थान से सात साल में अब तक 395 बांग्लादेशी और पाक नागरिकों को प्रत्यावर्तित किया जा चुका है.