साध्वी प्रज्ञा के संस्कृत भाषा में शपथ लेने के दौरान विवाद, विपक्ष ने की जमकर हूटिंग
बतौर नए सांसद शपथ लेने आईं साध्वी को उनके नाम को लेकर विपक्ष ने घेर लिया और जमकर हूटिंग की.
highlights
- संस्कृत में शपथ ले रही प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर विपक्ष ने शुरू की नारेबाजी.
- फिर भारत माता की जय पर विपक्ष ने की जमकर हूटिंग.
- प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार के हस्तक्षेप पर पूरी कर सकीं शपथ.
नई दिल्ली.:
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मालेगांव ब्लास्ट मामले में मिली जमानत से लेकर भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी बनने से शुरू हुआ विवादों का सफर सोमवार को संसद में उनके शपथ ग्रहण तक बदस्तूर जारी रहा. बतौर नए सांसद शपथ लेने आईं साध्वी को उनके नाम को लेकर विपक्ष ने घेर लिया और जमकर हूटिंग की. एक तो प्रज्ञा ठाकुर संस्कृत भाषा में शपथ ले रही थीं, दूसरे उन्होंने शपथ के दौरान जैसे ही अपने नाम का उच्चारण किया, विपक्ष उन पर टूट पड़ा.
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संस्कृत भाषा में पूरे नाम को लेकर शुरू हुआ विवाद
लोकसभा टीवी के मुताबिक प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने संस्कृत में शपथ लेने के दौरान जैसे ही अपने नाम का उच्चारण किया विपक्ष विरोध करने लगा. विपक्ष का कहना था कि प्रज्ञा ठाकुर सिर्फ अपने नाम का ही उच्चारण करें. गौरतलब है कि शपथ लेते हुए साध्वी प्रज्ञा ने संस्कृत में कहा, 'मैं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर स्वामी पूर्णचेतनानंद अवधेशानंद गिरी लोकसभा सदस्य के रूप में...' उनके इस नाम को लेकर कांग्रेस समेत विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई. इसके बाद उन्होंने अपनी शपथ पूरी करने के बाद 'भारत माता की जय' भी बोला. प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार ने प्रज्ञा ठाकुर से संविधान या ईश्वर के नाम पर शपथ लेने को कहा.
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फिर प्रज्ञा ने शपथ के निर्धारित प्रारूप
विपक्ष का कहना था कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन में चुनाव आयोग को दिए गए शपथपत्र में उनके गुरु स्वामी अवधेशानंद गिरी का नाम दर्ज नहीं है. विपक्ष का तर्क था कि नियमों के मुताबिक उनका नाम लेने की अनुमति नहीं है. हालांकि प्रोटेम स्पीकर डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि वे रिकॉर्ड चेक कर रहे हैं, कृपया शांति बनाए रखें. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जब दूसरी बार शपथ लेना शुरू किया तो एक बार फिर विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक बार फिर बीच में रुक गईं. विपक्ष का कहना था कि साध्वी शपथ के निर्धारित प्रारूप का पालन नहीं कर रही हैं.
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पहले भी रहा है विवादों से नाता
इस बीच प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार बार-बार विपक्षी सांसदों को चुप कराते रहे. विपक्ष को शांत करने के लिए प्रोटेम स्पीकर को नवनिर्वाचित सांसदों से अनुरोध तक करना पड़ा कि वे तय प्रारूप के अनुसार ही शपथ लें. आखिरकार तीसरी बार में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शपथ पूरी कर सकीं. गौरतलब है कि भोपाल में चुनाव के समय ही प्रज्ञा ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहकर खलबली मचा दी थी. इसके पहले भी वह मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे पर दिए अपने बयान से राजनीतिक तूफान खड़ा कर चुकी थीं. यहां तक कि प्रज्ञा के नाथूराम गोडसे वाले बयान पर खुद पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह कभी उन्हें दिल से माफ नहीं कर पाएंगे.
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