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छह करोड़ किसानों के खाते में पहुंची सम्मान निधि, मोदी बोले- उम्मीद है दूसरे राज्य भी जुड़ेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुरुवार को दो दिन की यात्रा पर कर्नाटक पहुंचे हैं.

Updated on: 02 Jan 2020, 04:49 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुरुवार को दो दिन की यात्रा पर कर्नाटक पहुंचे हैं. सिद्धगंगा मठ के बाद पीएम मोदी ने तुमकुर में एक जनसभा को संबोधित किया. यहां पर उन्होंने विभिन्न राज्यों के किसानों को कृषि कर्मण अवॉर्ड प्रदान किए. प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि की तीसरी किस्त जारी होने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, आज 6 करोड़ व्यक्ति के पास ये सम्मान निधि पहुंची. उन्होंने आगे कहा, नए वर्ष, नए दशक की शुरुआत में देश के अन्नदाता-हमारे किसान भाई-बहनों के दर्शन होना, मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है. मैं 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से देश के हर किसान को नए वर्ष की शुभकामनाएं देता हूं.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि कृषि कर्मण अवार्ड के साथ ही आज कर्नाटक की ये धरती एक और ऐतिहासिक उपलब्धि की गवाह बनी है. आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 8 करोड़ वें किसान साथी के खाते में पैसा जमा किया गया है. इतने कम समय में ये उपलब्धि हासिल करना बहुत बड़ी बात है. इस कार्यक्रम में ही अभी एक साथ देश के 6 करोड़ किसान परिवारों के खाते में 12 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि देश में एक वो दौर भी था जब देश में गरीब के लिए एक रुपए भेजा जाता था तो सिर्फ 15 पैसे पहुंचते थे. बाकी के 85 पैसे बिचौलिए मार जाते थे. आज जितने भेजे जा रहे हैं, उतने, पूरे के पूरे सीधे गरीब और किसान के खाते में पहुंच रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि नए साल में जिन राज्यों ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना को लागू नहीं किया है, अब वह भी किसानों की मदद करने के लिए राजनीति से ऊपर उठेंगे. इस राजनीतिक मानसिकता ने लंबे समय से किसानों के लाभ को चोट पहुंचाई है.

उन्होंने आगे कहा कि दशकों से लटकी सैकड़ों सिंचाई परियोजनाएं हों, फसल बीमा से जुड़े नियमों में बदलाव हो, सॉयल हेल्थ कार्ड हो या फिर यूरिया की शत- प्रतिशत नीम कोटिंग, हमने हमेशा किसानों के हितों को प्राथमिकता दी. देश के किसानों की मांगों के अनुरूप हमारी सरकार ने भी MSP को 1.5 गुना बढ़ा दिया.

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि किसानों को अपने पशुओं की बीमारियों और उनके इलाज पर कम से कम खर्च करना पड़े, इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. किसान अपने खेत में ही सौर ऊर्जा पैदा करके उसे नेशनल ग्रिड में बेच सके, इसके लिए पीएम कुसुम योजना शुरू की गई है. हमारी सरकार इस बात का भी ध्यान रख रही है कि नारियल के किसानों को भी उचित दाम मिले.

उन्होंने कहा कि इसके लिए नारियल किसानों से जुड़े संघ और सोसाइटी बनाए जा रहे हैं, मुझे बताया गया है कि यहां कर्नाटक में ही करीब 550 ऐसी संस्थाएं बनाई जा चुकी हैं. हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले काजू के बीज उपलब्ध कराए जाएं. उसे रबड़ की तरह अपार वादा मिला है. हम देश की आवश्यकता के अनुसार रबड़ उत्पादन के पैमाने को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि Horticulture के अलावा दाल, तेल और मोटे अनाज के उत्पादन में भी दक्षिण भारत का हिस्सा अधिक है. भारत में दाल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बीज हब बनाए गए हैं, जिनमें से 30 से अधिक सेंटर कर्नाटक, आंध्र, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में ही हैं. उन्होंने आगे कहा कि Fisheries को मजबूत करने के लिए सरकार 3 स्तरों पर काम कर रही है. 1- गांवों में मछलीपालन को बढ़ावा, मछुवारे भाई-बहनों को आर्थिक मदद 2- ब्लू रिवोल्यूशन स्कीम के तहत नावों का आधुनिकीकरण 3- मछली के व्यापार और कारोबार से जुड़े आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण.

पीएम मोदी ने कहा कि मछलीपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा जा चुका है. उनकी सहूलियत के लिए बड़ी नदियों और समंदर में नए फिशिंग हार्बर बनाए जा रहे हैं. आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए साढ़े 7 हज़ार करोड़ रुपए का विशेष फंड भी बनाया गया है. उन्होंने आगे कहा कि Deep sea fishing के लिए मछुआरों की नावों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और ISRO की मदद से मछुआरों की सुरक्षा के लिए नेविगेशन डिवाइस नावों में लगाए जा रहे हैं. आज यहां तमिलनाडु और कर्नाटक के अनेक किसानों को इसका लाभ लेते हुए आपने भी देखा है.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि कर्नाटक सहित पूरे भारत में जल संकट की स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल पहुंचाने का संकल्प लिया है. इस अभियान के तहत कर्नाटक सहित देश के 7 राज्यों में भूजल स्तर को ऊपर उठाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. वर्ष 2022 में जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा तब हमारे संकपों की सिद्धि ही हमारे राष्ट्र निर्माताओं को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी.