logo-image

G20 देशों से बोले पीएम मोदी, कोरोना से जंग हम सबको मिलकर लड़ना होगा

पीएम मोदी ने जी 20 देशों के नेताओं से अपील की कि सभी देश मिलकर वैश्विक महामारी COVID19 से लड़ें.उन्होंने कहा कि यह वक्त किसी को दोष देने का नहीं है.

Updated on: 26 Mar 2020, 10:43 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra modi) ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जी20 (G20)के देशों के साथ बातचीत की. उन्होंने जी 20 देशों के नेताओं से अपील की कि सभी देश मिलकर वैश्विक महामारी COVID19 से लड़ें. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक समृद्धि, सहयोग के लिए हमारे दृष्टिकोण के केन्द्र बिंदु में आर्थिक लक्ष्यों के स्थान पर मानव को रखा जाए .

पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरे विश्व के प्रयास पर अन्य G20 नेताओं को संबोधित किया. इस दौरान एनएसए (NSA) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जय शंकर भी मौजूद थे. पीएम मोदी ने नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह वक्त इस बात की चर्चा करने का नहीं है कि कोरोना की उत्पत्ति कहां से हुई. यह वक्त इस संकट से निपटने का है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वायरस के प्रकोप के लिए किसी को दोष देने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए. हमें दुनिया के हालात सुधारने के लिए आर्थिक पहलूओं पर बात करने के बजाय मानव कल्याण को लेकर काम करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें:सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को खत लिखकर कहा- कोरोना को हराने के लिए हम साथ हैं

WHO जैसे वैश्विक संगठनों को बनाना होगा मजबूत

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधा से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) जैसे वैश्विक संगठनों को मजबूत करने की G20 देशों से की.

वैश्विक स्तर पर समस्याओं के बारे में सोचने का मौका दिया है

पीएम ने कहा कि जी20 में हम ज्यादातर आर्थिक मुद्दों पर बात करते रहे हैं. जबकि हमारे सामने आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन जैसे कई वैश्विक मुद्दे हैं जिन्हें हमें संभालना चाहिए. कोविड-19 (COVID19) ने हमें वैश्विक स्तर पर समस्याओं के बारे में सोचने का मौका दिया है.

जी 20 देशों ने पीएम मोदी के प्रस्ताव का किया समर्थन 

पीएम मोदी के संबोधन के बाद विदेश मंत्रालय ने बताय कि कोरोना महामारी को रोकने और लोगों की सुरक्षा के लिए G20 नेताओं ने सभी आवश्यक उपाय करने पर सहमति व्यक्त की. उन्होंने महामारी के खिलाफ लड़ाई में WHO के जनादेश को मजबूत करने का भी समर्थन किया, जिसमें चिकित्सा आपूर्ति, नैदानिक उपकरण, उपचार, दवाएं और टीके की डिलीवरी शामिल हैं.