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Pulwama Attack : शहीद 42 जवानों पर सोनिया गांधी बोलीं- नहीं भुलाया जा सकता बलिदान

जम्मू-कश्मीर में अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में गुरुवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 42 जवान शहीद हो गए.

Updated on: 15 Feb 2019, 12:08 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और UPA की अध्यक्षा सोनिया गांधी भी पुलवामा की घटना से स्तब्ध हैं. उन्होंने कहा, मैं जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए बर्बर हमले से स्तब्ध, नाराज और बहुत दुखी हूं. हमारे बहादुर सीआरपीएफ जवानों ने निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करते हुए कायर आतंकवादियों के हाथों अपनी जान गवां दी, उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकेगा.'

सोनिया गांधी ने आगे कहा, 'हर पीड़ित के घरवालों के प्रति मेरा अपार प्रेम है. मैं उनके दर्द को पूरे दिल से साझा करती हूं. मुझे पूरी उम्मीद है कि इस नृशंस आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय दिलाया जाएगा और इस भयावह कार्रवाई का भुगतान किया जाएगा, जो हर मानवता का तप है.'

बता दें कि, जम्मू-कश्मीर में अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में गुरुवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 42 जवान शहीद हो गए. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक आत्मघाती हमलवार ने पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया. कश्मीर के इतिहास के सबसे बड़े आतंकी हमले में देश भर के कई हिस्सों से कश्मीर पहुंचे जवानों नें अपने वतन के लिए बलिदान दे दिया.
जैश-ए-मोहम्मद ने इस नृशंस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है और आत्मघाती हमलावर का एक वीडियो जारी किया है जिसे हमले से पहले शूट किया गया था. हमलावर की पहचान पुलवामा के गुंडईबाग के कमांडर आदिल अहमद दार के रूप में हुई है. यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में हुआ.

पुलिस सूत्रों ने कहा है कि एसयूवी चला रहे आत्मघाती हमलावर ने दोपहर करीब सवा 3 बजे अपने वाहन से सीआरपीएफ की बस में टक्कर मारी, जिससे भयानक विस्फोट हुआ. घटना उस वक्त की है, जब 78 वाहनों के काफिले में 2,547 सीआरपीएफ जवान जम्मू के ट्रांजिट शिविर से श्रीनगर की ओर जा रहे थे.