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ओम प्रकाश की नाराजगी से बढ़ सकती है पूर्वांचल में बीजेपी की मुश्किलें, जानिए कैसे

शनिवार को ओमप्रकाश की नाराजगी दूर करने के लिए लखनऊ में काफी देर तक बातचीत हुई, खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभर से मुलाकात की लेकिन बात बनती हुई नहीं दिखाई दी. बीजेपी ने ओम प्रकाश राजभर से मंत्रिपद छोड़कर चुनाव लड़ने का ऑफर दे दिया है, लेकिन राजभर इस पर राजी नहीं हैं वो अपने बेटे को अपनी पार्टी के चुनाव-चिन्ह पर लड़ाना चाहते हैं.

Updated on: 15 Apr 2019, 10:06 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 का पहला चरण बीत चुका है दूसरे चरण की तैयारियां जोरों पर हैं ऐसे में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के लिए पूर्वांचल से खतरे की घंटी सुनाई पड़ रही है. दूसरे चरण का चुनाव शुरू होने से पहले पूर्वांचल में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. बीजेपी की सहयोगी पार्टी सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी ने अपने बगावत के सुर तेज कर दिए हैं जिससे उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल सी मच गई है. मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक सुहैलदेव पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर टिकट वितरण को लेकर नाराज हो गये हैं और बीजेपी के ऑफर को ठुकरा दिया है.

शनिवार को ओमप्रकाश की नाराजगी दूर करने के लिए लखनऊ में काफी देर तक बातचीत हुई, खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभर से मुलाकात की लेकिन बात बनती हुई नहीं दिखाई दी. बीजेपी ने ओम प्रकाश राजभर से मंत्रिपद छोड़कर चुनाव लड़ने का ऑफर दे दिया है, लेकिन राजभर इस पर राजी नहीं हैं वो अपने बेटे को अपनी पार्टी के चुनाव-चिन्ह पर लड़ाना चाहते हैं.

राजभर और बीजेपी के बीच विवाद इतना बढ़ गया है कि वो अपनी पार्टी के 20 से भी ज्यादा प्रत्याशी पूर्वांचल में उतारने पर विचार कर रहा है, सूत्रों की मानें तो सोमवार को बलिया में होने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बैठक में इन सभी प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जा सकते हैं. इसके अलावा योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर अपना इस्तीफा भी सौंप सकते हैं. आपको बता दें कि इससे पहले भी राजभर कई बार अलग-अलग मामलों पर सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं.

ओमप्रकाश राजभर ओबीसी समुदाय से आते हैं और पूर्वांचल में उनकी पार्टी अपनी संख्या के बल पर अपना दखल रखती है. साल 2017 के विधानसभा चुनावों में 4 विधायक इस पार्टी से भी विधानसभा पहुंचे थे जिसके बाद योगी सरकार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया था. राजभर की पार्टी का जनाधार पूर्वांचल के जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, मऊ और वाराणसी क्षेत्र में है. वहीं पूर्वांचल में कांग्रेस ने भी प्रियंका गांधी को प्राभारी बनाकर विशेष तौर पर फोकस करना चाहा है ऐसे में बीजेपी राजभरों को नाराज कर कोई भी रिस्क नहीं उठाना चाहेगी.