प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना: तीसरे चरण में 1.25 लाख किलोमीटर सड़कों का होगा निर्माण
PMGSY: केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि 1.25 लाख किलोमीटर सड़क के निर्माण पर करीब 80 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.
नई दिल्ली:
Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana (PMGSY): केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत देश में 1.25 लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा जिस पर करीब 80 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.
यह भी पढ़ें: मल्टीब्रांड में FDI संबंधी नियम में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं
2024-25 तक पूरा कर लेंगे निर्माण कार्य
लोकसभा में ‘वर्ष 2019-20 के लिए ग्रामीण विकास तथा कृषि और किसान कल्याण मंत्रालयों के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ पर चर्चा का जवाब देते हुए तोमर ने कहा कि इन सड़कों का निर्माण 2024-25 तक पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सड़क परियोजना के दूसरे चरण में 29 हजार किलोमीटर सड़क बना दी गई है. कई क्षेत्रों में पहले और दूसरे चरण में सड़कें बना दी गई हैं. मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने तीसरे चरण के लिए स्वीकृति दे दी है.
यह भी पढ़ें: अन्नाई इन्फ्रा डेवलपर्स को IPO के लिए SEBI की हरी झंडी
मनरेगा को जनोपयोगी भी बनाया गया
तीसरे चरण में 1,25,000 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा. मनरेगा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत लोकप्रिय योजना है. एक समय था जब मनरेगा की बात आती थी तो अमानत में खयानत और खामियों की चर्चा होती है, लेकिन अब ऐसा नहीं है. सदस्यों ने इस बार चर्चा में कहा कि मनरेगा का पैसा बढ़ना चाहिए. मनरेगा के महत्व का जिक्र कटौती प्रस्तावों में भी किया गया है. उन्होंने कहा कि मनरेगा से पांच करोड़ के आसपास श्रमिक जुड़े हुए हैं. एक तरफ मनरेगा के लिए आवंटन निरंतर बढ़ाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मनरेगा को जनोपयोगी भी बनाया गया है.
यह भी पढ़ें: ग्रामीण कारोबारियों के लिए एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने लॉन्च किया क्रेडिट कार्ड
तोमर ने कहा कि मनरेगा कृषि क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, लेकिन उसकी कुछ सीमा है जिसके अंदर में हम मनरेगा का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि मनरेगा हमेशा चलता रहे, मैं इसका पक्षधर नहीं हूं. मनरेगा गरीबों के लिए है और हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि गरीबी मुक्त भारत का निर्माण हो. गरीबी दूर करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. कुछ सदस्यों द्वारा मनरेगा के आवंटन में कमी का आरोप लगाए जाने पर ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि मनरेगा आवंटन को बजट दर बजट देखना चाहिए.
यह भी पढ़ें: भारत अगले 5 साल में आर्थिक वृद्धि 7 फीसदी के पार ले जाने को लेकर प्रतिबद्ध
पहले बजट में आवंटन 55 हजार करोड़ रुपये था और जरूरत आई तो और पैसे लिए गए. इस बार 60 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। मनरेगा में आवंटन कम करने का कोई सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा कि पिछली बार हमने एक करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा था और इससे अधिक आवास बनाए गए. हम 1.95 करोड़ मकान और बनाने वाले हैं। इसके लिए बजट की व्यवस्था होगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें