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कोरोना पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन काफी नहीं, उठाने होंगे ये कदम, राहुल गांधी ने दी पीएम मोदी को सलाह

इस पत्र को ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, इस खतरनाक चुनौती पर काबू पाने के लिए हम सब केंद्र के साथ खड़े हैं.

Updated on: 29 Mar 2020, 04:00 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया एक हो गई है. राजनीति से ऊपर उठकर लोग एक दूसरे की मदद को आगे आ रहे हैं. यही हाल कुछ भारत का भी है. विपक्षी पार्टियां इस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में केंद्र के साथ खड़ी होती हुई नजर आ रही हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने अपनी तरफ से कोरोना से निपटने के लिए केंद्र को कुछ सलाह दी है. इस पत्र को ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, इस खतरनाक चुनौती पर काबू पाने के लिए हम सब केंद्र के साथ खड़े हैं.

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राहुल गांधी ने पत्र में दी ये सलाह

  • दरअसल राहुल गांधी ने इस पत्र में पीएम मोदी को सलाह देते हुए लिखा है कि भारत की स्थिति दूसरे देशों से अलग है. यहां दिहाड़ी मजदूरों की संख्या ज्यादा है. ऐसे में बाकी देशों की तरह यहां पूरे तरीके से लॉकडाउन करना थोड़ा परेशानी वाला हो सकता है. इससे मौतों की संख्या भी बढ़ सकती है. ऐसे में सरकार को वास्विकता को ध्यान में रखते हुए कुछ और मजबूत कदम उठाने की जरूर बुजुर्गों को सुरक्षित करने की होनी चाहिए. इसी के साथ हमें युवाओं को ये मजबूती के साथ समझाना होगा कि कैसे उनकी थोड़ी भी लापरवाही बुजुर्गों के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है.
  • राहुल गांधी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि पूरे तरीके से लॉकडाउन करने का मतलब होगा बुजुर्गों की जान खतरे में डालना. ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे देश में ज्यादातर उम्रदराज लोग गांव में रहते हैं. ऐसे में लॉकडाउन होने पर ज्यादातर मजदूर अपने गांव जाएंगे और उम्रदराज लोगों के लिए औक खतरा पैदा होगा. ऐसे में हमें उन गरीब लोगों की मदद करनी होगी जो अपने घरों से दूर बाहर आकर काम कर रहे हैं.

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  • सरकार ने इस जंग के खिलाफ जो मदद का ऐलान किया है वो इस कड़ी में अच्छा कदम है लेकिन यह सुनिश्चित करें की मदद जल्द से जल्द इम्पिलीमेंट हो.
  • कोरोना वायरस के टेस्टों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है
  • जो मजदूर किराय के घरों में रह रहे हैं उन्हें किराया दिया जाये ताकि वह अपने गांव जाने को मजबूर न हों. इसके अलावा उनके खातों में सीधे कुछ पैसे भेजे जाने चाहिए ताकि आने वाले कुछ महीनों तक उन्हें खाने पीने की कोई समस्या न हो.