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संसद के शीतकाली सत्र में मास्क पहन कर ससंद पहुंचे सांसद, जावड़ेकर इलेक्ट्रिक कार से आए

भाजपा सांसद मनसुख मंडाविया साइकिल से संसद पहुंचे. इसी तरह उनके पार्टी सहयोगी मनोज तिवारी भी साइकिल से संसद आए.

Updated on: 18 Nov 2019, 05:27 PM

नई दिल्ली:

वायु प्रदूषण के प्रति अपनी चिंता का इजहार करते हुए कई सांसद सदस्य संसद के शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को मास्क पहन कर आए. कुछ सांसदों ने साइकिल और कुछ ने संसद पहुंचने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग किया. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इलेक्ट्रिक कार से संसद भवन पहुंचे. जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा ‘सरकार धीरे धीरे इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल बढ़ा रही है क्योंकि ये प्रदूषण मुक्त हैं. मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे प्रदूषण से निपटने में योगदान दें और सार्वजनिक परिवहन या इलेक्ट्रिक वाहनों आदि का इस्तेमाल करें.’ कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने संसद भवन परिसर में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदूषण के विरोध स्वरूप मास्क पहना. उनका विरोध वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि को लेकर था. भाजपा सांसद मनसुख मंडाविया साइकिल से संसद पहुंचे. इसी तरह उनके पार्टी सहयोगी मनोज तिवारी भी साइकिल से संसद आए. गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली वायु प्रदूषण की वजह से लगातार सुर्खियों में बनी हुई है. सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ लेकिन यह लगातार दूसरे दिन ‘खराब’ श्रेणी में रही. राष्ट्रीय राजधानी में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 207 दर्ज किया. रविवार को इसी समय वायु गुणवत्ता सूचकांक 254 दर्ज किया गया था. 

आपको बता दें कि सोमवार को पीएम मोदी ने राज्य सभा के 250वें सत्र को संबोधित करते हुए वहां उपस्थित सभी सांसदों को बधाई देते हुए कहा कि मैं यहां उपस्थित सभी सांसदों को बधाई देता हूं. 250 सत्रों की ये जो यात्रा चली है, उसमें जिन-जिन सांसदों ने योगदान दिया है वो सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं. मैं उनका आदरपूर्वक स्मरण करता हूं. 250 सत्र ये अपने आप में समय व्यतीत हुआ ऐसा नहीं है. एक विचार यात्रा रही. समय बदलता गया, परिस्थितियां बदलती गईं और इस सदन ने बदली हुई परिस्थितियों को आत्मसात करते हुए अपने को ढालने का प्रयास किया. सदन के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं.

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प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि सदन संवाद के लिए होना चाहिए. भारी बहस हो, लेकिन रुकावटों के बजाय संवाद का रास्ता चुनें. एनसीपी और बीजेडी ने तय किया है कि वे वेल में नहीं जाएंगे. लेकिन फिर भी न एनसीपी न बीजेडी की राजनीतिक यात्रा में कोई रुकावट आई है. उच्च परंपरा जिसने बनाई उनका कोई राजनीतिक नुकसान नहीं हुआ. उनसे हमें सीखना चाहिए. इसकी चर्चा भी होनी चाहिए और उनका धन्यवाद देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि अनुभव कहता है संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी वो कितनी उपयुक्त रही है और कितना अच्छा योगदान इसने दिया है. जहां निचला सदन जमीन से जुड़ा है, तो उच्च सदन दूर तक देख सकता है.

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भारत की विकास यात्रा में निचले सदन से जमीन से जुड़ी चीजों का प्रतिबिंब झलकता है, तो उच्च सदन से दूर दृष्टि का अनुभव होता है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस सदन के दो पहलू खास हैं- स्थायित्व और विविधता. स्थायित्व इसलिए महत्वपूर्ण है कि लोकसभा तो भंग होती रहती है, लेकिन राज्यसभा कभी भंग नहीं होती. और विविधता इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि यहां राज्यों का प्रतिनिधित्व प्राथमिकता है.राज्यसभा के 250 सत्र पर काफी चर्चा हुई है. इसमें योगदान देने वाले लोगों को अभिनंदन. इस सदन ने इतिहास बनाया भी और देखा भी. 250वें सत्र में शामिल होना मेरे लिए काफी अहम है.