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'मन की बात' में शख्स ने मांगी थी फिट रहने की Tips, पीएम मोदी ने शेयर की ये वीडियो

पीएम मोदी ने कहा था कि 'मैं सोशल मीडिया पर इस टॉपिक से जुड़े वीडियो शेयर करूंगा. आप इन वीडियो नमो ऐप पर भी देख सकते हैं. मैं जो करता हूं, शायद उससे आप में से कुछ लोगों को जागरूक कर सकूं.

Updated on: 30 Mar 2020, 09:40 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कल यानी रविवार को लोगों से मन की बात की. इस दौरान उन्होंने कोरोना और लॉकडाउन से जुड़े मुद्दे पर बात की. हालांकि इस दौरान एक शख्स ने उनसे उनकी फिटनेस के बारे में पूछा जिसके जवाब में पीएम मोदी ने आज यानी सोमवार को कुछ योगा वीडियो शेयर की हैं. दरअसल 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान शशि नाम के एक शख्स ने पीएम मोदी से पूछा था कि वह खुद को फिट कैसे रखते हैं. इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा था कि 'मैं सोशल मीडिया पर इस टॉपिक से जुड़े वीडियो शेयर करूंगा. आप इन वीडियो नमो ऐप पर भी देख सकते हैं. मैं जो करता हूं, शायद उससे आप में से कुछ लोगों को जागरूक कर सकूं. लेकिन ये याद रखिएगा कि मैं न तो योगा टीचर हूं और न कोई एक्सपर्ट.'

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वहीं पीएम मोदी (PM Modi) ने सोमवार को योगा का वीडियो शेयर करते हुए कहा, मैं न तो योगा का एकस्पर्ट हूं और न ही टीचर, लेकिन पिछले कई सालों से योगाा कर रहा हूं. मुझे ये लाभदायक लगता है. मुझे विश्वास है कि आप लोगों के पास भी फिट रहने के कई और तरीके होंगे, उन्हें भी दूसरों के साथ शेयर करें.

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में लोगों से पूरे देश में लागू लॉकडाउन का पालन करने के लिए कहा, जिसे कोविड-19 से लड़ने के लिए लागू किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने वायरस की रोकथाम के लिए ऐसे कठोर कदम उठाने के लिए देशवासियों से माफी भी मांगी. उन्होंने 'सामाजिक दूरी बढ़ाने और भावनात्मक दूरी घटाने' पर जोर दिया.

लॉकडाउन के उल्लंघन की घटनाओं का उल्लेख करते हुए मोदी (Modi) ने कहा कि लॉकडाउन प्रत्येक व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के लिए है और अगर यह वायरस फैल गया तो इस पर काबू पाना मुश्किल होगा.

उन्होंने यह भी कहा, 'मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि कुछ लोग उन लोगों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं, जिन्हें होम क्वारंटीन की सलाह दी जा रही है. हमें संवेदनशील और समझदार होने की जरूरत है.'

मोदी ने कहा, 'सामाजिक दूरी बढ़ाएं, लेकिन भावनात्मक दूरी को कम करें.' कोविड-19 को गंभीरता से नहीं लेने वाले कई देशों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, 'वे इसका खामियाजा भुगत रहे हैं.'