JNU में पोस्टर युद्ध तेज, हिंदू सेना ने वामपंथियों से मांगी आजादी
शुक्रवार सुबह जेएनयू के बाहर हिंदू सेना का नाम लिखे कुछ पोस्टर नजर आए हैं, जिनमें वामपंथियों को निशाना बनाया गया है.
highlights
- जेएनयू के बाहर हिंदू सेना का नाम लिखे कुछ पोस्टर नजर आए हैं.
- इनमें वामपंथियों को निशाना बना उनसे आजादी मांगी गई है.
- दिल्ली विश्वविद्यालय में भी ऐसे पोस्टर्स लगाए गए हैं.
नई दिल्ली:
देश को बेहतरीन राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी देने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम अब विवादों का पर्याय हो चला है. नागरिकता कानून पर मची रार के बीच विगत 5 जनवरी को जेएनयू परिसर में नकाबपोशों द्वारा की गई मारपीट के बाद से तो अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है. शुक्रवार सुबह जेएनयू के बाहर हिंदू सेना का नाम लिखे कुछ पोस्टर नजर आए हैं, जिनमें वामपंथियों को निशाना बनाया गया है. इन पोस्टरों के सामने आने से साफ हो गया है कि जेएनयू राजनीति का अखाड़ा तो बन ही गया है, बल्कि अब राष्ट्रीय मसलों पर परिसर 'शक्ति प्रदर्शन' का नया केंद्र बन गया है.
यह भी पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट ने दिया मोदी सरकार को बड़ा झटका, जम्मू-कश्मीर में पाबंदियों की समीक्षा का आदेश| इंटरनेट पर बैन उचित नहीं
वामपंथियों से मांगी आजादी
5 जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा के बाद मसले पर विवाद थम नही रहा है. शुक्रवार सुबह से कुछ पोस्टर नज़र आ रहे हैं जो कथित तौर पर हिंदू सेना की तरफ़ से लगाए गए हैं. इन पोस्टरों मे वामपंथी दलों पर निशाना साधा गया है. जेएनयू के बाहर बाबा रंगनाथ मार्ग पर 200 से ज़्यादा पोस्टर्स लगाए हैं, जिस पर भड़काऊ नारे लिखे गए हैं. हिंदू सेना की तरफ़ से पोस्टरों में कहा गया कि दलित के नाम पर गंदी राजनीति करने वालो से आज़ादी चाहिये. दरअसल ये पोस्टर्स वामपंथी दलों के उन नारों पर तंज हैं, जिसमे अक्सर कई मसलों पर आज़ादी मागी जाती है. जेएनयू के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय में भी ऐसे पोस्टर्स लगाए गए हैं.
यह भी पढ़ेंः दिल्ली के सराय रोहिल्ला इलाके में लगी भीषण आग, बचाव अभियान जारी
पुलिस के हाथ खाली
जेएनयू हिंसा के मामले में उस समय एक नया मोड़ आया जब अभिनेत्री दीपिका पादुकोण जेएनयू परिसर पहुंची. इसके बाद उनकी हालिया फिल्म 'छपाक' को देखने-नहीं देखने के नारे बुलंद होने लगा. वैसे भी जेएनयू हिंसा को लेकर समग्र देश समेत विदेशों में भी समर्थन-विरोध में प्रदर्शन जताया गया है. यह अलग बात है कि हिंसा के पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. हालांकि आरापों की सुई छात्र संघ पदाधिकारियों समेत कई संगठनों पर उठ रही है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
April Panchak Date 2024: अप्रैल में कब से कब तक लगेगा पंचक, जानें क्या करें क्या ना करें
-
Ramadan 2024: क्यों नहीं निकलते हैं कुछ लोग रमज़ान के आखिरी 10 दिनों में मस्जिद से बाहर, जानें
-
Surya Grahan 2024: क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण, जानें कब लगेगा अगला ग्रहण
-
Rang Panchami 2024: आज या कल कब है रंग पंचमी, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व जानिए