Citizenship Amendment Bill: राज्यसभा से भी नागरिकता संशोधन बिल पास, पक्ष में 125 और विपक्ष में 99 वोट पड़े
लोकसभा से नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship amendment bill 2019) पास होने के बाद आज इसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में पेश करेंगे.
नई दिल्ली:
लोकसभा से नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship amendment bill 2019) पास होने के बाद बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश किया गया. बिल को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई. बिल को पास कराने के लिए हुई वोटिंग में पक्ष में 125 और विपक्ष में 99 वोट पड़े. वहीं बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने समेत सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज हो गया. किसी भी संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली. सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के खिलाफ 124 और पक्ष में 99 वोट पड़े थे. राज्यसभा में चली लंबी बहस के बाद बिल को मंजूरी मिल गई. इस दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर देश का बंटवारा नहीं हुआ होता तो बिल लाने की जरूरत नहीं थी.
राज्यसभा से भी नागरिकता संशोधन बिल पास. पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 वोट पड़े.
#CitizenshipAmendmentBill2019 passed in Rajya Sabha;
125 votes in favour of the Bill, 105 votes against the Bill pic.twitter.com/P10IqkSlCs
— ANI (@ANI) December 11, 2019
बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव गिरा. बिल को भेजने के खिलाफ 124 और पक्ष में 99 वोट पड़े. बिल में संशोधन के कुल 14 प्रस्ताव दिए गए. वहीं सदन से शिवसेना ने वॉकआउट कर लिया था.
Shiv Sena MPs are not present in the Rajya Sabha. Voting for the amendments to #CitizenshipAmendmentBill2019 are currently underway in the House. pic.twitter.com/JHS08EbXnQ
— ANI (@ANI) December 11, 2019
अमित शाह बोले- 50 साल पहले बिल आ जाते तो हालात कुछ और होते. उन्होंने कहा कि पूरे देश में नागरिकता बिल लागू होगा.
अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और कांग्रेस की टिप्पणी, दोनों एक जैसे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस क्यों भड़के हुए हैं? मैं पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस ने इनिमी प्रोपर्टी बिल का विरोध क्यों किया?
कपिल सिब्बल के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि मुस्लिमों को डरना भी नहीं चाहिए. और आप उसे डराइए भी मत. भारत के मुसलमान की नागरिकता कोई छीन नहीं रहा है. ये नागरिकता देने का बिल है, नागरिकता लेने का नहीं.
HM Amit Shah: Kapil Sibal Ji said "Muslim aapse nahi darte". Unhe bhi nahi darna chahiye. Aur aap daraiye bhi mat. Bharat ke musalman ki nagrikta koi cheen nahi raha hai. Yeh nagrikta dene ka Bill hai, nagrikta lene ka nahi. pic.twitter.com/LoOqMxoa5t
— ANI (@ANI) December 11, 2019
अमित शाह ने समाजवादी पार्टी के जावेद अली के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आप चाहोगे तो भी भारत मुस्लिम मुक्त देश नहीं बन होगा.
Amit Shah on #CitizenshipAmendmentBill2019 : Javed Ali Khan (Samajwadi Party leader) ne kaha "hum muslim-mukt ban jaayenge". Jawed Ali Khan Sahab agar aap bhi chahoge tab bhi yeh desh 'muslim-mukt' nahi hoga pic.twitter.com/rn7LaA4NTi
— ANI (@ANI) December 11, 2019
अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370, ट्रिपल तालक बिल मुस्लिम विरोधी नहीं है. क्या महिलाओं को अधिकार नहीं हैं? 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर शांतिपूर्ण है. इसी तरह, मुझे विश्वास नहीं है कि नागरिकता संशोधन बिल मुस्लिम विरोधी है. उन्होंने आगे कहा कि न तो CAB मुस्लिम विरोधी है, न ही धारा 370 का हटना मुस्लिम विरोधी है, ट्रिपल तालक बिल भी मुस्लिम विरोधी नहीं है. ट्रिपल तालाक देश की करोड़ों मुस्लिम महिलाओं को अधिकार देने वाला विधेयक है.
HM Amit Shah: Abrogation of Article 370, Triple Talaq Bill are not anti-Muslim. Do women not have rights? Kashmir is peaceful even after abrogation of 370. Likewise, I don't believe #CitizenshipAmendmentBill2019 is anti-muslim. https://t.co/x07JwrESlW
— ANI (@ANI) December 11, 2019
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार देश के संविधान पर भरोसा रखती है और मैं भरोसा दिलाता हूं कि यह देश कभी मुस्लिम मुक्त नहीं होगा. मैं विदेश में नहीं यहीं पैदा हुआ हूं और मेरी सात पुश्तें यहीं पैदा हुई हैं. मैं यहीं पैदा हुआ हूं और यहीं मरूंगा.
विपक्ष नागरिकता बिल के खिलाफ भ्रामक प्रचार कर रहा है, यह मुसलमानों के अधिकार नहीं छीन रहा है यह नागरिकता देने का बिल है नागरिकता छीनने का बिल नहीं हैः अमित शाह
शिवसेना नेता संजय राउत को जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि सत्ता के लिए लोग कैसे-कैसे रंग बदलते हैं.
Home Minister Amit Shah, in Rajya Sabha, on #CitizenshipAmendmentBill2019: Shiv Sena supported the Bill yesterday. They should tell the people of Maharashtra as to what happened within the span of a night that they changed their stand today. pic.twitter.com/BdCl9tJanQ
— ANI (@ANI) December 11, 2019
अमित शाह ने कहा कि मांग किसी ने भी की हो, लेकिन कांग्रेस ने स्वीकारा. उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है. बंगाल में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के लिए अनुमति लेने पड़ती है.
आनंद शर्मा ने कहा था कि वीर सावरकर ने दी थी टू नेशन की थ्योरी. अमित शाह ने कहा कि विभाजन के असली आधार मोहम्मद अली जिन्ना था. उसी की वजह से धर्म के आधार पर देश का बंटवारा हुआ था.
ममता बनर्जी का नाम लेने पर सदन में हंगामा हो गया. सभापति ने टीएमसी सांसद को बोलने से रोका. अमित शाह ने कहा कि ममता ने 2005 में घुसपैठ का जिक्र किया था. सदन में जोरदार हंगामा चल रहा है.
बिल से सिर्फ प्रताड़ित लोगों को नागरिकता दी जाएगी. देश का धर्म इस्लाम हो तो मुस्लिम की प्रताड़ना होने की संभावन कम होती है. उन्होंने कहा कि गांधी ने सिर्फ हिंदुओं और सिखों की बात की थी.
अमित शाह बोले- विपक्ष की धर्मनिरपेक्षता मुसलमान के आने तक सीमित. काग्रेस के सत्ता और विपक्ष में रहने पर सिद्धांतों में परिवर्तन हो जाता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के मुसलमानों को डराए ना. गांधी जी नी 25 सितंबर 1947 को कहा था हिंदू सिख अगर पाकिस्तान से आना चाहे तो आ सकते हैं.
अमित शाह ने आनंद शर्मा के सवालों का दिया जवाब. बोले- पूर्वोत्तर के लोगों की चिंता का ख्याल. प्रताड़ित मुस्लिमों को भी नागरिकता देना का प्रावधान है. 6 धर्म के लोगों को साथ ला रहे हैं. मुसलमान आने सी ही धर्मनिरपेक्षता साबित होगी क्या? सत्ता में या विपक्ष में हमारा विजन समान रहता है.
अमित शाह बोले- 6 धर्मों के लोगों को ला रहे हैं इसके लिए कोई तारीफ नहीं कर रहे हैं, लेकिन मुस्लिम को नहीं ला रहे हैं तो इसके लिए आलोचना कर रहे हैं. मुस्लिम को क्यों नहीं ला रहे हैं इसके लिए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश ने वादा नहीं निभाया. हमारे तीनों पड़ोसी देश इस्लामिक मुल्क हैं. तीनों देश में मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं है.
करोड़ों लोगों की पीड़ा पर मत हंसिए. बंटवारा नहीं होता तो बिल नहीं आता. यहां राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी मुसलमान बने. पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार हुआ. जिसने जख्म दिया वो जख्म के बारे में पूछ रहा है. हम चुनावी राजनीति अपने दम पर लड़ते हैं. अपने नेता के लोकप्रियता के दम पर लड़ते हैं.
अमित शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने बिल को असंवैधानिक बताया. मैं सभी का जवाब दूंगा. अगर इस देश का बंटवारा नहीं होता तो ये बिल नहीं लाना पड़ता. बंटवारे के बाद पैदा हुए हालात के कारण ये बिल लाना पड़ा है.
Union Home Minister Amit Shah in Rajya Sabha: If partition had not taken place, then there would have been no need to bring #CitizenshipAmendmentBill2019 today. pic.twitter.com/e2e13zAByH
— ANI (@ANI) December 11, 2019
अमित शाह अब सभी प्रश्नों को बारी-बारी से उत्तर दे रहे हैं. मोदी सरकार सिर्फ सरकार चलाने नहीं आई है. देश को सुधारने आई है. विवाद खड़े होंगे लेकिन हम विवाद से नहीं डरते हैं.
राइट टू लाइफ में नागरिकता दी जा सकती है. बंटवारे से पहले सभी लोग भारतीय थे. लोगों को गरिमापूर्ण जिंदगी देने में दिक्कत क्यों
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नागरिकता संशोधन बिल पर कहा कि हमारे सरकार के सभी बिलों को सदन में लाए जाने के बाद ही उन्हें कानून और विधायी विभाग द्वारा मंजूरी दी जाती है.
Union Minister of Law & Justice, Ravi Shankar Prasad in Rajya Sabha: All bills of our govt are brought in the House only after they are vetted by the Law & Legislative Department. #CitizenshipAmmendmentBill2019 pic.twitter.com/FBgjJWF8ZI
— ANI (@ANI) December 11, 2019
रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि अनुभव के बाद भी लोग सवाल उठाते हैं तो जवाब देने का कर्तव्य बनता ही है. कानून के जानकार कानून पर सवाल उठा रहे हैं तो अतिश्योक्ति होती है.
गुलाम नबी आजाद बोले- अगर यह बिल सभी को पसंद है तो असम के कई हिस्सों में हिंसा प्रदर्शन क्यों हो रहा है. मोबाइल इंटरनेट को क्यों बंद किया जा रहा है. पूरा पूर्वोत्तर जल रहा है और आप कह रहे हैं कि पूरा देश खुश है. इस तरह का बिल लाकर आप लोगों को गुमराह करते हैं.
गुलाम नबी आजाद बोले- श्रीलंका के हिंदूओं को क्यों नहीं जोड़ा गया, भूटान क्रिश्चियन को क्यों नहीं जोड़ा गया, बर्मा के लोगों को क्यों नहीं जोड़ा गया. अफगानिस्तान में मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ जितनी हिंसा हुई है वो कहीं नहीं हुई है. तालिबानी का जुल्म किसी से छिपा नहीं है.
बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूं जिसने धरती के सभी देशों को शरण दी. भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विश्वास की स्वतंत्रता, आस्था की स्वतंत्रता है. 2003 से 2014 के बीच इसी संसद में लगातार आवाज उठती रहीं कि पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है. 2007 में तब के गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने बताया कि पाकिस्तान से हिंदू भारी संख्या में भारत आ रहे हैं.
असम के लखीमपुर, तिनसुकिया, धेमाजी, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और असम के कामरूप जिलों में आज शाम 7 बजे से कल शाम 7 बजे तक यानी 12 दिसंबर तक मोबाइल इंटरनेट को 24 घंटे के लिए बंद कर दिया है. नागरिकता संशोधन बिल को लेकर प्रदेश में व्याप्त प्रदर्शन के चलते इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है.
Mobile Internet suspended for 24 hours from 7pm, today to 7pm, 12 December in Lakhimpur, Tinsukia, Dhemaji, Dibrugarh, Charaideo, Sivasagar, Jorhat, Golaghat, Kamrup (Metro) and Kamrup districts of Assam. #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/9rBAiSqEjj
— ANI (@ANI) December 11, 2019
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने नागरिकता संशोधन बिल पर कहा कि हमारा देश संविधान द्वारा शासित है और संविधान समानता के सिद्धांत पर आधारित है. हम उम्मीद करते हैं कि शिवसेना राज्यसभा में इस बात को दिमाग में रखकर वोट करें.
Maharashtra Cabinet minister & Congress leader Balasaheb Thorat: Our country is governed by the Constitution and the Constitution is based on the principle of equality. We expect that Shiv Sena will keep this in mind while voting for #CitizenshipAmendmentBill2019 in Rajya Sabha pic.twitter.com/f1dtfs9Dpt
— ANI (@ANI) December 11, 2019
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों की चिंताओं को अच्छी तरह से समझा जा रहा है.
Concerns of people from northeast being addressed thoroughly: Kiren Rijiju on Citizenship (Amendment) Bill, 2019
Read @ANI Story | https://t.co/SD86835OTk pic.twitter.com/7KlIqAGyoT
— ANI Digital (@ani_digital) December 11, 2019
बीजेडी सांसद प्रसन्ना आचार्य ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल पर हमारा रुख वही है जो लोकसभा में था.
हम बिल का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि बिल में कुछ संशोधन हो.
Prasanna Acharya, BJD on #CitizenshipAmmendmentBill2019: Our stand is the same as was in Lok Sabha. We are supporting the bill but we want certain amendments in the bill like including Sri Lanka in it. pic.twitter.com/KXYK6zJJAE
— ANI (@ANI) December 11, 2019
सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने नागरिकता संशोधन बिल पर कांग्रेस पर हमला किया. उन्होंने कहा कि एनआरसी को लेकर कांग्रेस कन्फयूज है. कांग्रेस सांसदों ने सदन को गुमराह किया है. इस बिल के लिए सरकार बधाई के पात्र हैं. उन्होंने 2003 में दिए मनमोहन सिंह के बयान को भी याद दिलाया. मनमोहन सिंह ने कहा था कि बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों का नागरिकता देने के लिए हमें उदार होना चाहिए. आर्टिकल-14 नागरिकता संशोधन विधेयक को रोक नहीं सकता है. मुझे लगता है कि कांग्रेस में संविधान को लेकर अशिक्षा दर ज्यादा है.
संजय सिंह बोले- सरकार केवल अपनी सनक को पूरा करने के लिए इस बिल को ला रही है. देश के भीतर घुसपैठियों को लाकर एक अलग घुसपैठिया देश बनाना चाहती है.
संजय सिंह बोले- असम में आपने एनआरसी लाया, 19 लाख लोगों को बाहर कर दिया. देश को तोड़ने की आफकी संस्कृति है. हम किसी के साथ भेदभाव नहीं करते. आप देश में नफरत फैलाने का काम करते हैं. आम आदमी इसलिए इस बिल का विरोध करती है.
MDMK सांसद वाइको बोले- नागरिकता संशोधन बिल अप्रिय, घृणित, अलोकतांत्रिक, अनुचित, अनुचित, अनुचित, असंवैधानिक विधेयक आज पारित हो जाता है, तो यह इस उच्च सदन के इतिहास में एक काला अध्याय बन जाएगा.
NCP के प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि इस बिल को बहुत जल्दबाजी में लाया गया है, देश में इसका पुरजोर विरोध हो रहा है. पूर्वोत्तर के जो हालात हैं, वो चिंता वाले हैं.
सरोज पाण्डेय बोलीं- पीड़ित को न्याय दिलवाना मानवता का काम है. हमारी सरकार इस काम को पूरी जिम्मेदारी से कर रही है.
बीजेपी सांसद, सरोज पांडेय बोलीं- हमारी सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति नहीं की. अगर की होती तो विपक्षी दलों के नेता हमसे सबूत नहीं मांगते.
PDP सांसद मीर मोहम्मद फैयाज ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से अब कोई मुसलमान इस देश में नहीं आएगा. जिन लोगों को बिल के तहत नागरिकता दी जा रही है, हम उसका विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन मुसलमानों को बाहर निकालने का विरोध करते हैं.
कांग्रेस एक नेशन थ्योरी में विश्वास करती है. देश को एक नेशन थ्योरी पर भरोसा है. लेकिन सरकार टू नेशन थ्योरी को ठीक करने जा रही है.
कपिल सिब्बल बोले- आप हमारे संविधान को बदलने जा रहे हैं. यह काली रात कभी खत्म नहीं होगी. आप कहते हैं सबका साथ, सबका विकास, लेकिन आपने सबका विश्वास खो दिया है.
शिरोमणि अकाली दल के राज्यसभा सदस्य सरदार बलविंदर सिंह भुंडर ने बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि बिल को संशोधन की जरूरत है. जो कमी रह गई है, उसे दुरुस्त कर लाया जाए. यह जल्दबाजी में हो रहा है.
आज लालू यादव होते तो भी इसका घोर विरोध करते. NRC में 1600 करोड़ खर्च हो गए. अगर पूरे देश में हुआ तो लाखों करोड़ खर्च हो जाएंगे. स्वर्ग में शोक सभा हो रही होगी. - आरजेडी नेता मनोज झा
मनोज झा ने ये भी कहा कि जर्मनी में जब यहूदियों को निकाला गया तो जर्मन वाले भी निकाले गए थे. मुझे पता है कि बिल पास करा लेंगे, लेकिन इतिहास में 10 साल की सरकार दो लाइन में खत्म हो जाती है.
एनसीपी नेता प्रफुल पटेल ने कहा हम नागरिकता संशोधन विधेयक बिल का विरोध करते है. हम किसी तरह इसका समर्थन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा- काफी जल्दबाजी में लाया गया बिल। इस बिल पर और गंभीर चर्चा होनी चाहिए थे, सिलेक्ट कमिटी को भेजा जाना चाहिए था.
नागरिकता बिल पर फिर सोचे सरकार, किसी के साथ भेदभाव न हो. आजकल इतिहास कल्पना पर चल रहा है. - मनोज झा
आरजेडी (RJD) नेता मनोज झा ने नागरिकता संविधान बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा- सैद्धांतिक, ऐतिहासिक और व्यवहारिक तौर पर हम इस बिल के विरोध में हैं.
हम पूछना चाहते हैं कि 31 दिसंबर 2014 की कटऑफ तारीख क्यों रखी गई है. बसपा सांसद बोले कि ये बिल आर्टिकल 14, 15, 21 का उल्लंघन करता है. मुसलमानों को इस बिल में जगह नहीं देना संविधान के खिलाफ है, यह आर्टिकल 14 का उल्लंघन है,यह कानून फेल है: बीएसपी
बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, 'हम इस बिल के विरोध में खड़े हैं. पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के बारे में सोचा, इसके लिए गृह मंत्री का धन्यवाद.'
संजय राउत ने कहा- मजूबत पीएम और गृह मंत्रालय पर हमारी आशा है. क्या इस बिल के पास होने के बाद आप घुसपैठियों को बाहर निकालेंगे ? अगर शरणार्थीयों को स्वीकार करते हैं तो उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. क्या उनको वोटिंग का अधिकार मिलेंगे?
Sanjay Raut, Shiv Sena in Rajya Sabha: Mazboot PM aur HM par humari asha hai. Kya is Bill ke pass hone ke baad aap ghuspetiyon ko bahar nikalenge? Agar sharanarthiyon ko swikaar karte hain toh us par rajneeti nahi honi chahiye. Kya unko voting rights milenge? pic.twitter.com/b8yM04BxAS
— ANI (@ANI) December 11, 2019
शिवसेना नेता ने कहा कि ये पाकिस्तान की असेंबली नहीं है, अगर पाकिस्तान की भाषा पसंद नहीं है तो पाकिस्तान को खत्म कर दो, हम आपके साथ हैं.
पाकिस्तान अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता है, यह बात सच है लेकिन इसके लिए वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए: संजय राउत
घुसपैठियों और शरणर्थियों में अंतर है. क्या सरकार रह है घुसपैठियों को बाहर निकालेगी. शरणर्थियों पर राजनीति न की जाएं. मानवता के आधार पर बिल पर चर्चो हो - संजय राउत
संजय राउत ने कहा- हम कितने देशभक्त या कठोर हिंदू है इस बात का प्रमाण पत्र देने की हमें जरुरत नहीं है. वो जिस स्कूल में पढ़ते हैं हम उसके हेड मास्टर है.
संजय राउत ने कहा- मैं कल से सुन रहा हूं कि जो इस बिल को समर्थन नहीं देगा वह देशद्रोही है. ये कहां लिखा है कि जो इस बिल का समर्थन नहीं करेगी वो देशद्रोही और जो समर्थन करेगी वो देशभक्त है. आज कहा गया है कि जो बिल के विरोध में हैं वो पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है. हम भी देश की नागरिक है हमें देश की जनता ने वोट किया है: संजय राउत, शिवसेना
इस बिल का समर्थन करता हूं, भारत ने वसुधैव कुटुम्बक को माना है. दुनियाभर के प्रताड़ित लोगों को भारत ने जगह दी है लेकिन हिंदुओं की चिंता कौन करेगाः केजे, अल्फोंस, बीजेपी
आपने कैसे यह तय किया कि केवल 3 पड़ोसी देशों के ही नागरिक इसमें शामिल होंगे? दूसरे पड़ोसियों को शामिल किया गया है. केवल 6 धर्मों को इसमें शामिल क्यों किया गया? अहमदिया, हजारा, रोहिंग्या आदि को क्यों छोड़ा गया है. केवल धर्म के आधार पर प्रताड़ित लोगों को ही क्यों शामिल किया गया. राजनीतिक समेत अन्य वजहों से प्रताड़ित लोगों को क्यों शामिल नहीं किया गयाः चिदंबरम
नागरिकता संशोधन विधेयक पर अपना विरोध जताते हुए चिंदबरम ने कहा, 'आपने तीन देशों को ही क्यों चुना, बाकी को क्यों छोड़ा? आपने 6 धर्मों को ही क्यों चुना? सिर्फ ईसाई को क्यों शामिल किया भूटान के ईसाई, श्रीलंका के हिंदुओं को क्यों बाहर रखा?
पी. चिदंबरम ने कहा कि अगर कानून मंत्रालय ने इस बिल की सलाह दी है तो गृह मंत्री को कागज रखने चाहिए, जिसने भी इस बिल की सलाह दी है उसे संसद में लाना चाहिए.
यह मामला अंत में सुप्रीम कोर्ट में जाएगा, बाद में जज और वकील इसपर फैसला करेंगे. मुझे विश्वास है कि यह कानून आगे नहीं बढ़ पाएगाः पी. चिदंबरम
राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिंदबरम ने कहा, 'इस देश में पहले से नागरिकता ऐक्ट है. सरकार संसद से एक असंवैधानिक बिल को पास करने को कह रही है.
35 साल बीतने के बाद भी असम अकॉर्ड के वादों को लागू नहीं किया गया. उम्मीद करता हूं कि गृह मंत्री उत्तर पूर्व के लोगों की शंकाओं को दूर करेंगे. मैं इस बिल का समर्थन करता हूं- विश्वजीत दैमारी, बीपीएफ
मनोनीत सांसद स्वपन दास गुप्ता ने कहा, 'सभी को शरणार्थी और घुसपैठियों में अंतर करना होगा, सिर्फ अफवाह फैलाना ठीक नहीं होगा. ये बिल कुछ गलत नहीं करता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करता है. ये बिल बांग्लादेश से आए बंगाली हिंदुओं को उनका अधिकार देता है.'
उत्तर पूर्व के लोगों को इस बिल को लेकर शंका है, इसलिए वहां विरोध प्रदर्शन चल रहा है. बाहरी लोगों की वजह से वहां स्थानीय लोग हाशिए पर चले गए थे. बाहर को लोग शरणार्थी के तौर पर आए थे, उन्हें अगर नागरिकता मिल गई तो वहां क्या होगाः विश्वजीत दैमारी, बीपीएफ
AIADMK की तरफ से एसआर बालासुब्रमण्यम ने कहा कि हमारी कुछ चिंताएं हैं लेकिन हम इस बिल का समर्थन करते हैं.
तमिलनाडु से डीएमके सांसद तिरुची शिवा ने कहा कि उनकी पार्टी नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करती है.
यह विधेयक भारत के विचार को चुनौती देता है और न्याय के प्रत्येक आदर्श को नकारता है. इस बिल को वापस लिया जाना चाहिए- टीआरएस सांसद केशव राव
राज्यसभा में सीपीआई (एम) के टी के रंगराजनन नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि श्रीलंका से जो तमिल अल्पसंख्यक आए वो 35 साल से नागरिकता के लिए भटक रहे हैं, लेकिन किसी ने उनके बारे में नहीं सोचा.
टीआरएस के केशव राव ने कहा नागरिकता बिल को वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने इस बिल का विरोध किया.
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नागरिकता संशोधन बिल का किया समर्थन- मीडिया रिपोर्ट्स
यूपीए से ज्यादा एनडीए की सरकार ने मदरसे बनाए, हमारी सरकार वेतन आयोग को आगे बढ़ा रही है. पहले की सरकारों से ज्यादा आज मदरसों का बजट किया गया है, बिहार में आज जाति-धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं हुआ- JDU सांसद
जेडीयू नेता आरसीपी सिंह ने कहा- हमारा देश एक रिपब्लिक है. हमारे देश में जितने भी नागरिक है उन्हें समानता का अधिकार है. इसलिए यहां तीन-तीन राष्ट्रपति अलग-अलग समुदाय से रहे हैं. लेकिन भारत के बाहर की स्थिति देख लिजिए.
भारत का संविधान किसी धर्म विशेष के लिए नहीं है, ऐसे में जो भी इस देश को किसी एक धर्म का राष्ट्र बनाना चाहता है तो उसका खंडन होना चाहिए- जावेद अली
समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली बोले कि अगर सदन में किसी विशेष समुदाय के नाम लेने पर आपत्ति हो सकती है, लेकिन ये जो बिल आया है वो इसका उल्लंघन करता है.
मैं पीएम और गृह मंत्री से अपील करता हूं कि इस बिल में मुसलमानों को भी शामिल किया जाएगा. मैं इस बिल का समर्थन करता हूं- एस.आर. बालासुब्रमण्यम, AIADMK
मैंने सुना कि पीएम ने कहा कि (नागरिकता संशोधन विधेयक) यह स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा। असल में यह पाकिस्तान के राष्ट्रपिता की कब्र पर दर्ज होगा लेकिन किस राष्ट्र के पिता की कब्र पर? कराची में जिन्ना की कब्र पर- डेरेक ओ ब्रायन, टीएमसी
सरकार ने नोटबंदी, अर्थव्यवस्था, कश्मीर की बात की लेकिन हर बार सरकार ने वादा तोड़ा है. सरकार को वादा तोड़ने में महारत हासिल है. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन
टीएमसी सांसद ने ये भी कहा कि ये बिल भारत विरोधी, बंगाल विरोधी है. बीजेपी की नींव तीन बातों पर है सिर्फ झूठ, झांसा और जुमला. आप घुसपैठियों पर अधिकार छीनने का आरोप लगाते हैं लेकिन आपकी सरकार ने 2 करोड़ लोगों का रोजगार छीन लिया. जो देश में है, उनका आप ध्यान रख नहीं सकते हैं और बाहरी लोगों की बात कर रहे हैं.
TMC नेता डेरेक ओ ब्रयान ने कहा कि यह बिल असंवैधानिक है. इसपर पर संग्राम होगा, जनआंदोलन होगा, टीएमसी को इसकी आदत है.
जेपी नड्डा ने कहा, 'मनमोहन सिंह की बात आप मानतें है, 18 दिसंबर 2003 में मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में बयान दिया था. मनमोहन सिंह तब अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हो रहा है. हम मनमोहन सिंह की बात ही मान रहे हैं, जो आप नहीं कर पाए'
जेपी नड्डा ने कहा, 'लेकिन पाकिस्तान ने भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के आश्वासन का आदर किया होता तो वहां अल्पसंख्यकों की संख्या 2.5 करोड़ होनी थी, जो घटकर मात्र 90 लाख रह गई है. इस बिल से भारत के किसी भी नागरिक के समानता के अधिकार पर किसी तरह से आंच नहीं आ रही है.'
1970 के भारतीय जनसंघ के एक रेज्यूलेशन में कहा गया था कि भरत के लिए गर्व का विषय है कि भारत ने अपने वचन और अल्पसंख्यकों की पूरी रक्षा कि है और उन्हें बराबरी के अधिकार दिए है. भारत में मुसलमानों की तेजी से बढ़ती जनसंख्या इस बात की साक्षी है. - नड्डा
नेहरू-लियाकत समझौता के अंतर्गत इस बात की चिंता की गई थी कि दोनों देशों में अल्पसंख्यकों रक्षा की जाए और उन्हें सम्भाल के रखा जाए. लेकिन ऐसा हुआ नहीं, क्योंकि धर्म के आधार पर देश का बंटवारा तो हो गया और ये कागजों में रह गया: जेपी नड्डा
इस विभाजन की जब बात करते हैं तो हम कह सकते हैं कि उस समय भारत में अल्पसंख्यक मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बुद्ध, पारसी थे. पाकिस्तान में उस समय हिंदू, सिख, जैन, बुद्ध, ईसाई, पारसी अल्पसंख्यक थे: जेपी नड्डा
नड्डा ने कहा कि धर्म के आधार पर विभाजन तो हुआ लेकिन पैक्ट सिर्फ कागजों में रह गया, सच्चाई में नहीं रह पाया. इस नरसंहार के समय उस समय के प्रधानमंत्री ये चाहते थे कि दोनों देशों में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मिले, ये उनकी इच्छा थी. लेकिन इच्छा होना और सच्चाई में धरातल पर उतरने में जमीन-आसमान का अंतर होता है.
देश के विभाजन के बाद रातों-रात लोगों को अपने घर-संपत्ति छोड़कर इधर से उधर आना-जाना पड़ा. उस समय नेहरू-लियाकत पैक्ट हुआ था, जिसमें इसकी चिंता थी कि दोनों जगह पर अल्पसंख्यकों को संरक्षण मिले। लेकिन ऐसा हुआ नहीं: जेपी नड्डा
जेपी नड्डा ने कहा कि ये समस्या आज से नहीं है, ये समस्या उसी समय शुरू हुई जब आजादी के समय देश का विभाजन हुआ. देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ यह स्पष्ट था. इस विभाजन की त्रासदी यह थी कि दुनिया में आजतक इतना बड़ा नरसंहार कभी नहीं हुआ.
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर आज जो हम बात कर रहे हैं उसका आधार सिर्फ एक है और वो है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में वो अल्पसंख्यक जो धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए हैं उनकों नागरिकता का अधिकार देने का काम है और यह मूल बात है: जेपी नड्डा
जेपी नड्डा ने कहा कि आज जिस बिल की हम बात कर रहे हैं उसका आधार सिर्फ एक है कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में जिन अल्पसंख्यकों की धार्मिक आधार पर प्रताड़ना हुई है और जिन्होंने भारत में शरण ली है, उन्हें नागरिकता दी जाएगी.
देश के अंदर जो लोग लंबे समय से अन्याय के वातावरण में जी रहे थे, उनको सम्मान के साथ जीने का एक रास्ता देने का प्रयास नागरिकता संशोधन बिल के द्वारा किया गया है: जेपी नड्डा
जेपी नड्डा ने कहा- अफगानिस्तान-पाकिस्तान-बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ प्रताड़ना हुई, धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ. तब भारत में हिंदू बहुसंख्यक थे और पाकिस्तान में मुस्लिम, इस बात को मान लीजिए. भारत में मुसलमानों को बराबरी का अधिकार मिला है, लेकिन पाकिस्तान-अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ बराबरी नहीं हुई.
जेपी नड्डा ने कहा- कांग्रेस मु्द्दें को समझना नहीं चाहती हैं. कांग्रेस के पास मुद्दे पर तथ्यों की कमी है.
धर्म के आधार पर भारत का विभाजन हुआ था. भारत में मुसलमानों को बराबर का अधिकार. भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित है. पाक में अल्पसंख्यक की हत्या हुई. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक की संख्या घटी है. - नड्डा
नागरिकता संशोधन बिल का आधार यह है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना झेल रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएः जेपी नड्डा
जेपी नड्डा ने कहा- नागरिकता बिल का मकसद प्रताड़ित लोगों को सम्मान से रहने का अधिकार देना हैं.
नागरिकता संशोधन बिल के सूत्रधार है अमित शाह. अफगानिस्तान, पाक और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार. बिल का मकसद प्रताड़ित लोगों को सम्मान से रहने का अधिकार देना हैं. - जेपी नड्डा
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि गांधी-पटेल का नाम लेने से कुछ नहीं होगा, अगर सरदार पटेल पीएम मोदी से मिलते तो बहुत नाराज होते. गांधी का चश्मा सिर्फ विज्ञापन के लिए नहीं है. मेरा आग्रह है उनके चश्मे से हिंदुस्तान को देखो, समाज को और दुनिया को देखो. आपका कैब उससे टकराता है.
आनंद शर्मा ने बीजेपी नागरिकता संशोधन विधेयक पर विरोध जताते हुए कहा कि असम में आज बच्चे सड़क पर क्यों हैं, जो डिटेंशन सेंटर बनाया गया है तो वहां पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को भेजना चाहिए. किसी राजनीतिक दल का घोषणापत्र देश का संविधान नहीं हो सकता है. असम में आज लोग जल रहे हैं, उनके मन में असुरक्षा है लेकिन आप पूरे देश में NRC लाने की बात कह रहे हैं.
126 साल में 9/11 पर चार घटनाएं हुई हैं. महात्मा गांधी का सत्याग्रह भी 9/11 को शुरू हुआ था. 9 सितंबर को ही स्वामी विवेकानंद ने भाषण दिया था, मैं ऐसे देश से संबंध रखता हूं जो हर धर्म के लोगों को शरण देता है- आनंद शर्मा
ये बिल संविधान की परीक्षा में फेल होता है. भारत ने सदियों से लोगों को शरण दी है, यहूदी-पारसी-ईसाई सभी को भारत ने शरण दी थी. : कांग्रेस नेता
आनंद शर्मा ने कहा, 'अभी तक 9 संशोधन आए, गोवा, दमन-दीव, पुड्डूचेरी, युंगाडा, श्रीलंका, केन्या से आए लोगों को भारत की नागरिकता दी गई. 6 साल देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी थे, क्या उनपर भी सवाल खड़ा करेंगे. नागरिकता देते वक्त संसद ने धर्म को आधार नहीं बनाया, ये बिल आर्टिकल 14 का उल्लंघन है.'
आनंद शर्मा ने कहा- 1955 में आया सिटिजनशिप ऐक्ट आया। उसके बाद 9 बार इसमें बदलाव किए गए, लेकिन संविधान से इसका कोई टकराव नहीं हुआ.
आनंद शर्मा ने कहा- कांग्रेस ने टू नेशन थ्योरी का विरोध किया था, उसे बैन भी कर दिया गया था. हिंदू महासभा, मुस्लिम लीग ने दो देशों की थ्योरी का समर्थन दिया, हिंदुस्तान का बंटवारा अंग्रेजों की वजह से हुआ कांग्रेस नहीं. नया इतिहास मत लीखिए.
टू नेशन थ्योरी कांग्रेस पार्टी ने नहीं दी थी, वो सावरकर ने हिंदू महासभा की बैठक में दी थी. आनंद शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने बंटवारे का आरोप उन कांग्रेसी नेताओं पर लगाया जिन्होंने जेल में वक्त गुजारा, ये राजनीति बंद होनी चाहिए - कांग्रेस नेता आनंद शर्मा
आनंद शर्मा ने कहा- बिल संविधान निर्माताओं पर सवाल उठाता है, क्या उन्हें इसके बारे में समझ नहीं थी. भारत के संविधान में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ, बंटवारे के बाद जो लोग यहां पर आए उन्हें सम्मान मिला है. पाकिस्तान से आए दो नेता प्रधानमंत्री भी बने हैं.
ये बिल संविधान के प्रस्तावना के खिलाफ है. नगारिकता का मतलब जन्म से होता है भूगोल से नहीं- आनंद शर्मा
आनंद शर्मा ने कहा कि 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, ये विरोध के लायक ही है. ये बिल संवैधानिक, नैतिक आधार पर गलत है, ये बिल प्रस्तावना के खिलाफ है. ये बिल लोगों को बांटने वाला है. हिंदुस्तान की आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ था, तब संविधान सभा ने नागरिकता पर व्यापक चर्चा हुई थी. बंटवारे की पीड़ा पूरे देश को थी, जिन्होंने इसपर चर्चा की उन्हें इसके बारे में पता था.
बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास क्यों नहीं भेजा गया. बिल पर सरकार राजनीति कर रही है- आनंद शर्मा
नागरिकता बिल पर इतनी जल्दी क्यों, वक्त बताएगा इतिहास नागरिकता बिल को किस नजर से देखेगा. विभाजन की पीड़ा सबको है. बिल भारत के लोगों पर अत्याचार है.
आनंद शर्मा ने कहा- कांग्रेस इस बिल का विरोध करती है, नागरिकता का बिल भेदभाव वाला है. यह संविधान की नींव पर हमला है. बिल से भारत की आत्मा को ठेस पहुंचती है.
पटना के कारगिल चौक पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में हुआ CAB बिल के खिलाफ प्रदर्शन. जमकर नारेबाज़ी और प्रतीकात्मक रूप से जलाए गए पुतले.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'हम मानते हैं कि असम आंदोलन के अंदर जो शहीद हुए हैं उन सबकी शहादत बेकार नहीं जाएगी. इसलिए हमने क्लॉज 6 की कमिटी बनाई है. इसमें आसू भी है जिसने आंदोलन किया, असम गण परिषद के साथी भी हैं.'
असम के सभी मूल निवासियों को मैं इस सदन के माध्यम से आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनडीए की सरकार, बीजेपी की सरकार क्लॉज 6 के कमिटी के माध्यम से आपके सभी हितों की चिंता करेगी. इस पर बिल्कुल चिंता न करें. यह सरकार सबका साथ-सबका विकास के आधार पर चलने वाली है. : शाह
कुछ लोगों द्वारा भ्रांति फैलाई जा रही है कि ये बिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है. जो इस देश के मुसलमान हैं उनके लिए इस बिल में कोई चर्चा या चिंता का उल्लेख नहीं हैं. फिर ये किसकी चिंता कर रहे हैं?: गृह मंत्री
मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि इस देश के अल्पसंख्यकों, मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. कोई डराए तो डरिये मत, यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, जो संविधान की भावना के साथ चल रही हैः अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि इस देश के मुसलमानों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है. वे नागरिक थे, हैं और रहेंगे और उन्हें कोई प्रताड़ित नहीं करेगा. इस बिल के बारे में भ्रांति फैलाई जा रही है. कहा जा रहा है कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ है. इस देश के मुसलमानों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है. वे नागरिक थे, हैं और रहेंगे.
इस बिल का विरोध करने वाले लोग ये बताएं ये लाखों-करोड़ों प्रताड़ित लोग कहां जाएंगे, उन्हें जीने का अधिकार है या नहीं. आजादी के बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक जो यहां आएं हैं उन्हें हम नागरिकता देंगे:शाह
इस बिल में हम तीनों पडोसी देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों को संरक्षण देकर उनको नागरिक बनाने की प्रक्रिया का संशोधन लेकर आये हैं. साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए भी हम प्रावधान लेकर आए हैं: अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'जो लोग कह रहे हैं कि हम वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं, मैं उन सब साथियों को कहना चाहता हूं कि हमने चुनाव के पहले ही ये इरादा देश के सामने रखा था, जिसे देश की जनता ने समर्थन दिया है.'
लेकिन दशकों बाद इसकी तरफ हम देखते हैं तो कटु सच्चाई ये सामने आई है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान या अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों को सम्मान का जीवन नहीं मिला. वहां अल्पसंख्यकों की घोर प्रताड़ना हुई: गृह मंत्री
अमित शाह ने कहा - विभाजन के बाद हमारी कल्पना थी कि जो नागरिक यहां अल्पसंख्यक रहते हैं और जो पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हैं वो सम्मान के साथ जीवन जी पाएंगे, अपने धर्म का सम्मान के साथ पालन कर पाएंगे, अपने परिवार का सम्मान से रक्षण कर पाएंगे.
पाकिस्तान और उस समय के पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में लगभग 20- 20% अल्पसंख्यकों की आबादी कम हो चुकी है. आखिर कहां गए वो लोग, या तो वो मार दिए गए या धर्म परिवर्तन हो गया या वो लोग शरणार्थी बनकर अपने धर्म और सम्मान को बचाने के लिए भारत आ गए - शाह
शाह ने कहा- हमने घोषणापत्र में कहा था कि पूर्वोत्तर राज्यों में उन वर्गों के लिए सभी मुद्दों को स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे, जिन्होंने कानून के बारे में आशंका जताई है. पूर्वोत्तर के लोगों की चिंताओं को हम देखेंगे यह कहा गया था.
चुनाव में हमने घोषणापत्र जनता के सामने रखा था. यह भावी सरकार की नीतियों का उद्घोषण होता है. जनता इसी के आधार पर चुनकर शासन का अधिकार देती है. बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में असंदिग्ध तौर पर नागरिकता बिल का इरादा जनता के सामने रखा था. जनता ने हमें जिताकर इसे समर्थन दिया है. : अमित शाह
अमित शाह ने कहा- जो अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में आए, उन्हें यहां पर सुविधा नहीं मिली. पाकिस्तान में पहले 20 फीसदी अल्पसंख्यक थे, लेकिन आज 3 फीसदी ही बचे हैं. इस बिल के जरिए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को रियायत मिलेगी.
अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक रहते थे, उनके अधिकारों की सुरक्षा नहीं होती थी उन्हें वहां पर समानता का अधिकार नहीं मिला था: शाह
गृह मंत्री ने कहा - पाकिस्तान में 20% अल्पसंख्यक कहां गए? पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक की संख्या घटी. इस बिल से प्रताड़ना सहने वाले लोगों को नागरिकता का अधिकार मिलेगा.
शाह ने कहा- मैं ऐसा ऐतिहासिक बिल पेश कर रहा हूं. इस बिल से यातना झेल रहे लोगों के परिवार की रक्षा होगी.
अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर बोलना शुरू किया. उन्होंने कहा - कई सालों जो यातना झेल रहे है उन्हें नई किरण दिखाने वाला बिल है ये.
अलीगढ़ में नागरिकता संशोधन विधेयक पर विरोध को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम.
Aligarh: Security tightened around Aligarh Muslim University campus in wake of protests against #CitizenshipAmendmentBill2019. pic.twitter.com/HsW76ayJ0x
— ANI UP (@ANINewsUP) December 11, 2019
असम में भारी सुरक्षा बल तैनात
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ असम में जारी प्रदर्शन को देखते हुए भारी सुरक्षा बल तैनात किया किया गया.
Assam: Heavy security put in place as protests against #CitizenshipAmmendmentBill2019 continue in Dibrugarh. pic.twitter.com/rvG2X45sSS
— ANI (@ANI) December 11, 2019
संसद पहुंचे अमित शाह
संसद पहुंचे अमित शाह, राज्यसभा में दोपहर 12 पेश करेंगे नागरिकता संशोधन बिल.
Union Home Minister Amit Shah arrives in Parliament. The #CitizenshipAmendmentBill will be tabled in Rajya Sabha at 12pm today pic.twitter.com/R1ZSpxIiuO
— ANI (@ANI) December 11, 2019
इस बिल में श्रीलंका के तमिल हिदुओं के लिए कुछ भी नहीं है- शिवसेना
नागरिकता संशोधन बिल पर शिवसेना सांसद शिवसेना ने कहा, 'वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए, ये सही नहीं है. फिर से हिंदू-मुस्लिम को बांटने की कोशिश नहीं होनी चाहिए. वहीं इस बिल में श्रीलंका के तमिल हिदुओं के लिए कुछ भी नहीं है.'
Sanjay Raut, Shiv Sena MP on #CitizenshipAmendmentBill: Votebank politics should not be played, its not correct. Don't attempt to create a Hindu-Muslim divide again. Also nothing in this bill for Tamil Hindus of Sri Lanka https://t.co/QuTOnQb7VK pic.twitter.com/x4k5oYyDbA
— ANI (@ANI) December 11, 2019
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ गुवाहाटी में विरोध-प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ गुवाहाटी में विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. बता दें कि गृह मंत्री आज राज्यसभा में नागरकिता संशोध बिल पेश करेंगे.
Assam: Protest being held in Guwahati against #CitizenshipAmendmentBill2019. Home Minister Amit Shah to table the Bill in Rajya Sabha today. pic.twitter.com/jCa0aI4wx4
— ANI (@ANI) December 11, 2019
नागरिकता संशोधन विधेयर बिल पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा
नागरिकता संशोधन विधेयर बिल पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हमारे मन में कुछ शंकाएं हैं अगर उनका जवाब नहीं मिलता है तो हम देखेंगे क्या करना है.
Sanjay Raut, Shiv Sena MP on #CitizenshipAmendmentBill in Rajya Sabha: We have to clear our doubts on this bill, if we don't get satisfactory answers then our stand could be different from what we took in Lok Sabha pic.twitter.com/OOfdwyR2xH
— ANI (@ANI) December 11, 2019
तेजस्वी यादव का विरोध प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ पटना में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का विरोध प्रदर्शन. उन्होंने इस बिल को असंवैधानिक बताया और कहा कि कि नीतीश कुमार ने सत्ता में बने रहने के लिए इसका समर्थन किया.
Tejashwi Yadav, RJD: Some JDU leaders are raising questions against #CitizenshipAmendmentBill a day after it got passed in LS. It's all part of drama. Nobody in JDU has courage to go against Nitish Kumar ji. Nitish ji has compromised by supporting the Bill just to remain in power https://t.co/lT6pVwylmr pic.twitter.com/SoJwjvSM90
— ANI (@ANI) December 11, 2019
सदन में अच्छे बहुमत से पास होगा CAB - प्रह्लाद जोशी
बीजेपी के संसदीय दल के बैठक के बाद प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आज दोपहर 12 बजे राज्यसभा में पेश होगा नागरिकता संशोधन बिल (CAB). यह सदन में अच्छे बहुमत से पास होगा.
Parliamentary Affairs Minister Prahlad Joshi after BJP parliamentary party meeting: The #CitizenshipAmendmentBill will be tabled in Rajya Sabha at 12 pm today, and it will be passed in the house with comfortable majority (file pic) pic.twitter.com/ckHwZoXpAP
— ANI (@ANI) December 11, 2019
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी के मुताबिक, पीएम मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक को ऐतिहासिक बताया.
Parliamentary Affairs Minister Prahlad Joshi after BJP parliamentary party meeting: PM Modi said the #CitizenshipAmendmentBill is a historic bill https://t.co/RjyOIdsdGp
— ANI (@ANI) December 11, 2019
अखिलेश यादव ने नागरिकता संशोधन बिल पर कही ये बात
समाजवादी पार्टी और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने नागरिकता संशोधन बिल पर अपना विरोध जताते हुए कहा, 'भाजपा के CAB जैसे क़दम ऐतिहासिक नहीं बल्कि ऐतिहासिक भूल साबित होंगे.'
भाजपा के CAB जैसे क़दम ऐतिहासिक नहीं बल्कि ऐतिहासिक भूल साबित होंगे.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 11, 2019
बीजेपी संसदीय दल की बैठक
दिल्लीः संसद की लाइब्रेरी में चल रही है बीजेपी संसदीय दल की बैठक. इसमें शामिल होने के लिए पीएम मोदी भी पहुंच चुके हैं.
Delhi: Prime Minister Narendra Modi arrives for Bharatiya Janata Party Parliamentary party meeting at Parliament library. (earlier visuals) pic.twitter.com/O87Mf1ZS6S
— ANI (@ANI) December 11, 2019
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