पटियाला हाउस कोर्ट ने टाली निर्भया के गुनहगारों की सुनवाई, बचाव पक्ष को फटकारा, 18 दिसंबर दी तारीख
अदालत ने बचाव पक्ष को मामले को टालने के लिए फटकार भी लगाई. दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 18 दिसंबर तय की है.
highlights
- सुप्रीम कोर्ट में निर्भया के दोषी के याचिका लंबित है, इस कारण टली सुनवाई.
- हालांकि अदालत ने बचाव पक्ष के वकील को मामला टालने के लिए फटकारा.
- अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होंगे दोषी
New Delhi:
निर्भया के एक दोषी अक्षय की दया याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के चलते पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के गुनाहगारों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये शुक्रवार को होने वाली सुनवाई टाल दी है. इसके साथ ही अदालत ने बचाव पक्ष को मामले को टालने के लिए फटकार भी लगाई. दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 18 दिसंबर तय की है. इस दिन दोपहर दो बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी होगी. हालांकि अदालत आज भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दोषियों से बात करेगी.
यह भी पढ़ेंः 'अगर निर्भया के गुनाहगारों को फांसी देने से बलात्कार रुकता हो, तो उन्हें तुरंत लटका दिया जाए'
मामले को टालने के लिए बचाव पक्ष को फटकार
निर्भया के अभिभावकों की अपील पर आज एडिशनल सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा की कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. सुनवाई शुरू होते ही निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने अदालत में अलग-अलग अदालतों में लंबित याचिकाओं का हवाला दिया. इस पर जज ने उन्हें टोकते हुए कहा कि क्या उन्हें क़ानूनी राहत के विकल्प मौजूद रहने की जानकारी नहीं थी. साथ ही अदालत ने बचाव पक्ष के वकील से साफ-साफ कहा कि वह मामले को टालने की कोशिश कर रहे हैं. इसके बाद अदालत ने कोर्ट ने एमिकस क्युरी (न्याय मित्र) वृंदा करात से उनकी राय पूछी. इस पर वृंदा करात ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यु पिटीशन लंबित होने की बात कही. इसके साथ ही उन्होंने साफ-साफ कहा कि वह दोषी मुकेश की ओर से पेश नहीं हो रही हैं. चूंकि अदालत ने उनसे राय मांगी थी, तो वह इस हैसियत से अदालत में अपना पक्ष रख रही हैं.
यह भी पढ़ेंः जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे रद्द कर सकते हैं भारत दौरा, पूर्वोत्तर में जारी हिंसा का असर
18 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
दलीलों के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाओं का लंबित रहना अदालत को डेथ वारंट जारी करने से नहीं रोकता है. अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि इस मामले में तीन दोषियों को पुर्नविचार अर्जी खारिज हो चुकी है. इस पर जज ने कहा कि हम क्यूरेटिव पिटीशन दायर होने का इतंज़ार नहीं कर रहे है. हम सिर्फ रिव्यु पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के इतंज़ार कर रहे हैं. इसके बाद अदालत ने कहा कि वह 18 दिसंबर को दोपहर दो बजे मामले की सुनवाई करेगी. इसके पहले निर्भया के वकील एपी सिंह ने अदालत के बाहर कहा था, 'संसद में बैठकर जो लोग ऐसे अपराधियों को सरे राह गोली मारने की पैरवी कर रहे हैं. वास्तव में वह लोकतंत्र के मंदिर में बैठकर संविधान का अपमान कर रहे हैं. क्या कोई इस बात की गारंटी ले सकता है कि दोषियों को फांसी देने के बाद महिलाओं पर होने वाले अपराध और बलात्कार की घटनाएं रुक जाएंगी?'
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
April Panchak Date 2024: अप्रैल में कब से कब तक लगेगा पंचक, जानें क्या करें क्या ना करें
-
Ramadan 2024: क्यों नहीं निकलते हैं कुछ लोग रमज़ान के आखिरी 10 दिनों में मस्जिद से बाहर, जानें
-
Surya Grahan 2024: क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण, जानें कब लगेगा अगला ग्रहण
-
Rang Panchami 2024: आज या कल कब है रंग पंचमी, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व जानिए