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जम्मू कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियां बहाल हो: राम माधव

नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती समेत कई विपक्षी नेता पांच अगस्त से हिरासत में हैं. उसी दिन संसद में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया गया था.

Updated on: 16 Dec 2019, 01:00 AM

चंडीगढ़:

भाजपा महासचिव राम माधव ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि जम्मू कश्मीर में हिरासत में लिये गये नेता शीघ्र रिहा हों और अपनी राजनीतिक गतिविधि बहाल करें. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को विश्वास है कि जम्मू कश्मीर अपने विशेष दर्जे को खत्म किये जाने के बाद विकास तथा भारत के साथ पूर्ण एकीकरण की ओर बढ़ेगा. नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती समेत कई विपक्षी नेता पांच अगस्त से हिरासत में हैं. उसी दिन संसद में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया गया था.

माधव ने हिरासत में लिये गये नेताओं के बारे में यहां सैन्य साहित्य उत्सव के समापन दिवस पर कहा, ' हम शीघ्र ही उन्हें बाहर आने देना चाहते हैं . जब अनुच्छेद 370 निरस्त किया गया था तब करीब 2500 लोग एहतियाती हिरासत में लिये गये थे, आज करीब 100 लोग हिरासत में हैं.' उन्होंने कहा, ' हम राज्य में राजनीतिक गतिविधि बहाल होते हुए देखना चाहते हैं. बाकी 100 लोग शीघ्र ही बाहर होंगे और अपनी राजनीतिक गतिविधि बहाल करेंगे.'

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उन्होंने ‘अनुच्छेद 370 और आतंकवाद के खात्मे का संकेत’ विषय पर अपने संबोधन में यह बात कही. भाजपा महासचिव ने कहा, ' हमें विश्वास है कि आने वाले दिनों में कश्मीर विकास और देश के बाकी हिस्सों के साथ पूर्ण विलय की सही दिशा में आगे बढ़ेगा.' जब उनसे पूछा गया कि क्या वह बता सकते हैं कि हिरासत में लिये गये नेता कब तक रिहा कर दिये जायेंगे तो उन्होंने कहा, ' देखिए, एक प्रक्रिया है जो लगातार चल रही है. हमने चार पांच वरिष्ठ नेताओं को बाहर आने और अपनी गतिविधि बहाल करने दिया है. उन्हें एहतियाती हिरासत से रिहा किया गया है और उसी तरह प्रक्रिया चलती रहेगी.'

उन्होंने कहा, ' ऐसा कहने के पीछे यह बड़ा अजीब तर्क है कि यदि किसी को एहतियाती हिरासत में रखा गया है तो वह राष्ट्रविरोधी है. कई कारणों से हर सरकार लोगों को एहतियाती हिरासत में लेती है, उससे कोई राष्ट्रविरोधी नहीं बन जाता.'

जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के लिए अपनाये गये तौर तरीके की आलोचना का जवाब देते हुए माधव ने कहा, ' जिस तरह सारी चीजें की गयीं, वह बिल्कुल संवैधानक और विधि सम्मत है.'

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उन्होंने दावा किया, 'अनुच्छेद 370 हटाने की मंशा राजनीतिक अधिकार, गरिमा और कुछ नागरिक एवं मौलिक अधिकार प्रदान करना था, जिनसे लगातार वंचित रखा जा रहा था. हमारा विश्वास है कि कश्मीर समस्या से निपटने का यह सबसे अच्छा तरीका था.'

जम्मू कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने के विषय पर उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी राज्य की मांग के पक्ष में है. मुझे विश्वास है कि जम्मू कश्मीर में शीघ्र ही राज्य का दर्जा लौट आएगा. यदि कश्मीर घाटी के दलों का राजनीतिक एजेंडा यह है तो हम उसका जोरदार स्वागत करते हैं.'

कश्मीरियत के बारे में एक सवाल के जवाब में माधव ने कहा, 'हम कश्मीरियत की कई परिभाषाएं सुन रहे हैं, असली परिभाषा तब होगी जब हम कश्मीर पंडितों को कश्मीर घाटी में अपने घर लौटते हुए देखेंगे, ऐसा होना चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'जनसांख्यिकीय बदलाव करने की हमारी कोई योजना नहीं है. इतिहास के दौर में जो कुछ हुआ, मैं उसके बारे में कुछ नहीं बोल सकता, कश्मीरी पंडितों और कश्मीरी समाज के अन्य अधिकारविहीन लोगों को फिर अधिकारसंपन्न बनाने की जरूरत है.'

इस मौके पर कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने भी अपना विचार रखा.