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करगिल विजय दिवस समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा समेत कही ये 10 बड़ी बात

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का इतिहास है कि भारत कभी आंक्राता नहीं रहा है, मानवता के हित में शांतिपूर्ण आचरण हमारे संस्कारों में है

Updated on: 28 Jul 2019, 06:36 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शनिवार को शामिल हुए. दीप प्रज्ज्वलित कर उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम को पीएम मोदी ने संबोधित किया. उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए उनकी वीरगाथा को सलाम किया. कार्यक्रम में मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया. साथ ही गायक मोहित चौहान का देशभक्ति गाना आकर्षण का केंद्र रहा. वंदे मातरम गीत गाकर शिलॉन्ग ग्रुप और बच्चों ने समां बांध दिया. शिलॉन्ग क्वायरल ग्रुप के बैंड पर आर्मी स्कूल के बच्चों ने तिरंगा ड्रेस में नृत्य प्रस्तुत किया. जानते हैं पीएम मोदी की 10 बड़ी बात

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1. भारत का इतिहास गवाह है कि भारत कभी आंक्राता नहीं रहा है. मानवता के हित में शांतिपूर्ण आचरण हमारे संस्कारों में है. हमारा देश इसी नीति पर चला है. भारत में हमारी सेना की छवि देश की रक्षा की है. विश्व में हम मानवता और शांति के रक्षक भी हैं.

2. पाकिस्तान शुरू से ही कश्मीर को लेकर छल करता रहा. 1948, 1965, 1971 उसने यही किया. लेकिन 1999 में उसका छल पहले की तरह फिर एक बार छल की छलनी कर दी गई. युद्ध में पराजित हुए लोग आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ना प्रभाव में काम होगा, ना दबाव में और ना ही अभाव में

3. बीते पांच वर्षों में सैनिकों और सैनिकों के परिवारों के कल्याण से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. आजादी के बाद दशकों से जिसका इंतजार था उस 'वन रैंक वन पेंशन' लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने पूर्ण किया. इस बार सरकार बनते ही पहला फैसला शहीदों के बच्चों की स्कॉलरशिप बढ़ाने का किया गया. इसके अलावा 'नेशनल वॉर मेमोरियल' भी आज हमारे वीरों की गाथाओं से देश को प्रेरित कर रहा.

4. सैनिक आज के साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए अपना जीवन बलिदान करते हैं. हमारा आने वाला कल सुरक्षित रहे, उसके लिए वो अपना वर्तमान स्वाहा कर देता है. सैनिक जिंदगी और मौत में भेद नहीं करते, उनके लिए कर्तव्य ही सब कुछ होता है. मौत सामने थी फिर हर हमारा जवान तिरंगा लेकर सबसे पहले घाटी पर पहुंचना चाहता था.

5. साल 2014 में शपथ लेने के बाद मुझे करगिल जाने का अवसर मिला था. 20 साल पहले जब करगिल युद्ध चरम पर था तब भी मैं वहां गया था.एक साधारण नागरिक के नाते मैंने मोर्चे पर जुटे अपने सैनिकों के शौर्य को उस मिट्टी पर जाकर नमन किया.

6. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि करगिल विजयगाथा पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी. सैनिक जिंदगी और मौत में भेद नहीं करते हैं. उनके लिए कर्तव्य ही सबकुछ होते हैं. देश के पराक्रम से जुड़े इन जवानों का जीवन सरकारों के कार्यकाल से बंद नहीं होते हैं. शासक और प्रशासक कोई भी हो सकता है परंतु पराक्रमी और उनके पराक्रम पर हर हिंदुस्तानी का हक होता है.

7. युद्ध सरकारें नहीं लड़ती हैं. युद्ध पूरा देश लड़ता है. सरकारें आती जाती रहती हैं. लेकिन जो देश के लिए मरने जीने की परवाह नहीं करते हैं, वे अजर अमर होते हैं. उन्होंने कहा कि सैनिक आने वाले दिनों के लिए खुद को मिटा देते हैं.

8. पीएम मोदी ने करगिल विजय दिवस के मौके पर सभी शूरवीरों को श्रद्धा सुमन अर्पित की. वीर सपूतों को जन्मदेने वाली माताओं को भी उन्होंने नमन किया. उन्होंने कहा कि विजय दिवस के अवसर पर आज हर देशवासी शौर्य और राष्ट्र के समर्पित एक प्रेरणादायक गाथा को स्मरण कर रहा है. आज के अवसर पर मैं उन सभी शूरवीरों को नमन करता हूं, जिन्होंने कारगिल की चोटियों से तिरंगे को उतारने के षड़यंत्र को असफल किया.

9. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करगिल युद्ध में शहीद होने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता जनरल बत्रा से मुलाकात की. कैप्टन विक्रम बत्रा को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था.

10. आज लड़ाइयां अंतरिक्ष तक पहुंच गई हैं और साइबर स्तर पर भी लड़ी जाती है. इसलिए सेना को आधुनिक बनाना हमारी प्राथमिकता है. जल, थल, नभ सभी जगह हमारी सेना अपने उच्चतम शिखर को प्राप्त करने का सामर्थ्य रखे और आधुनिक बने, ये हमारा प्रयास है.