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राहुल गांधी ने खुद माना था राफेल पर उनके बयान थे 'हवा-हवाई', जानें कब-कहां कही थी ये बात

इस फैसले की पटकथा राहुल गांधी पहले से ही जानते थे. मई में 'न्यूजनेशन' को दिए खास साक्षात्कार में राहुल गांधी ने खुद स्वीकार किया था कि राफेल पर उनके आरोप 'हवा-हवाई' ही हैं.

Updated on: 14 Nov 2019, 03:06 PM

highlights

  • राहुल गांधी ने 'न्यूजनेशन' से बातचीत में माना था, उन्हें नहीं थी राफेल की पूरी जानकारी.
  • कहा था-आज मैं विपक्ष का नेता हूं. मुझे डिटेल्स नहीं मालूम. हालांकि कुछ न कुछ गलत हुआ है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राफेल सौदे से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दी मोदी 2.0 सरकार को राहत.

New Delhi:

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राफेल पर याचिका खारिज कर मोदी सरकार को बड़ी राहत देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष के उन तमाम नेताओं के खिलाफ मोदी 2.0 सरकार को एक अमोघ अस्त्र दे दिया है. साथ ही राहुल गांधी के बीते लोकसभा चुनाव में लोकप्रिय जुमले 'चौकीदार चोर है' को लेकर भी नसीहत दे उन्हें 'गलत' साबित किया है. यह अलग बात है कि इस फैसले की पटकथा राहुल गांधी पहले से ही जानते थे. मई में 'न्यूजनेशन' को दिए खास साक्षात्कार में राहुल गांधी ने खुद स्वीकार किया था कि राफेल पर उनके आरोप 'हवा-हवाई' ही हैं.

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राफेल पर पूरी जानकारी नहीं होने की बात कही थी राहुल गांधी ने
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'न्यूजनेशन' से खास बातचीत में स्वीकार किया था कि विपक्ष का नेता होते हुए उनके पास राफेल सौदे की डिटेल्स नहीं हैं. इसके साथ ही वह यह कहना भी नहीं भूले थे कि सौदा रद्द करने से पहले उन लोगों से समझना पड़ेगा, जो इस तरह की पेचीदगियों को समझते हैं. उस वक्त 'न्यूजनेशन' ही यह खबर चलाई थी कि राहुल गांधी को खुद राफेल की जानकारी नहीं है, वह बस आरोप लगा रहे हैं. उस साक्षात्कार में राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कई मोर्चों पर हमला बोला था और चुनौती देते हुए कहा था कि '15 मिनट बहस भी मोदी नहीं' कर सकेंगे.

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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज की राफेल पर सारी याचिकाएं
कह सकते हैं कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से साबित कर दिया है कि राहुल गांधी समेत समूचे विपक्ष ने जिस 'राफेल' हथियार को 'ब्रह्मास्त्र' मान कर मोदी सरकार पर चलाया था, वह वास्तव में विपक्ष के लिए 'भस्मासुर' ही साबित हुआ है. गौरतलब है कि राहुल गांधी ने तब कहा था, 'बदले की भावना से कोई काम नहीं होगा. मगर यह हिंदुस्तान का सबसे बड़ा रक्षा सौदा है. भारतीय वायुसेना के भविष्य की बात है, तो जांच होगी. जिसने भी कानून तोड़ा है उसे सजा मिलेगी. न्याय से कोई नहीं बचेगा.' यही नहीं, वह यह कहना भी नहीं भूले थे, 'आज मैं विपक्ष का नेता हूं. मुझे डिटेल्स नहीं मालूम. सौदा रद्द करने से पहले मुझे डिफेंस के लोगों से पूछना पड़ेगा. जो लोग इन बातों को समझते हैं उनसे समझना पड़ेगा. मैं यह कह रहा हूं कि कुछ न कुछ गलत हुआ है.'