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PM मोदी ने राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर EVM से लेकर मॉब लिंचिंग तक कही 10 बड़ी बात

पीएम मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का दिया जवाब

Updated on: 26 Jun 2019, 04:57 PM

highlights

  • पीएम मोदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का दिया जवाब
  • ईवीएम को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना
  • देश हार गया कहना लोकतंत्र का अपमान 

नई दिल्ली:

पीएम मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया. इससे पहवे पीएम मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे चुके हैं. पीएम मोदी ने उच्च सदन को संबोधित किया. उन्होंने एक देश एक चुनाव समेत कई मुद्दों पर बात की. साथ ही विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा. ईवीएम पर उठ रहे सवालों पर पीएम मोदी ने कहा कि इसके जिम्मेदार कांग्रेस हैं. जानें पीएम मोदी की राज्य सभा से 10 बड़ी बात.

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वन नेशन वन इलेक्शन

पीएम मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि एक देश, एक चुनाव पर चर्चा तो करो भाई. क्‍या ये समय की मांग नहीं है कि एक मतदाता सूची हो. जितने चुनाव उतने मतदात सूची. ऐसा क्‍यों. ऐसे सुधार की जरूरत है. चुनाव सुधारों का सबसे ज्‍यादा फायदा आप लोगों को हुआ है. उड़ीसा का उदाहरण देते हुए कहा कि मतदाता की समझ बढ़ी है. एक साथ चुनाव कराने पर क्षेत्रीय पार्टियों के अस्‍तीत्‍व का कोई खतरा नहीं. चुनाव सुधार की चर्चा खुले मन से होनी चाहिए, लेकिन एक देश एक चुनाव के खिलाफ बोलना ठीक नहीं. कम से कम चर्चा तो करो. क्या आज समय की मांग नहीं है कि देश में एक मतदाता सूची एक हो. जितने चुनाव उतनी मतदाता सूची हैं. पंचायत में एक भी मतदाता छूटता नहीं है क्योंकि वहां एक-एक वोट अहम है. पहले देश में एक देश एक चुनाव होता था ये बाद में गड़बड़ हुआ है. ओडिशा का उदाहरण सामने है.

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विजय को पचा नहीं पाती कांग्रेस

प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव के वातावरण को डिरेल करने का माहौल बनाया गया, फिर वीवीपैट पर भी सवाल उठाए गए, लेकिन उसने ईवीएम की ताकत को और बढ़ा दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कुछ न कुछ दिक्कत है. आप विजयी भी नहीं पचा पाते हैं और 2014 से मैं देख रहा हूं कि आप पराजय को स्वीकार भी नहीं कर पाते. लोकतंत्र में हर दल का एक सम्मान है और उसके प्रति हमारा सम्मान होना चाहिए तभी लोकतंत्र चलता है. मध्य प्रदेश में जीत के कुछ दिन बाद ही ऐसी ऐसी खबरें आने लगीं.

झारखंड को बदनाम करना ठीक नहीं

मॉब लिंचिग पर पीएम मोदी बोले कि युवक की मौत पर उन्‍हें दुख है. दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए लेकिन पूरे झारखंड को बदनाम करने की जरूरत नहीं है. दुनिया में सबसे ज्‍यादा नुकसान मेरा टेररिज्‍म और तेरा टेररिज्‍म ने किया है.

EVM को हमने नहीं कांग्रेस ने दी थी मंजूरी

पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमलावर होते हुए कहा कि EVM को हमने नहीं कांग्रेस ने दी थी मंजूरी. पीएम मोदी ने कहा कि 1977 में सबसे पहले ईवीएम की चर्चा शुरू हुई. तब हम राजनीति में कहीं नजर नहीं आते थे और 1988 में इसी सदन में बैठे लोगों ने कानूनन इस व्यवस्था को मंजूरी दी. हम तब भी नहीं थे. ईवीएम भी कांग्रेस ने ही किया था और आज हार गए तो रो रहे हो. ईवीएम से अब तक 113 विधानसभाओं के चुनाव हुए हैं और यहां बैठे सभी दलों को उसी ईवीएम से सत्ता में आने का मौका मिला है. चार लोकसभा चुनाव में भी लोग उसी ईवीएम से लोग जीतकर आए हैं. ईवीएम सभी परीक्षण के बाद न्यायपालिका ने उसे ठीक पाया है. ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग भी चुनौती दे चुका है.

भारत को ये अवसर खोना नहीं चाहिए

भारत की चुनाव प्रक्रिया दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने का अवसर होती है और इसे हमें खोना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि चुनाव में कितनी व्यापकता थी. 10 लाख पोलिंग स्टेशन, 40 लाख ईवीएम, 8 हजार से ज्यादा उम्मीदवार, 650 राजनीतिक दल कितना बड़ा रूप था और दुनिया के लिए यह चकित करने वाली बात है. हमारे लिए गर्व की बात है. चुनाव में महिलाओं ने भी अपनी भागीदारी बढ़ाई है. पुरुषों के बराबर महिलाओं ने वोट किया और 78 महिला सांसद चुनकर आई हैं.

EVM कारण ही यह संभव हुआ

चुनाव के बाद अखबारों की हेडिंग अब बदल जाती है. पहले हेडिंग हिंसा पर होती थी और आज मतदान प्रतिशत बढ़ने की. यह सब EVM कारण ही संभव हुआ. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो लोग हार गए हैं वो लोग देश के मतदाताओं का अभिवादन नहीं कर पाते होंगे, लेकिन मैं सिर झुकाकर उनका अभिनंदन करता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि यहां ईवीएम की काफी चर्चा हुई और उसे लेकर सवाल उठाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि हम भी कभी सदन में 2 रह गए थे और हमारा मजाक बनाया जाता था, लेकिन कार्यकर्ताओं पर हमारा भरोसा था और हमने पार्टी को फिर से खड़ा किया. हमने उस समय ईवीएम का रोना-धोना नहीं किया, न किसी तरह के सवाल उठाए, जब स्वंय पर भरोसा नहीं होता है तब बहाने खोजे जाते हैं, गलतियों को स्वीकार करने के लिए जो तैयार नहीं हैं तब ईवीएम पर हार का ठीकरा फोड़ते हैं. अगर हिम्मत हैं तो राजनीतिक काडर के तैयार कीजिए, एक चुनाव हो गया आगे भी चुनाव होंगे.

देश हार गया कहना लोकतंत्र का अपमान

करीब 50 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया और सभी ने अपने तरीके से अपनी बात बताई है. कहीं खट्टापन था तो कहीं आक्रोश भी था, हर प्रकार के भाव यहां प्रकट हुए, कुछ अच्छे सुझाव मिले. कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें मैदान में जाने का मौका नहीं मिला, उससे गुस्सा भी यहां देखा गया. कई दशकों बाद देश में फिर से एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी है और यह चुनाव कई मायनों में खास था. देश के मतदाताओं ने स्थिरता को बल दिया है. इस बार देश की जनता दलों से परे लड़ रही थी.

तीन बार पीएम बोले यहां हमारा बहुमत नहीं

राज्‍य सभा में आज तीन बार पीएम ने कहा कि हम जानते हैं यहां हमारा बहुमत नहीं है. पिछले 5 साल हमने बहुत सहा है. जनता ने हमें काफी उम्‍मीदों से लोकसभा में भेजा है और हम उनकी उम्‍मीदों को पूरा करेंगे.

प्रचंड जनादेश के बाद सदन में बोलने का मौका

PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पहली बार प्रचंड जनादेश के बाद सदन में बोलने का मौका मिला है. इस बार पहले से ज्यादा जनसमर्थन और विश्वास के साथ हमें दोबारा देश की सेवा करने का अवसर देशवासियों ने दिया है और इसके लिए सभी का आभार प्रकट करता हूं. पीएम मोदी ने कहा दूसरे कार्यकाल के प्रारंभ में ही हमारे सदन के सदस्य मदनलाल जी हमारे बीच नहीं रहे, उनके प्रति मेरी श्रद्धांजलि. अरुण जी स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं उनका भी सदन को इंतजार है. नेता के रूप में थावरचंद गहलोत का अभिनंदन करता हूं.

कांग्रेस हारी तो देश हार गया ये कौन सा तर्क है

पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि चुनाव में देश हार गया, लोकतंत्र हार गया तो क्या वायनाड और रायबरेली में हिन्दुस्तान हार गया, क्या अमेठी में हिन्दुस्तान हार गया. कांग्रेस हारी तो देश हार गया ये कौन का तर्क है, कांग्रेस का मतलब देश नहीं, अहंकार की एक सीमा होती है. उन्होंने कहा कि 60 साल तक देश में सरकार चलाने वाला दल 17 राज्यों में एक सीट नहीं जीत पाया क्या हम आसानी से कह देंगे कि देश हार गया. इस तरह के बयान से हमने देश के मतदाताओं को कटघरे में खड़ा कर दिया, वोटरों का ऐसा अपमान इस तरह की पीड़ा देता है.