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पकिस्‍तान ने 2050 से अधिक बार किया युद्धविराम का उल्लंघन, 21 भारतीयों की हत्‍या

विदेश मंत्रालय ने आज एक बयान जारी कर बताया कि सीमा पार से आतंकी घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं. पाकिस्‍तानी सेना द्वारा लगातार युद्धविराम उल्लंघन का किया जा रहा है.

नई दिल्‍ली:

विदेश मंत्रालय ने आज एक बयान जारी कर बताया कि सीमा पार से आतंकी घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं. पाकिस्‍तानी सेना द्वारा लगातार युद्धविराम उल्लंघन का किया जा रहा है. इस साल पकिस्‍तान की तरफ से 2050 से अधिक युद्धविराम उल्लंघन किया गया. भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर की गई पाकिस्‍तानी सेना की फायरिंग में इस दौरान 21 भारतीयों की मृत्यु हो गई.

विदेश मंत्रालय का कहना है कि हमने बार-बार पाक से आह्वान किया है कि वह अपने सुरक्षा बलों को 2003 के संघर्ष विराम का पालन करने और नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के लिए कहे. जहां तक भारतीय सेना की बात करें तो वह अधिकतम संयम बरतती है और सीमा पार आतंकवादी घुसपैठ पर अकारण उल्लंघन और प्रयासों का जवाब देती है.

पाकिस्तान की मनमानी

गौरतलब है कि 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35-ए हटाई थी. इसकी सबसे ज्यादा बौखलाहट पाकिस्तान में देखने में आई थी. इसके बाद पाकिस्तान की उकसावेपूर्ण कार्रवाई में 222 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान संघर्ष विराम तोड़ कर भारी गोलीबारी करता है. इसकी आड़ में उसका मकसद आतंकियों की भारतीय सीमा में घुसपैठ कराना ही होता है. अब तो युद्ध की खुलेआम धमकी भी दी जा रही है. ऐसे में भारतीय सेना भी किसी कार्रवाई के लिए खुद को तैयार रखे है.

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पाकिस्तान ने भी सीमा पर बढ़ाई तैनाती
इस कड़ी में शनिवार को सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने एलओसी पर पाकिस्तान से संभावित हमले के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की. इससे पहले सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भी नियंत्रण रेखा पर भारत की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए घाटी का दौरा किया था. गौरतलब है कि सितंबर के पहले हफ्ते में पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर एलओसी के पास अपने इलाके में एक ब्रिगेड के आकार की सेना को स्थानांतरित कर दिया था. इसके साथ ही पाकिस्तान में पीओके के सामने बाग और कोटली सेक्टर में लगभग 2,000 सैनिकों की तैनाती भी की गई है. ऐसे में भारतीय सेना भी हर दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कमर कस चुकी है.