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पीएम मोदी की जान को खतरा, ऐसे 24 घंटे सुरक्षा करते हैं SPG कमांडोज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मारने को मारने की धमकी मिली है. आइए जानते हैं SPG क्या होती है और कैसे करती है पीएम की सुरक्षा

Updated on: 13 Oct 2018, 03:03 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मारने को मारने की धमकी मिली है. जिसके बाद पीएम की सुरक्षा का रिव्यू किया जा सकता है. स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) को इस बाबत निर्देश दिए जा सकते हैं. आइए जानते हैं SPG क्या होता है और वो कैसे करते हैं प्रधानमंत्री की सुरक्षा.

एसपीजी एक सशस्त्र सेना होती है जो देश के प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों समेत उनके उस समय के निकटतम परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करते हैं. पीएम की सुरक्षा में तैनात होने वाले एसपीजी कमांडो को विशेष तरह की ट्रेनिंग दी जाती है. इन्हें पीएम की सुरक्षा में तैनात करने से पहले कमांडो के बारे में सारी जानकारी निकाली जाती है वो कहां जाता है, किससे मिलता है आदि. इतना ही नहीं परिवार के सदस्यों का भी ब्यौरा रखा जाता है. 

एनएसजी में 53 प्रतिशत कमांडो सेना से आते हैं जबकि 47 प्रतिशत कमांडो 4 पैरामिलिट्री फोर्सेज- सीआरपीएफ, आईटीबीपी, आरएएफ और बीएसएफ से आते हैं. इन कमांडोज की अधिकतम कार्य सेवा पांच साल तक होती है. 

एनएसजी कमांडो को ऐसे दी जाती है ट्रेनिंग

कमांडो को 90 दिन के कठिन ट्रेनिंग से गुजरना होता है. कमांडो को आग के गोले और गोलियों की बौछारों के बीच ट्रेनिंग दी जाती है. सभी तरह की ट्रेनिंग होने के बाद कमांडो को मनोवैज्ञानिक टेस्ट से गुजरना पड़ता है. इसे पास करना जरूरी होता है. एनएसजी कमांडो तो हथियार और बिना हथियार दोनों के साथ ट्रेनिंग दी जाती है. एनएसजी कमांडो को ब्लैक कैट कहा जाता है क्योंकि वह हमेशा काले नकाब, काले कपड़े में नजर आते हैं. उनके सिर से लेकर पैर तक कपड़ों का रंग काली ही होता है.

अत्याधुनिक राइफल से लैस होते हैं कमांडो
इन कमांडो के पास एफएनएफ-2000 असॉल्ट राइफल होती है. यह पूरी तरह से ऑटोमैटिक गन है. कमांडोज के पास ग्लोक 17 नाम की एक पिस्टल भी होती है. कमांडो अपनी सेफ्टी के लिए एक लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट पहनते हैं और साथी कमांडो से बात करने के लिए कान में लगे ईयरप्लग या फिर वॉकी टॉकी की मदद लेते हैं. इनकी निगाहें चील की तरह होती है जो चारों तरफ एक साथ घूमती है.

पीएम की सुरक्षा में एक हजार से ज्यादा SPG कमांडो होते हैं तैनात
पीएम की सुरक्षा में विभिन्न घेरों के तहत एक हजार से ज्यादा एसपीजी कमांडो तैनात रहते हैं. इन कमांडो को भारतीय सेना और पुलिस बल से चुना जाता है.
पीएम की सुरक्षा में तैनात एसपीजी की खासियत यह होता है कि ड्राइवर से लेकर निजी बॉडीगर्ड तक एसपीजी के ही होते हैं. इन्हें चेहरे पर किसी भी तरह के भाव दिखाने की मनाही होती है. इनके पास एफएन हर्सटल फाइव-सेवन बंदूक और ग्लॉक 12 के विशेष तरह के दस्ताने होते हैं जो इन्हें चोट लगने से बचाते हैं.

पीएम के काफिले के साथ 2 जैमर गाड़ी चलती है
किसी कार्यक्रम में एसपीजी कमांडो पीएम के चारों तरफ घेर कर चलते हैं. एसपीजी कमांडर के सुरक्षा घेर में जब पीएम चलते हैं तो इनके साथ दो जैमर लगी गाड़ियां चलती है. जिसमें दो एंटिना लगे रहते हैं. यह सड़क के दोनों तरफ 100 मीटर की दूरी पर रखे विस्फोटक को निष्क्रिय करने में सक्षम होते है.

एसपीजी कमांडो इसलिए हमेशा काला चश्मा पहनते हैं
एसपीजी कमांडो हमेशा काला चश्मा पहने रहते हैं जिससे वह सभी पर नजर रख सकें लेकिन किसी को यह ना पता चले कि वह किसे देख रहे हैं. इसके साथ ही उनके जूते ऐसे होते हैं जो कही भी फिसल ना सके.

पीएम के लिए सात सक्रिय सुरक्षा घेरा होता है. जिनका काम हमले का जवाब देना नहीं बल्कि प्रधानमंत्री को बचाना होता है. सबसे पहले उनका काम हमले के दौरान प्रधानमंत्री को सुरक्षित निकाल ले जाना होता है. देश का प्रधानमंत्री बुलेटप्रुफ बीएमडब्ल्यू 7 कार से सफर करते हैं. उनके काफिले में साथ-साथ ऐसी ही दो डमी कारें चलती हैं जिससे कि हमलावर को भ्रमित किया जा सके.

एसपीजी कब और क्यों बनाया गया
सेना की इस यूनिट की स्थापना 1988 में संसद के अधिनियम 4 की धारा 1(5) के तहत की गई थी. अक्टूबर 1981 में इंटेलिजेंस ब्यूरो के कहने पर एक स्पेशल टास्क फोर्स का निर्माण किया गया, जो दिल्ली के अंदर और बाहर पीएम की सुरक्षा मुहैया करवाता है. 1981 से पहले प्रधानमंत्री और उनके आवास की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस उपायुक्त के नेतृत्व वाली स्पेशल सिक्यूरिटी करती थी.

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बनाया गया एसपीजी
अक्टूबर 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा गार्ड्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद सचिवों की समिति ने सिक्यूरिटी को लेकर रिव्यू किया. इसमें निर्णय लिया गया कि पीएम की सुरक्षा को एक स्पेशल ग्रुप को दिया जाए जिसमें एक निर्दिष्ट अधिकारी का संगठित और प्रत्यक्ष नियंत्रण हो और एसटीएफ दिल्ली और दिल्ली से बाहर पीएम को तत्काल सुरक्षा देगी. इसी वजह से एसपीजी का गठन हुआ.

एसपीजी एक स्वतंत्र निर्देशक के अंतर्गत स्थापित किया गया जो दिल्ली, देश और दुनिया के हर कोने में जहां भी प्रधानमंत्री जाएं वहां उनको सुरक्षा प्रदान करता है.

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