New Delhi:
पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने शरीफ सरकार पर पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव मामले को ठीक से नहीं संभालने का आरोप लगाया है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने गुरुवार को जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी।
विपक्ष के दो नेताओं ने आईसीजे में पाकिस्तान द्वारा रखी गई कमजोर दलीलों को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की भारतीय कारोबारी सज्जन जिंदल की मुलाकात से जोड़ते हुए कहा कि वह (जिंदल) भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त कहे जाते हैं।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के नेता शफकत महमूद ने नवाज शरीफ से जिंदल के साथ अपनी 'गुप्त बैठकों' की जानकारी उजागर करने को कहा।
उन्होंने कहा कि आईसीजे का फैसला शरीफ-जिंदल वार्ता का नतीजा है। महमूद ने सरकार पर यह कहते हुए निशाना साधा कि सरकार ने आईसीजे में अपनी दलीलें रखने के लिए एक ऐसे वकील का चुनाव किया 'जिसने एक भी अंतर्राष्ट्रीय कानूनी मामले को नहीं देखा है।'
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उन्होंने कहा, 'वे चाहते थे कि आईसीजे फांसी की सजा पर रोक लगा दे। यह पूरा खेल जिंदल के पाकिस्तान दौरे के बाद शुरू हुआ।' पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की उपाध्यक्ष शेरी रहमान ने कहा कि पाकिस्तान द हेग में अपने मामले की पैरवी करने में असफल रहा। पाकिस्तान के वकील को दलील रखने के लिए 90 मिनट मिले थे और उन्होंने इसे 50 मिनट में निपटा दिया।
विपक्ष के एक अन्य नेता कामिल अली आगा ने आईसीजे के फैसले को पाकिस्तान की 'सबसे बड़ी राजनयिक हार' बताया।
जबकि, सूचना राज्यमंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि मामला सर्वाधिक उचित तरीके से लड़ा गया। उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति ना करे।
बताया गया है कि जाधव को तीन मार्च 2016 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया गया था।
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल में जाधव को कथित तौर पर जासूसी करने और आतंकवादी गतिविधियों में शरीक होने के आरोपों में दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।
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