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खालिस्तानी अभियान को बढ़ावा दे रहा पाकिस्तान, जानिए क्यों चिंतित है भारत

भारत से जाने वाले सिख तीर्थ यात्रियों को बरगला कर पाकिस्तान 'खालिस्तान' के समर्थन में 'जनमत संग्रह 2020 अभियान' में लगा हुआ है.

Updated on: 08 Jul 2019, 09:47 PM

highlights

  • सिख युवकों को बरगलाने में लगा है पाक
  • 'खालिस्तान' के समर्थन में जनमत संग्रह कर रहा पाक
  • सोशल मीडिया पर हो रहा 'जनमत संग्रह 2020 अभियान' का प्रचार

नई दिल्ली:

करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान पर बैठक होने वाली है यह बैठक 14 जुलाई को होगी, इस बैठक से पाकिस्तान ने खालिस्तानी अभियान को एक बार फिर से जिंदा करने की कोशिश की है यह भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है. भारत से जाने वाले सिख तीर्थ यात्रियों को बरगला कर पाकिस्तान 'खालिस्तान' के समर्थन में 'जनमत संग्रह 2020 अभियान' में लगा हुआ है. यहां पर विदेशों से आए हुए सिख तीर्थयात्रियों को भी पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा बरगलाने का काम जारी है. इन तीर्थयात्रियों को 'जनमत संग्रह 2020 अभियान' के लिए बहलाया-फुसलाया जा रहा है जिससे भारत को इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं एक बार फिर से खालिस्तान की डिमांड न उठ जाए.

सोशल मीडिया पर सिखों को बरगला रहे आतंकी
बीते 28 जून को फरीदकोट पुलिस ने 24 वर्षीय सिख युवक सुखविंदर सिंह सिद्धू को गिरफ्तार किया है इस युवक पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करने का आरोप है. पाकिस्तानी आतंकियों के इशारे पर सिद्धू मोगा सैन्य छावनी के पास रेकी करने लगा और भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी वहीं से सीमापार तक पहुंचाने लगा. इसके अलावा सिद्धू सोशल मीडिया पर भी पंजाबी सिखों में जनमत संग्रह के विचारों को लगातार फैला रहा था और सोशल मीडिया पर इस बात पर भी नजरें जमाए बैठा था कि कितने लोग उसके समर्थन में आ रहे हैं.

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पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों सिख तीर्थयात्रियों को बहकाकर बनाया जासूस
अंग्रेजी अखबार 'हिंदुस्तान टाइम्स' की खबर के मुताबिक, सिद्धू ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह नवंबर 2015 में गुरु पर्व उत्सव के लिए पाकिस्तान के सिख तीर्थस्थलों के यात्रा पर गए जत्थे का हिस्सा था. उसी दौरान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने सिद्धू से संपर्क साधा और उसे जासूसी का ये काम सौंपा जिसके बाद से सिद्धू उनके लिए जासूसी का काम करने लगा. सिद्धू से पहले 2013 में तलवेंदर सिंह, 2012 में सुखप्रीत कौर और सूरज पाल सिंह और 2009 में नायब सिंह और भोला सिंह को भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है.

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जासूसी कर रहे सिख युवाओं को हथियारों की भी ट्रेनिंग दी जाती थी
गिरफ्तार किए गए इन सिख युवाओं से जब पूछताछ की गई तो इन्होंने बताया कि इनकी पाकिस्तान की जासूसी टीम में इनकी भर्ती तीर्थ यात्रा के दौरान ही की गई थी. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां जत्थों में शामिल सीधे-सादे सिख युवाओं को न केवल जासूसी बल्कि भारत के पंजाब में आतंकी हमला करने के लिए भी उत्साहित करते हैं जिसके लिए इन सिख युवकों को हथियारों की ट्रेनिंग भी दी जाती है. इसीलिये भारत करतारपुर कॉरीडोर शुरू होने से पहले ही सावधानी बरतते हुए भारत गुरुद्वारा दरबार साहिब से आने वाले तीर्थयात्रियों की स्क्रीनिंग करेगा.