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आपातकाल से लेकर योग दिवस तक, 8 POINTS में जानें पीएम नरेंद्र मोदी की मन की बात

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा- मैं आया नहीं हूं, आपने ही मुझे लाया है, आपने ही मुझे बिठाया है.

Updated on: 30 Jun 2019, 11:53 AM

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जून रविवार को बहुप्रतीक्षित मन की बात की. लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद यह उनकी पहली मन की बात थी. 54वीं बार मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव, योग दिवस, जल संरक्षण, केदारनाथ की यात्रा, आपातकाल आदि का जिक्र किया. जल संरक्षण को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने नमो ऐप पर लोगों से अपने सुझाव साझा करने का अनुरोध किया. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा- मैं आया नहीं हूं, आपने ही मुझे लाया है, आपने ही मुझे बिठाया है.

  1. चुनाव में मन की बात को बहुत मिस कर रहा था. मुझे लगता था कि कुछ छूट गया, आपको भी लगता होगा. एक बार मन कर रहा था कि चुनाव समाप्‍त होते ही मन की बात शुरू कर दूं, पर संडे की फिलिंग नहीं आती.
  2. कई लोगों ने मुझे चुनाव की आपाधापी में केदारनाथ क्‍यों चला गया, इसे लेकर सवाल पूछे, आपकी जिज्ञासा मैं समझ सकता हूं. एक प्रकार से मैं मुझसे मिलने केदारनाथ चला गया था. केदार की गुफा में एक खालीपन को भरने का मौका मिला.
  3. मैं आया नहीं हूं, आपने ही मुझे लाया है, आपने ही मुझे बिठाया है. जब मैंने कहा था कि अब चार महीने बाद मन की बात में मिलेंगे, तो लोगों ने मजाक उड़ाया था, लेकिन मुझे आपलोगों पर भरोसा था.
  4. देश में आपातकाल लगा था तो जन-जन में आक्रोश था, लोकतंत्र के लिए तड़प थी. आपातकाल में देश के हर नागरिकों को लगा था कि कुछ छीन लिया गया है. शायद दुनिया के किसी देश में वहां के जन-जन में लोकतंत्र के लिए मतदान किया हो तो ऐसा चुनाव 1977 में दिखा था.
  5. पिछले चुनाव में 61 करोड़ लोगों ने वोट दिया था, अमेरिका की कुल जनसंख्‍या से भी अधिक लोग मतदान के लिए लाइन में थे. 2019 के लोकसभा का चुनाव अब तक का सबसे बड़ा चुनाव था. लाखों अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत से यह यज्ञ संपन्‍न हुआ. सुरक्षाबलों ने इसमें परिश्रम की पराकाष्‍ठा दिखाई.
  6. मैं आपसे भी आग्रह करूंगा कि आप अपने व्‍यस्‍त समय में से निकालकर जरूर कोई किताब पढ़ें और नमो ऐप पर जरूर लिखें. केरल में प्राथमिक विद्यालय में लाइब्रेरी के लिए पीके मुरलीधरन ने अथक परिश्रम किया. आज यह लाइब्रेरी सभी को राह दिखा रही है.
  7. जल ही जीवनदायिनी शक्‍ति ऊजा का स्रोत है. पानी की कमी से देश के कई हिस्‍से हर साल प्रभावित होते हैं. आपको आश्‍चर्य होगा कि बारिश से जो पानी हमें मिलता है कि उसका सिर्फ 8 प्रतिशत ही बचाया जाता है. जैसे देशवासियों ने स्‍वच्‍छता को आंदोलन का रूप दे दिया, उसी तरह जल संकट से निपटने के लिए भी आंदोलन शुरू किया जाए.
  8. 21 जून को योग दिवस को एक बार फिर देशवासियों ने योग को लेकर तत्‍परता दिखाई. शायद ही कोई जगह होगी, जहां इंसान हो और योग न हुआ हो. जापान योग निकेतन ने योग को पूरे जापान में लोकप्रिय बनाया हे. इटली की मिस एंटीना रोजी ने पूरे यूरोप में योग का प्रचार-प्रसार किया. बिहार योग विद्यालय मुंगेर को भी सम्‍मानित किया गया.