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भारत-पाकिस्तान को डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दिया मध्यस्थता का ऑफर, कहा- दोनों देशों के बीच कम हुए हैं तनाव

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, पिछले 15 दिनों में कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव में काफी कमी आई है

Updated on: 10 Sep 2019, 09:00 AM

नई दिल्ली:

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का ऑफर दिया है. दरअसल ट्रंप का दावा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पहले के मुकाबले तनाव की स्थिति कम है. दोनों देशों के बीच जो तनाव कुछ समय पहले था अब उसमें काफी कमी आई है. ऐसे में अगर दोनों देश चाहें तो अमेरिका मध्यस्थता कर सकता है.

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, पिछले 15 दिनों में कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव में काफी कमी आई है. दरअसल डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को वाइटहाउस में पत्रकारों के उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे भारत-पाकिस्तान के बीच हालात पर उनका आकलन पूछा गया था. इस सवाल का जवाब देते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, दोनों ही देशों से मेरे अच्छे रिश्ते हैं. मैं दोनों देशों से अच्छे तरीके से घुलमिल जाता हूं. अगर दोनों देश चाहें तो मैं आज भी उनकी मदद करने को तैयार हूं. मेरा ऑफर आज भी है, और ये बात दोनों देशों को पता है.

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बता दें, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ये बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ समय पहले ही जी-7 सम्मेलन के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. हालांकि इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने दम दिखाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति को साफतौर पर कश्मीर मुद्दे पर न बोलने के लिए कहा था. पीएम मोदी ने कहा था कि कश्मीर को लेकर भारत पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है और इसपर हम किसी तीसरे देश की मदद नहीं चाहते हैं. वहीं पीएम मोदी के इस बयान के सामने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पिछले बयानों से पलटी मारते हुए कहा था कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से मेरी बातचीत हुई है. भारत-पाकिस्तान के मुद्दे द्विपक्षीय हैं. दोनों देश आपस में बातचीत से मुद्दे सुलझा लेंगे.

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क्या था डोनाल्ड ट्रंप का पिछला बयान?

बता दें सबसे पहले पहले जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता का ऑफर दिया था तब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से निरस्त नहीं किया गया था. दरअसल उस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका के दौरे पर थे. इसी उन्होंने कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की थी, हालांकि भारत ने तब भी साफ शब्दों में कह दिया था कि कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय है और इसमें किसी भी दखलअंदाजी नहीं चाहता