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पाकिस्तान परस्त आतंकी अब रेलवे की सुरक्षा को भेद नहीं पाएंगे, रेलवे ने अपनाई नई तकनीक

आईएसएस के तहत कई जगहों पर, ट्रेन कोचों, रेलवे स्टेशनें में सीसीटीवी कैमरा लगाए हैं और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग कर सीसीटीवी से मिले फीड का विश्लेषण किया जाएगा.

Updated on: 06 Oct 2019, 07:24 AM

highlights

  • कई रेलवे स्टेशनों में इंटीग्रेटेड सिक्युरिटी सिस्टम (आईएसएस) लगाया जा रहा है.
  • सॉफ्टवेयर में अपराधियों, आतंकवादियों के स्कैच और फोटो फीड का होगा विश्लेषण.
  • नई दिल्ली रेलवे स्टेशन समेत 202 से ज्यादा स्टेशनों में यह प्रणाली लगाई गई है.

नई दिल्ली:

बढ़ते आतंकी खतरों को देखते हुए संदिग्ध आतंकवादियों का पता लगाने और रेलवे परिसरों व ट्रेन कोचों में लावारिस समानों की पहचान के लिए कई रेलवे स्टेशनों में इंटीग्रेटेड सिक्युरिटी सिस्टम (आईएसएस) लगाया जा रहा है. इसके तहत कई जगहों पर, ट्रेन कोचों, रेलवे स्टेशनें में सीसीटीवी कैमरा लगाए हैं. इनसे प्राप्त फीड आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस विश्लेषण कर संभावित आतंकी हमलों को टालने में मददगार बनेगी.

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एआई के इस्तेमाल से पहचान होगी संदिग्ध की
आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया, 'आरपीएफ और रेलवे प्रोटेक्शन सिक्योरिटी फोर्स (आपीएसएफ) की तैनाती के अलावा, हमने एक कमांडो बटालियन (कोरास कमांडो) को लांच किया है.' कुमार ने कहा कि जहां तक रेलवे की सुरक्षा का सवाल है, आरपीएफ बड़े पैमाने पर तकनीक को अपना रही है. उन्होंने कहा, 'आईएसएस के तहत कई जगहों पर, ट्रेन कोचों, रेलवे स्टेशनें में सीसीटीवी कैमरा लगाए हैं और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग कर सीसीटीवी से मिले फीड का विश्लेषण किया जाएगा. यह हमें रेलवे परिसरों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण फीडबैक मुहैया कराएगा.'

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बेंगलुरु में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
बताते हैं कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत बेंगलुरू में फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है. अब इसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और अन्य स्टेशनों पर लगाया गया है. फेस डिटेक्शन प्रणाली में हमारे पास सीसीटीवी कैमरा से फीडबैक प्राप्त करने का विकल्प भी होगा. हम सॉफ्टवेयर में ज्ञात अपराधियों, आतंकवादियों के स्कैच और फोटो फीड कर देंगे. कुमार के मुताबिक जैसे ही वह वांछित व्यक्ति कैमरे के सामने आएगा, यह कंट्रोल रूम में सिस्टम को अलर्ट कर देगा.

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202 स्टेशनों पर नई सुरक्षा प्रणाली लांच
आरपीएफ महानिदेशक ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन समेत 202 से ज्यादा स्टेशनों में यह प्रणाली लगाई गई है. रेलवे ने बदमाशों और रेल नेटवर्क में आतंकवादी गतिविधि पर नजर रखने के लिए सभी बड़े स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना बनाई है. रेलवे के अनुसार, रेलवे के 62,000 किलोमीटर के फैले नेटवर्क में रोजाना 12 लाख यात्री यात्रा करते हैं.

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अन्य सॉप्टवेयर भी कर रहे हैं मदद
कुमार ने कहा कि फेस डिटेक्शन प्रणाली के अलावा आरपीएफ पूरी सुरक्षा प्रणाली के बेहतर विश्लेषण के लिए अन्य सॉफ्टवेयरों पर भी काम कर रही है. महानिदेशक ने कहा कि आरपीएफ गश्ती टीम के लिए बॉडी-वोर्न कैमरा भी लेकर आई है, ताकि स्टेशन परिसरों पर अवांछित दुर्घटनाओं से बचा जा सके.