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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को दी रामनवमी की शुभकामनाएं, कहा- सोशल डिस्टेंस बनाए रखें

राष्ट्रपति ने कहा, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली रामनवमी हमारे मेहनतकश किसानों के लिए नव-धान्य का भी अवसर होती है.

Updated on: 02 Apr 2020, 12:37 AM

दिल्ली:

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को देशवासियों का आह्वान किया कि वे कोरोनावायरस (Corona Virus) के संकट के मद्देनजर राम नवमी का पर्व मनाते समय सामाजिक मेल-जोल से दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बनाए रखें. राम नवमी की पूर्व संध्या पर कोविंद ने देशवासियों को इस पावन पर्व की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा, राम नवमी के पावन अवसर पर मैं सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. 

राष्ट्रपति ने कहा, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली रामनवमी हमारे मेहनतकश किसानों के लिए नव-धान्य का भी अवसर होती है.  उन्होंने कहा, श्रीराम का आदर्श जीवन हमें सदाचार, सहनशीलता, सहृदयता और मैत्री-भाव का संदेश देता है. अपने-अपने कर्तव्य पथ पर हमें इन शाश्वत जीवन-मूल्यों के प्रति सच्ची निष्ठा दर्शानी चाहिए. उन्होंने देशवासियों के आह्वान किया, राम नवमी के इस उल्लास-पूर्ण पर्व पर हम अपने जीवन में श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण करने और गौरवमयी भारत के निर्माण का संकल्प लें. कोविंद ने लोगों से कहा, पर्व मनाते समय सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी सरकारी निर्देशों का पालन कर विश्वव्यापी आपदा कोविड-19 वायरस का मुकाबला करके इसे परास्त करना है.

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उपराष्ट्रपति ने भी देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दी
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रामनवमी पर्व की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनायें देते हुये श्री राम के आदर्शों का अनुकरण करने की अपील की है.  नायडू ने बुधवार को अपने संदेश में कहा, रामनवमी के पावन अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. उन्होंने भारतीय सनातन परंपरा में भगवान राम को आदर्श पुरुष बताते हुये कहा कि यह पर्व संपूर्ण मानवता के प्रति करुणा, न्याय, सत्य निष्ठा के संस्कारों के साक्षात स्वरूप, मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.

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राम के संस्कारों का अनुकरण करें- नायडू
नायडू ने कहा, श्री राम के आदर्श का अनुकरण कर, अपने जीवन तथा विश्व दर्शन में उन्हीं संस्कारों को अपना कर, हम उस विश्व का निर्माण कर सकते हैं जिसकी हम अपेक्षा करते हैं, जो समावेशी हो, समृद्ध हो, स्वस्थ हो और प्रकृति सम्मत एवं स्थायी हो.  नायडू ने कामना की, यह पर्व देशवासियों के जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, सुख, संतोष, शांति और खुशहाली लाए. आज हमारे सामने उपस्थित इस गंभीर स्वास्थ्य चुनौती का सम्मिलित रूप से कारगर समाधान ढूंढने में हम सक्षम और सफल हों.