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महाराष्ट्र सरकार के गठन के 13 दिन बाद भी विभागों का नहीं हुआ बंटवारा, जानें क्या है वजह

महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन के 13 दिन बाद भी अभी तक विभागोंका बंटवारा नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को अपने छह मंत्रियों के साथ शिवाजी पार्क में शपथ ली थी.

Updated on: 09 Dec 2019, 09:41 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन के 13 दिन बाद भी अभी तक विभागोंका बंटवारा नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को अपने छह मंत्रियों के साथ शिवाजी पार्क में शपथ ली थी. लेकिन अभी तक उन मंत्रियों को विभाग नहीं दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसके पीछे वजह गृह विभाग है, जिसे लेकर पेच फंसा हुआ है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गृहविभाग अपने पास रखना चाहते हैं जिसे लेकर ना तो कांग्रेस राजी हो रही है और ना ही एनसीपी.

वहीं, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि विभागों का बंटवारा जल्द हो जाएगा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मंत्रियों के विभाग बंटवारे पर अंतिम फैसला 16 दिसंबर को विधानसभा के शीत सत्र के शुरू होने से पहले लिया जा सकता है.

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बता दें कि करीब एक हफ्ता पहले 28 नवंबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ एनसीपी के विधायक जयंत पाटिल और छगन भुजबल, कांग्रेस के विधायक बालासाहेब थोराट और नितिन राउत, शिवसेना के विधायक एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई ने कैबिनेट सदस्यों के तौर पर शपथ लिया था.

बता दें कि 'महा विकास आघाड़ी' सरकार के मंत्रियों को विभागों का आवंटन करने पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से NCP प्रमुख शरद पवार ने मुलाकात की थी. बैठक नेहरू सेंटर में हुई, जिसमें शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, संजय राउत और सुभाष देसाई तथा NCP से अजित पवार और जयंत पाटिल ने शिरकत की थी. सूत्रों ने बताया कि पवार ने शपथ ले चुके मंत्रियों को जल्द से जल्द विभाग आवंटित करने पर जोर दिया.

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गौरतलब है कि 'महा विकास आघाड़ी' की सरकार बनने से पहले देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के तौर पर अचानक 23 नवंबर की सुबह शपथ ली थी. इसके बाद महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक उथल-पुथल मच गई थी. लेकिन यह सरकार हालांकि 80 घंटों से अधिक नहीं चल सकी और दोनों नेताओं ने त्यागपत्र दे दिया. इसके बाद राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने मिलकर सरकार बनाई.