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लॉकडाउन पर राहुल गांधी ने दिया बड़ा बयान, कहा- अभी बहुत देर नहीं हुई, लेकिन...

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने खुद मोदी सरकार के राहत पैकेज को सही कदम बताया है. राहुल गांधी ने शुक्रवार को फिर से कहा है कि संकट से निपटने सोच समझ के कदम उठाना होगा. अभी भी बहुत देर नहीं हुई है.

Updated on: 27 Mar 2020, 05:56 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के लगातार केसेज आ रहे हैं. इस बीच अलग-अलग राज्यों से लोगों का पलायन भी जारी है. हालांकि मोदी सरकार और राज्य सरकारें गरीबों के लिए कई पैकेज का ऐलान किए हैं. जिसकी तारीफ विपक्ष ने भी की है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने खुद मोदी सरकार के राहत पैकेज को सही कदम बताया है. राहुल गांधी (Rahul gandhi) ने शुक्रवार को फिर से कहा है कि संकट से निपटने सोच समझ के कदम उठाना होगा. अभी भी बहुत देर नहीं हुई है.

राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा,' लॉकडाउन हमारे गरीब और कमजोर तबके को तबाह कर देगी. यह भारत के लिए बहुत बड़ा झटका होगा, जिसे हम प्यार करते है. भारत काला और सफेद नहीं है. हमारे फैसलों पर ध्यान से विचार करना होगा. इस संकट से निपटने के लिए एक अधिक सूक्ष्म और दयालु नजरिए की जरूरत है. हमें सोच समझकर कदम आगे बढ़ाना होगा. अभी भी देर नहीं हुई है.

बता दें कि भारत में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं. 799 कोरोना पॉजिटिव के केस सामने आ चुके हैं. जबकि 20 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हो चुकी है. कोरोना के फैलाव को देखते हुए पूरे भारत में लॉकडाउन है. 14 अप्रैल तक लोगों को घरों से निकलने के लिए मना किया गया है.

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वहीं, गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये लागू देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ के बीच गरीबों, बुजुर्गों, स्वयं सहायता समूहों और निम्न आग वर्ग को राहत देते हुये 1.70 लाख करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ की घोषणा की थीं.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित इस प्रोत्साहन पैकेज में गरीबों को तीन महीने के लिये मुफ्त अनाज, दाल और रसोई गैस सिलेंडर तथा महिलाओं और गरीब वरिष्ठ नागरिकों को नकद सहायता उपलब्ध कराना शामिल हैं. भवन एवं अन्य निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों के कल्याण के लिये केन्द्र सरकार के एक कानून के तहत कल्याण कोष बनाया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह घोषणा की है कि 17 राज्यों ने कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिये समर्पित अस्पतालों की पहचान शुरू कर दी है.