logo-image

WhatsApp जासूसी के मामले में शशि थरूर की अध्यक्षता में आज संसदीय की एक समिति करेगी जांच

व्हाट्सएप जासूसी मामले की जांच आज संसदीय की एक समिति करेगी, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस नेता शशि थरूर करेंगे. समिति केंद्रीय गृह सचिव समेत तमाम सरकारी अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी लेगी.

Updated on: 20 Nov 2019, 11:57 AM

नई दिल्ली:

व्हाट्सएप जासूसी मामले की जांच आज संसदीय की एक समिति करेगी, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस नेता शशि थरूर करेंगे. समिति केंद्रीय गृह सचिव समेत तमाम सरकारी अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी लेगी. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान वाट्सऐप के अधिकारियों को भी उनका पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है. बता दें कि अभी हाल ही में इज़रायल के सॉफ़्टवेयर पेगासस के जरिए 120 से ज़्यादा पत्रकारों और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के व्हाट्सएप मैसेज की निगरानी की बात सामने आई थी. व्हाट्सएप ने भी इस बात को स्वीकारते हुए इस खबर की पुष्टि की थी कि इजरायल के सॉफ़्टवेयर पेगासस से जासूसी की गई थी.

ये भी पढ़ें: इजरायली साइबर कंपनी ने भारतीय पत्रकारों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की: व्हाट्सएप

व्हाट्सऐप ने इजरायली सर्विलांस फर्म पर किया मुकदमा

व्हाट्सएप ने इजरायली सर्विलांस फर्म एनएसओ ग्रुप पर जासूसी करने का आरोप लगाया था. उन्होंने एनएसओ के खिलाफ अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित फेडरल कोर्ट में मुकदमा दायर किया है. बताया जा रहा है कि एनएसओ ग्रुप ने भारत समेत 20 देशों के करीब 1400 डिप्लोमेट, राजनेता, पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता और सीनियर सरकारी अधिकारियों की जासूसी गई थी.

और पढ़ें: जासूसी विवाद: व्हॉट्सएप ने सितंबर में भारत को किया था अलर्ट, मोदी सरकार ने दिया ये जवाब

ऐसे की गई व्हाट्सऐप के जरिए जासूसी?

साल 2016 में जासूसी का मामला सामने आया था. उस बार ई-मेल और मैसेज भेजकर पेगासुस सॉफ्टवेयर से जासूसी की गई थी. इसके बाद इस सॉफ्टवेयर का ऐपल और गूगल ने तोड़ निकाला था और इसको रोका था. अब पेगासुस को नए तरीके यानी वीडियो कॉल के जरिए मोबाइल फोन पर भेजा गया और जासूसी की गई. इस जरिए सिर्फ एक मिस कॉल से पेगासुस सॉफ्टवेयर मोबाइल में अपने आप पहुंच जाता है और हैकर नियंत्रण कर लेता है. यह पेगासुस सॉफ्टवेयर का नया वर्जन है.