Parliament Winter Session 7th Day LIVE: संसद की कार्यवाही शुरू, ट्रांसजेंडर पर्सन्स बिल समेत इन बिलों पर हुई चर्चा
आज यानि कि मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र का सातवां (Parliament Winter Session 7th Day)दिन है. बता दें कि सोमवार को संसद की कार्यवाही का काफी हंगामाखेज रहा.
नई दिल्ली:
आज यानि कि मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र का सातवां (Parliament Winter Session 7th Day)दिन है. बता दें कि सोमवार को संसद की कार्यवाही का काफी हंगामाखेज रहा. संत्र की कार्यवाही शुरू होते ही महाराष्ट्र के मुद्दे पर कांग्रेस और अन्य विपक्ष ने नारेबाजी और हंगामा करना शुरू कर दिया. दोनों सदनों में सरकार के विरोध में काफी हंगामा किया गया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही काफी बाधित हुई. अंत में मंगलवार के दोपहर 2 बजे तक संसद की शीतकालीन कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया.
वहीं आज देश में 70वां संविधान दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद भवन के केंद्रिय कक्ष से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे. संविधान दिवस पर आयोजित इस समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के अलावा अन्य पदाधिकारी हिस्सा लेंगे. कार्यक्रम का आयोजन पूर्वाह्न् 11 बजे संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में होगा जिसे प्रधानमंत्री भी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे.
यूपी के गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने अपने संसदीय क्षेत्र का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इलाके की युवा प्रतिभा कला क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहती है. कला और साहित्य, संस्कृति से युवा जुड़ना चाहते हैं लेकिन कोई संस्थान नहीं होने की वजह से युवाओं को मार्गदर्शन नहीं मिल पाता. अगर मेरे क्षेत्र में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) खुल जाए तो वह न सिर्फ स्थानीय युवाओं बल्कि बिहार और पूर्वी यूपी के तमाम युवाओं के लिए लाभदायक होगा.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने दादरा नगर हवेली और दमन द्वीप केन्द्र शासित राज्यों को विलय करने वाले बिल का विरोध किया.वहीं राज्यसभा में ट्रांसजेंडर पर्सन्स बिल पर आगे की चर्चा जारी है.
संविधान दिवस की वजह से सदन की कार्यवाही 2 बजे शुरू की गई इसलिए स्थगन प्रस्तावों की चर्चा कल जब कार्यवाही शुरू होगी उस समय की जाएगी.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ये भी कहा कि संविधान निर्माताओं द्वारा सुनिश्चित किए गए समान अवसर के बल पर ही आज मुझे राष्ट्रपति के रूप में संसद की इस ऐतिहासिक बैठक को संबोधित करने का अवसर मिला है. हमारे देश में हर प्रकार की परिस्थिति का सामना करने के लिए संविधान सम्मत रास्ते उपलब्ध हैं इसलिए हम जो भी काम करें उसके पहले यह जरूर सोचें कि क्या हमारा कार्य संवैधानिक गरिमा और नैतिकता के अनुरूप है. मुझे विश्वास है कि इस कटौती को ध्यान में रखकर अपने संवैधानिक आदर्शों को प्राप्त करते हुए हम सब भारत को विश्व के आदर्श लोकतंत्र के रूप में सम्मानित स्थान दिलाएंगे.
रामनाथ कोविंद ने कहा- 70 वर्ष की अवधि में भारतीय संविधान ने जो उपयोगिता व सम्मान हासिल की है, उसके लिए सभी देशवासी बधाई के हकदार हैं. साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के तीनों अंग विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका सराहना के पात्र हैं. सरकार के तीनों अंगों, संवैधानिक पदों को सुशोभित करने वाले सभी व्यक्तियों, सिविल सोसाइटी के सदस्यों तथा सभी सामान्य नागरिकों द्वारा संवैधानिक नैतिकता का पालन किया जाना अपेक्षित है.
17वीं लोकसभा में आज तक की सबसे बड़ी संख्या में, 78 महिला सांसदों का चुना जाना हमारे लोकतंत्र की गौरवपूर्ण उपलब्धि है. महिलाओं को शक्तियां प्रदान करने संबंधी स्थायी संसदीय समिति में आज शत-प्रतिशत सदस्यता महिलाओं की है. यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन है, जिसमें आने वाले कल की सुनहरी तस्वीर झलकती हैः रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति ने कहा- हमारे संविधान में भारतीय लोकतंत्र का दिल धड़कता है. इस जीवंतता को बनाए रखने के लिए संशोधनों का भी प्रावधान किया गया. 17वीं लोकसभा में 78 महिला सांसदों का चुना जाना हमारे लोकतंत्र की गौरवपूर्ण उपलब्धि है. यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन है.
हमारा संविधान भारत के लोगों के लिए, भारत के लोगों द्वारा निर्मित भारत के लोगों का संविधान है. यह एक राष्ट्रीय दस्तावेज है, जिसके विभिन्न सूत्र भारत की प्राचीन सभाओं और समितियों, लिच्छवि तथा अन्य गणराज्यों और बौद्ध संघों की लोकतांत्रिक प्रणालियों में भी पाए जाते हैं: कोविंद
संविधान दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्धाटन भी किया. इस प्रदर्शनी में संविधान निर्माण से लेकर संविधान बनने तक की पूरी कहानी बताई गई है. संविधान की मूल प्रति भी यहां देखी जा सकती है.
संविधान दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अटल नेशनल यूथ पार्लियामेंट स्कीम पोर्टल का विमोचन किया. इसके साथ ही उपराष्ट्रपति नायडु ने एक किताब का विमोचन भी किया और उसकी प्रथम प्रति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेंट की गई.इसके साथ ही एक डाक टिकट और राज्यसभा के 250वें सत्र के उपलक्ष्य में एक स्मारक सिक्का भी जारी किया गया.
2015 में, बाबासाहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के दौरान भारत सरकार ने 26 नवंबर के दिन को प्रति वर्ष 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया. यह हमारे संविधान के प्रमुख शिल्पी के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने की दिशा में एक सराहनीय पहल है: कोविंद
संविधान दिवस के अवसर पर संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे हैं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा- देश और विदेश में रहने वाले भारत के सभी लोगों को, भारत के संविधान की 70वीं वर्षगांठ की हार्दिक बधाई.
संविधान दिवस के मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा- मैं संविधान को अपनाए जाने के 70 साल पूरे होने के अवसर लोगों को बधाई देता हूं. संविधान को देश के बुद्धिमान और संवेदनशील लोगों ने बनाया था. हमें आजाद भारत का नागरिक बनाने के लिए बलिदान देनेवाले हजारों लोगों का शुक्रिया.
देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू कर रहे हैं संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित.
हमारा संविधान 'हम भारत के लोग' ( We the people of India) से शुरू होता है, हम भारत के लोग ही इसकी ताकत हैं, हम ही इसकी प्रेरणा हैं और हम ही इसका उद्देश्य हैं: मोदी
सेवाभाव किसी भी समाज को सशक्त करता है. उसी तरह कर्तव्यभाव भी बहुत अहम है. एक नागरिक के नाते हमें वो करना चाहिए, जिससे हमारा राष्ट्र शक्तिशाली बने: प्रधानमंत्री मोदी
पीएम ने कहा- हमारी कोशिश होनी चाहिए कि अपने हर कार्यक्रम में, हर बातचीत में हम Duties पर फोकस करें.
जनप्रतिनिधि होने के कारण खुद को भी एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत करना हमारा दायित्व बन जाता है और हमें समाज में सार्थक बदलाव लाने के लिए इस कर्तव्य को भी निभाना होगा: प्रधानमंत्री
पीएम ने ये भी कहा- जब पूरी दुनिया अधिकारों की बात कर रही थी तब गांधी जी ने नागरिकों के कर्तव्यों के बारे में बात करते हुए इस तरफ कदम आगे बढ़ाया था.
अधिकारों और कर्तव्यों के बीच के इस रिश्ते और इस संतुलन को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बखूबी समझा था. आज जब देश पूज्य बापू की 150वीं जयंती का पर्व मना रहा है तो उनकी बातें और भी प्रासांगिक हो जाती हैं: मोदी
हमारा संविधान वैश्विक लोकतंत्र की सर्वोत्कृष्ट उपलब्धि है. यह न केवल अधिकारों के प्रति सजग रखता है बल्कि हमारे कर्तव्यों के प्रति जागरूक भी बनाता है: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
संविधान की भावना अटल और अडिग रही है. अगर इसके साथ कभी कुछ इस तरह के प्रयास हुए भी हैं तो देशवासियों ने इसे असफल किया है. हमारे संविधान की मजबूती के कारण ही हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की दिशा में आगे बढ़ पाए हैं. हमने तमाम सुधार संविधान की मर्यादा में रहकर किए हैं- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा- डॉ राजेन्द्र प्रसाद, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, सरदार पटेल, मौलाना आजाद, सुचेता कृपलानी और अनेक अनगिनत महापुरुषों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष योगदान देकर ये महान विरासत हमें सौंपी हैं. मैं उन सभी महापुरुषों को नमन करता हूं.
बाबा साहब ने पूछा था कि हमें आजादी भी मिल गई, गणतंत्र भी हो गए. क्या हम इसे बनाए रख सकते हैं? क्या अतीत से हम सीख ले सकते हैं? बाबा साहब अगर होते तो उनसे अधिक प्रसन्नता शायद ही किसी को होती. भारत ने इतने वर्षों में उनके सवालों का उत्तर दिया और अपने लोकतंत्र को आर समृद्ध किया हैः पीएम मोदी
Baba Saheb Ambedkar had asked that we got independence and we became a republic, but can we hold on to this?
Had he been present today, no one else would be happier than him. India has answered his questions and has empowered itself on the right path: PM #ConstitutionDay pic.twitter.com/sf9ojQeuz5
— BJP (@BJP4India) November 26, 2019
मैं विशेष तौर पर 130 करोड़ भारतीयों के सामने नतमस्तक हूं, जिन्होंने भारत के लोकतंत्र के प्रति आस्था को कभी कम नहीं होने दिया और हमारे संविधान को हमेशा एक पवित्र ग्रंथ माना: मोदी
कुछ दिन और अवसर ऐसे होते हैं जो हमारे अतीत के साथ हमारे संबंधों को मजबूती देते हैं. हमें बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करते हैं. आज 26 नवंबर का दिन ऐतिहासिक दिन है, 70 साल पहले हमने विधिवत रूप से, एक नए रंग-रूप के साथ संविधान को अंगीकार किया था.
संविधान दिवस के अवसर पर संसद के संयुक्त सत्र में मोदी ने कहा- 7 दशक पहले इसी सेंट्रल हॉल में इतनी ही पवित्र आवाजों की गूंज थी. तर्क आए, तथ्य आए. आस्था की चर्चा हुई, सपनों की चर्चा हुई.
संविधान दिवस पर पीएम ने कहा- 26 नवंबर का दिन ऐतिहासिक है. आज ही के दिन संविधान को अंगीकार किया गया. महान विरासत हमारे हाथों में दी गई है. सपनों को शब्दों में मढ़ने का प्रयास किया गया.
26/11 हमले के शहीदों को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि. पीएम मोदी ने कहा- 26 नवंबर हमें दर्द भी पहुंचाता है। जब भारत की महान परंपराओं, हजारों साल की सांस्कृतिक विरासत को आज के ही दिन मुंबई में आतंकवादी मंसूबों ने छलनी करने का प्रयास किया था. मैं वहां मारी गईं सभी महान आत्माओं को नमन करता हूं.
संविधान दिवस के मौके पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संविधान के शिल्पकारों को याद करते हुए कहा- संविधान निर्माताओं को नमन है, जिनेक परिश्रम की वजह से हमें अनूठा संविधान मिला.
संविधान दिवस के अवसर पर संसद का संयुक्त सत्र सेंट्रल हॉल में जारी. राष्ट्रपति रामानथ कोविंद, पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू आदि मौजूद.
संसद पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी. विपक्षी पार्टीयां आज संसद के संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन का बहिष्कार करेंगे. इसके अलावा वो संसद भवन में मौजूद अंबेडकर की मूर्ति के सामने विरोध-प्रदर्शन भी करेंगे.
Delhi: Congress leader Rahul Gandhi arrives at Parliament premises. Opposition parties will boycott President Ram Nath Kovind's address at the joint sitting of Parliament today, and will hold a protest in front of the Ambedkar Statue in Parliament. pic.twitter.com/WI0DJZdp8n
— ANI (@ANI) November 26, 2019
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