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विजय माल्या के लिए 2020 की खराब शुरुआत, संपत्ति बेच कर्ज वसूल सकेंगे बैंक

मुंबई स्थित स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक और कई अन्य बैंकों को विजय माल्या की जब्त संपत्ति को बेचकर कर्ज वसूली की इजाजत दे दी है.

Updated on: 01 Jan 2020, 12:51 PM

highlights

  • पीएमएलए कोर्ट ने बैंकों को माल्या की जब्त संपत्ति बेचकर कर्ज वसूली की इजाजत दी.
  • लंदन की अदालत भी जनवरी 2020 में विजय माल्या पर फैसला सुना सकती है.
  • माल्या पर ब्रिटेन में बैंकों के 9000 करोड़ रुपये का लोन नहीं चुकाने का मामला भी.

मुंबई:

यू-बी ग्रुप के चेयरमैन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत तमाम बैंकों के कर्जदार विजय माल्या के लिए 2020 का पहला दिन बड़ा झटका लेकर आया है. मुंबई स्थित स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक और कई अन्य बैंकों को विजय माल्या की जब्त संपत्ति को बेचकर कर्ज वसूली की इजाजत दे दी है. हालांकि, स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने इस फैसले पर 18 जनवरी तक स्टे लगाया है, ताकि माल्या इस आदेश के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील कर सके. इस बीच लंदन की अदालत भी इसी माह माल्या को दीवालिया और भारत प्रत्यर्पण पर अपना फैसला सुना सकती है.

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लंदन की अदालत का फैसला भी इसी माह
हालांकि विजय माल्या के वकीलों ने स्पेशल पीएमएलए अदालत में आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा था कि यह केवल डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल ही तय कर सकता है. स्पेशल कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा था कि उसे इस वसूली में कोई आपत्ति नहीं है. इस बीच लंदन में दीवालिया घोषित होने और प्रत्यर्पण के मामले में लंदन की कोर्ट ने माल्या पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. लंदन की अदालत भी जनवरी 2020 में विजय माल्या पर फैसला सुना सकती है. एसबीआई के नेतृत्व में सरकारी बैंकों के समूह ने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय से भगोड़ा विजय माल्या को करीब 1.145 अरब पाउंड का कर्ज ना चुकाने के आरोप में दिवालिया घोषित करने का आदेश देने की दोबारा अपील की थी.

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लंदन में छिपा बैठा है माल्या
देश छोड़ भाग गए शराब कारोबारी विजय माल्या पर ब्रिटेन में बैंकों के 9000 करोड़ रुपये का लोन नहीं चुकाने का मामला भी चल रहा है. बैंकों की देनदारी के अलावा माल्या पर जालसाजी और मनी लॉन्ड्र‍िंग का आरोप भी है. भारत के बैंकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में आरोपी विजय माल्या मार्च 2016 में लंदन भाग गया था. विजय माल्या को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार और भारतीय जांच एजेंसियां लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन अभी तक सफल नहीं हो पाईं. लंदन में उच्च न्यायालय की दिवाला शाखा में न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स ने माल्या के मामले की सुनवाई की.