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कश्मीर अमेरिका में बना 'चुनावी मुद्दा', राष्ट्रपति पद के दावेदार भाषणों में कह रहे हैं ये बात

डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनने की कोशिश में लगीं कमला हैरिस और एक अन्य दावेदार बेटो ओरुरके ने अपने भाषणों में कश्मीर मुद्दे को उठाया है.

Updated on: 15 Sep 2019, 06:37 PM

नई दिल्ली:

अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी में कश्मीर मुद्दे की आवाज सुनाई दे रही है. डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनने की कोशिश में लगीं कमला हैरिस और एक अन्य दावेदार बेटो ओरुरके ने अपने भाषणों में कश्मीर मुद्दे को उठाया है.

यह जानकारी पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में दी गई है. इन रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में कश्मीर का मुद्दा प्रत्याशी बनने के इच्छुक नेताओं के एजेंडे में शामिल हो गया है. डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद प्रत्याशी बनने की इच्छुक कमला हैरिस ने टेक्सास में एक कार्यक्रम में कहा कि हमें कश्मीरियों को याद दिलाना होगा कि वे दुनिया में अकेले नहीं हैं. वहां के हालात पर हमारी नजर है. जहां जरूरी हो, वहां दखल देने की जरूरत है. यह अमेरिकी मूल्य है कि मानवाधिकारों का मुद्दा उठाया जाए. अगर वह राष्ट्रपति चुनी गईं तो इन मूल्यों पर अमल करेंगी.

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उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस बात के लिए आलोचना की कि इस समय पाकिस्तान में कोई पूर्णकालिक अमेरिकी राजदूत नहीं है. उन्होंने कहा कि आज अगर कश्मीर मामले में अमेरिका को कोई प्रभावी कदम उठाना हो तो इसके लिए अमेरिकी राजदूत की जरूरत पड़ेगी.

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उधर, राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनने की दौड़ में शामिल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता बेटो ओरुरके ने ह्यूस्टन में 'कश्मीर के हालात पर चिंता' जताई. उन्होंने कहा कि इस मसले को हल करने और क्षेत्र में शांति के लिए अमेरिका को अपनी भूमिका निभानी होगी.